दवाइयों का प्रयोग बुद्धिमानी से कीजिए
नाइजीरिया में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
उस स्त्री ने शिकायत की कि उसे सिरदर्द और पेटदर्द था। डॉक्टर ने उससे थोड़े में बात की। उसके बाद उसने मलेरिया के लिए तीन दिनों तक इंजेक्शन का कोर्स, सिरदर्द को रोकने के लिए पैरासिटॆमोल (ऐसिटामिनोफॆन), पेट में जो शायद अल्सर था उससे राहत पहुँचाने के लिए दो दवाइयाँ, उसकी परेशानी के लिए शामक, और आख़िर में, एहतियात के तौर पर मल्टीविटामिन का एक कोर्स लिखकर दिया। बिल काफ़ी ज़्यादा था, लेकिन उस स्त्री ने कोई आपत्ति नहीं उठायी। वह ख़ुशी-ख़ुशी लौट गयी, इस बात से विश्वस्त कि ये दवाइयाँ उसकी समस्याओं को सुलझा देंगी।
पश्चिम अफ्रीका में ऐसे मशविरे असामान्य नहीं हैं। वहाँ एक बड़े राष्ट्र में एक सर्वेक्षण ने दिखाया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य-कल्याण कार्यकर्ता हर मरीज़ को हर भेंट में औसतन ३.८ भिन्न दवाइयाँ लिखकर देते हैं। असल में, अनेक लोगों के लिए अच्छा डॉक्टर वह है जो ढेर सारी दवाइयाँ लिखकर देता है।
दवाइयों पर पश्चिम अफ्रीकी विश्वास शायद समझ में आए जब आप इस बात पर विचार करें कि पहले स्वास्थ्य स्थिति क्या हुआ करती थी। ४० से ज़्यादा वर्ष पहले, लेखक जॉन गंथर ने पहले के समय के बारे में लिखा: “इस ‘दास-तट’ ने न केवल . . . अश्वेतों को मारा; इसने श्वेत लोगों को भी मारा, और अफ्रीका के इस भाग को कथाओं में ‘श्वेत व्यक्ति की क़ब्र’ के तौर पर जाना जाता है। शताब्दियों तक, गिनी कोस्ट का अकेला राजा था मच्छर। पीत-ज्वर, कालामेह ज्वर, मलेरिया, इस राजा के चुने हुए और घातक हथियार थे। वेस्ट कोस्ट के मौसम की अनर्थकारी घातकता, पुराने इतिहास का रिकार्ड नहीं बल्कि एक जीती-जागती याद है। एक प्रचलित किस्सा उस वाणिज्य अधिकारी का वर्णन करता है जिसे जल्द ही पता लगता है कि उसे नाइजीरिया में नियुक्त किया गया है और वह अपनी पेन्शन के बारे में पूछता है। ‘पेन्शन?’ उपनिवेशी कार्यालय में उसके प्रमुख ने जवाब दिया। ‘मेरे भाई, कोई भी जो नाइजीरिया जाता है इतने समय जीवित नहीं रहता कि सेवा-निवृत्त हो सके।’”
समय बदल गया है। आज न केवल मच्छरों द्वारा फैलाए गए रोगों से, बल्कि अनेक अन्य रोगों से भी लड़ने के लिए दवाइयाँ मौजूद हैं। टीकों ने ही खसरा, काली खाँसी, टॆटनस और डिफ्थीरिया की मृत्यु दर को उल्लेखनीय रूप से कम किया है। टीकों के कारण, चेचक का नामो-निशान मिटा दिया गया है। पोलियो भी जल्द ही शायद अतीत का एक रोग हो जाएगा।
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि आज अनेक अफ्रीकियों को दवाइयों के महत्त्व पर गहरा विश्वास है। निश्चित ही, ऐसा विश्वास पश्चिम अफ्रीका तक सीमित नहीं है। अमरीका में, प्रति वर्ष डॉक्टर ५५ अरब से ज़्यादा नुस्ख़े लिखकर देते हैं। फ्रांस में प्रति वर्ष लोग औसतन ५० बक्से गोलियाँ खरीदते हैं। और जापान में एक साधारण व्यक्ति दवाइयों पर प्रति वर्ष $४०० (यू.एस.) से ज़्यादा ख़र्च करता है।
लाभ बनाम ख़तरे
आधुनिक दवाइयों ने मानवजाति की काफ़ी हद तक सहायता की है। जब इन्हें सही तरीक़े से प्रयोग किया जाता है, तो ये अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं, लेकिन ग़लत तरीक़े से प्रयोग किए जाने पर, ये चोट पहुँचा सकती हैं और मार भी सकती हैं। उदाहरण के लिए, अमरीका में प्रति वर्ष क़रीब ३,००,००० लोगों को दवाइयों के प्रति प्रतिकूल प्रतिक्रिया के कारण अस्पताल में भर्ती किया जाता है, और १८,००० मर जाते हैं।
