हमारे पाठकों से
ऊब मैंने अभी-अभी श्रंखला “क्या आपका जीवन उबाऊ है? आप उसे बदल सकते हैं!” (जनवरी २२, १९९५, अंग्रेज़ी) पढ़ी है, और मुझे आपको बताना ही होगा कि इसने मेरी कितनी मदद की। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऊब गया हूँ, लेकिन मैं अपने नीरस नित्यक्रम के कारण अपनी ज़िन्दगी से बहुत असंतुष्ट था। इस लेख ने मुझे बातों को एक बिलकुल नए दृष्टिकोण से देखने के लिए विवश किया।
एस. वी., अमरीका
नाज़ीवाद का विरोध करना मैं लेख “हमने हिटलर के युद्ध का समर्थन नहीं किया” से प्रेरित हुआ। (अक्तूबर २२, १९९४, अंग्रेज़ी) इसमें नाज़ीवाद का समर्थन करने के लिए छः ऑस्ट्रियाई बिशपों की “पवित्र घोषणा” का चित्र शामिल था। उनमें से एक वही बिशप था जिसने मुझे १९२८ में पक्का इसाई बनाया था जब मैं एक जेसुइट विद्यार्थी था। मैं ऐसे व्यक्ति द्वारा ‘पक्का इसाई बनाए जाने’ पर हँसता हूँ जो ख़ुद नहीं जानता था कि मसीही विश्वास में दृढ़ कैसे रहें! उस युद्ध ने कैथोलिक चर्च के साथ मेरे रिश्ते को समाप्त कर दिया। मैंने अपना स्वदेश भी छोड़ दिया। हालाँकि मैंने अपने ही तरीक़े से युद्ध का विरोध करने की कोशिश की, मुझ में वुल्फार्ट्स परिवार का सा चरित्र बल नहीं था। मुझे अब भी यहोवा के वे दो साक्षी याद हैं जिन्होंने शस्त्र उठाने से इनकार किया। उन्हें फ़ौरन मार दिया गया। मैं ऐसे लोगों की सराहना करता हूँ।
पी. के., चिली
बच्चे के साथ सोना हम ने आपके जुलाई २२, १९९४ (अंग्रेज़ी) अंक में डॉ. जेम्स मैकॆन्ना के अनुसंधान की रिपोर्ट का एक उद्धरण देखा। (“विश्व-दर्शन”) इसने सुझाया कि अपने बच्चों के साथ सोनेवाली माताएँ SIDS (सडन इन्फॆन्ट डॆथ सिन्ड्रोम) कम करेंगी। न्यू ज़ीलैंड कॉट डॆथ अध्ययन ने दिखाया है कि जब माता-पिता सोते हैं तब अगर बच्चा बिस्तर पर है तो SIDS का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता है।
डॉ. एस. एल. टी., न्यू ज़ीलैंड
इस जानकारी के लिए आपका शुक्रिया। डॉ. मैकॆन्ना ने हाल ही में अपनी स्थिति स्पष्ट की और आकस्मिक शिशु घुटन के ख़तरों को स्वीकार किया जब एक माँ अपने बच्चे के साथ सोती है। (१ राजा ३:१९ से तुलना कीजिए।) इसलिए अधिकांश डॉक्टर अपने बच्चे के साथ सोने का प्रोत्साहन नहीं देते और एक शिशु को ऐसे पालने में सुलाने का सुझाव देते हैं जिसमें कोई तकिया या मोटी रज़ाई न हो।—सम्पादक।
मधु-मक्खी बनाम कम्प्यूटर मुझे लेख “मधु-मक्खी बनाम कम्प्यूटर” के लिए सचमुच अपना आभार व्यक्त करना है। (फरवरी ८, १९९५, अंग्रेज़ी) इस लेख ने मुझे गहराई से छू लिया। हमारे महान सृष्टिकर्ता ने मधु-मक्खी जैसे छोटे जीव को भी अद्भुत और अनोखा बनाया।
सी. के., जर्मनी
आत्मविमोह “आत्मविमोह—उलझानेवाली गड़बड़ी की चुनौतियों का सामना करना,” लेख के लिए आपका बहुत धन्यवाद। (फरवरी ८, १९९५, अंग्रेज़ी) मेरी कलीसिया में एक आत्मविमोही लड़का है, और मुझे उससे बहुत लगाव हो गया है। इस लेख ने मुझे आत्मविमोह को समझने में मदद की। अब मैं जानती हूँ कि मैं उसके और उसकी माँ के साथ समय बिताने के द्वारा सहायता दे सकती हूँ।
ए. एफ., जापान
हमारी बेटी आत्मविमोही नहीं है, लेकिन उसमें वैसे ही लक्षण हैं। हम ख़ुश हैं कि आप लोगों को उन समस्याओं के बारे में जानकारी देते हैं जो अनेक बच्चों को हैं। यह कितना प्रोत्साहक होता है जब लोग ऐसे बच्चों को जीवन के योग्य मनुष्यों के तौर पर उनके साथ व्यवहार करते हैं। ‘मुझे तुम्हारे बारे में बहुत दुःख होता है’ या ‘मैं वो काम कभी नहीं कर सकता जो तुम करते हो’ जैसी टिप्पणियाँ प्रोत्साहक नहीं हैं। हमारी बेटी ख़ुश है, और कभी-कभार हमारे अन्य बच्चे हमें ज़्यादा परेशान करते हैं। हमें उसके जन्म का कोई अफ़सोस नहीं है।
एल. एच., अमरीका