“च्यूंटियों के पास जा”
“अनोखी चींटियाँ”—यह अनूठा शीर्षक कुछ वर्ष पहले यहोवा के साक्षियों के शीघ्र-निर्मित राज्यगृह के सम्बन्ध में एक समाचार-पत्र लेख में छपा। इस शीर्षक का कारण क्या था? इस बात को समझना मुश्किल नहीं है जब आप ऐसे एक निर्माण स्थल के ऊपरी चित्र को देखते हैं। उसी समाचार-पत्र लेख के एक उपशीर्षक ने कहा: “एक निर्माण स्थल पर पाँच सौ यहोवा के साक्षी—एक चींटियों का अतियथार्थवादी टीला।”
यह तुलना उचित है, शायद उस संवाददाता की समझ से कहीं ज़्यादा। यह सच है कि काफ़ी ऊँचाई से, एक निर्माण स्थल पर चलते-फिरते चंद सैकड़ों लोग शायद चींटियों के टीले पर चींटियों के समान लगें। लेकिन इस मामले में समानता सिर्फ़ ऊपरी नहीं है। ऐसा क्यों? यहोवा के साक्षी नीतिवचन ६:६ में बाइबल की सलाह को गंभीरता से लेते हैं, जो कहता है: “च्यूंटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो।” एक व्यक्ति चींटियों पर ध्यान देने से कैसे बुद्धिमान हो सकता है?
एक तो, चींटियाँ बहुत काम करती हैं। बाइबल विश्वकोश शास्त्रवचनों पर अंतर्दृष्टि (अंग्रेज़ी) कहता है: “भविष्य के लिए उनकी सहज वृत्तिक तैयारी ही उल्लेखनीय नहीं है, बल्कि उनकी दृढ़ता और निश्चय, अकसर अपने वज़न से दुगने वज़न की वस्तुओं को उठाना या दृढ़तापूर्वक घसीटना, अपने विशिष्ट काम को पूरा करने के लिए यथासंभव कार्य करना और चाहे गिर पड़ें, फिसल जाएँ या किसी खड़ी चट्टान से लुढ़क जाएँ तब भी पीछे हटने से इनकार करना उल्लेखनीय है।”a
समान रूप से, जबकि यहोवा के साक्षी अपने शरीर के वज़न से दुगने भार की निर्माण सामग्री नहीं घसीटते, वे तुलनात्मक रूप से कम समय में अपनी निर्माण परियोजनाओं में जितना निष्पन्न करते हैं, उससे वे अकसर अपने पड़ोसियों को चकित कर देते हैं। उनके राज्यगृहों को सिर्फ़ दो या तीन दिनों के समय में नींव से लेकर तेज़ी से बनकर समाप्त होते देखना असामान्य बात नहीं है!
वे यह सबकुछ कैसे निष्पन्न करते हैं? एक और मुख्य तरीक़े से चींटी की नक़ल करने के द्वारा। शास्त्रवचनों पर अंतर्दृष्टि चींटियों के बारे में कहता है: “उल्लेखनीय रूप से सहकारी, वे अपने घरों को बहुत ही साफ़ रखती हैं, और अपने सहकर्मियों से लगाव रखती हैं, कभी-कभी घायल या थकी हुई चींटियों को वापस घर तक पहुँचाने में मदद करती हैं।” ऊपर बताया गया संवाददाता साक्षियों के बीच समान सहकारी भावना पाकर ऐसा लग रहा था कि प्रभावित हुआ और उसने वर्णन किया कि “निर्माण उद्योग की हर शाख़ा का प्रतिनिधित्व कर रहे लगभग ८० पेशेवरों और उनकी सहायता करनेवाले ४०० स्वयंसेवकों द्वारा, तनाव-मुक्त वातावरण में मुस्कुराते हुए प्राप्त की गयी एक असाधारण उपलब्धि।”
फिर भी, अपने राज्यगृहों का निर्माण करने में यहोवा के साक्षी जो मेहनत और सहकार करते हैं यह उस सबका सिर्फ़ पूर्वानुभव है जो उसके बाद के वर्षों में उन राज्यगृहों के अंदर होता है। वहाँ वे मेहनत करना और एक दूसरे के साथ सहकार करना जारी रखते हैं ताकि अपने शिक्षण और प्रचार कार्य को संगठित करें और ऐसी सभाएँ प्रस्तुत करें जो प्रोत्साहक और शिक्षाप्रद होती हैं। उससे भी महत्त्वपूर्ण, वे एक दूसरे के प्रति वही प्रेमपूर्ण चिंता दिखाने का प्रयास करते हैं जो यीशु ने पृथ्वी पर रहते वक़्त अपने अनुयायियों को दिखायी।—यूहन्ना १३:३४, ३५.
अगर आपने कभी यहोवा के साक्षियों का राज्यगृह देखा है और सोचा है कि अंदर क्या होता है, तो हम आपको ख़ुद आकर देखने का हार्दिक निमंत्रण देते हैं। हम आपको विश्वस्त होकर एक स्नेही स्वागत और एक शिक्षाप्रद भेंट का आश्वासन दे सकते हैं।
[फुटनोट]
a वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित
[पेज 31 पर तसवीर]
औरिलक, फ्रांस में एक शीघ्र-निर्मित राज्यगृह
[पेज 31 पर चित्र का श्रेय]
Line drawings: Pharaoh’s ant. Lydekker