दवाइयों का प्रयोग बुद्धिमानी से करने के लिए, यह स्वीकार करना ज़रूरी है कि कुछ हद तक ख़तरा हमेशा रहता है। कोई भी दवाई, एस्पिरिन भी, हानिकारक पार्श्व प्रभावों का कारण हो सकती है। पार्श्व प्रभावों की संभावना ज़्यादा होती है यदि आप अनेक दवाइयाँ साथ-साथ लेते हैं। भोजन और पेय भी आपके शरीर में किसी दवाई के असर पर प्रभाव डालते हैं और इसके प्रभाव को बढ़ा सकते हैं अथवा व्यर्थ कर सकते हैं।
दूसरे ख़तरे भी हैं। आपको शायद एक अमुक दवाई से एलर्जी हो। यदि आप नुस्ख़े के अनुसार दवाइयाँ नहीं लेते—सही खुराक सही समयावधि के लिए—तो ये संभवतः आपकी मदद नहीं करेंगी और आपको हानि भी पहुँचा सकती हैं। यही परिणाम हो सकता है यदि आपका डॉक्टर ग़लत दवाई या अनावश्यक दवाइयाँ लिखकर देता है। यदि आप घटिया, नक़ली अथवा ऐसी दवाइयाँ लेते हैं जिनकी समाप्ति तिथि गुज़र चुकी है तब भी आप हानि का ख़तरा मोल ले रहे हैं।
इन ख़तरों को कम करने के लिए, आपको किसी भी दवाई के बारे में जो आप लेते हैं यथासंभव जानकारी होनी चाहिए। तथ्यों को जानकर आप बहुत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
एन्टीबायोटिक्स औषधियाँ—गुण और दोष
क़रीब ५० वर्ष पहले इनके विकास के बाद से, एन्टीबायोटिक्स औषधियों ने करोड़ों लोगों के जीवन को बचाया है। इन्होंने कुष्ठरोग, टीबी, निमोनिया, रक्तज्वर और उपदंश जैसे भयंकर रोगों को पराजित किया है। ये अन्य संक्रमणों से चंगा करने में भी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।
अमरीका में टफ्ट्स् विश्वविद्यालय चिकित्सीय स्कूल में चिकित्सा के प्रोफ़ॆसर, डॉ. स्टूअर्ट लीवी ने कहा: “[एन्टीबायोटिक्स औषधियों] ने चिकित्सा की कायापलट कर दी है। वे एकमात्र कारक हैं जिसने चिकित्सा के इतिहास को सबसे ज़्यादा बदला है।” एक और चिकित्सीय अधिकारी कहता है: “वे ऐसी नींव हैं जिन पर आधुनिक चिकित्सा खड़ी है।”
लेकिन, जल्दी से अपने डॉक्टर के पास जाकर अनेक दवाइयाँ माँगने से पहले, इनके नकारात्मक पहलुओं पर ध्यान दीजिए। एन्टीबायोटिक्स औषधियाँ, जब अनुचित तरीक़े से प्रयोग की जाती हैं, फ़ायदे से ज़्यादा आपको हानि पहुँचा सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एन्टीबायोटिक्स औषधियाँ शरीर में जीवाणुओं पर हमला करने और उन्हें नाश करने के द्वारा कार्य करती हैं। लेकिन वे हमेशा सभी हानिकारक जीवाणुओं को नहीं मारतीं; जीवाणुओं के कुछ अंश हमले का विरोध करते हैं। ये प्रतिरोधी अंश न सिर्फ़ बच जाते हैं बल्कि फल-फूलकर एक के बाद दूसरे व्यक्ति में जाते हैं।
उदाहरण के लिए, पेनसिलीन एक समय पर संक्रमण को चंगा करने के लिए बहुत ही प्रभावकारी था। अब, अंशतः जीवाणुओं के बढ़ते हुए प्रतिरोधी अंशों के कारण, दवाइयों की कम्पनियाँ पेनसिलीन के सैकड़ों भिन्न प्रकार बाज़ार में लाती हैं।
समस्याओं से दूर रहने के लिए आप क्या कर सकते हैं? यदि आपको सचमुच एन्टीबायोटिक्स औषधियों की ज़रूरत है, तो निश्चित कीजिए कि एक योग्य डॉक्टर उनका नुस्ख़ा लिखकर देता है और इन्हें किसी वैध स्रोत से लिया जाता है। अपने डॉक्टर पर एन्टीबायोटिक्स औषधियाँ तुरन्त लिखकर देने का दबाव मत डालिए—वह शायद यह चाहे कि आप प्रयोगशाला परीक्षण करवाएँ, ताकि वह यह निश्चित कर सके कि सुझायी गयी दवा आपकी बीमारी के लिए सही है कि नहीं।
आपके लिए यह भी ज़रूरी है कि सही खुराक सही समयावधि तक लें। आपको एन्टीबायोटिक्स औषधियों का पूरा कोर्स लेना चाहिए, तब भी जब आप इसके ख़त्म होने से पहले बेहतर महसूस करते हैं।
क्या इंजेक्शन गोलियों से बेहतर होते हैं?
“मुझे एक इंजेक्शन चाहिए!” विकासशील देशों में अनेक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा ये शब्द सुने जाते हैं। ऐसी याचना का आधार यह विश्वास है कि दवा सीधे रक्त-प्रवाह में प्रवेश करती है और गोलियों से ज़्यादा प्रभावी इलाज प्रदान करती है। कुछ देशों में लाइसेंस-रहित ‘इंजेक्शन डॉक्टरों’ को बाज़ारों में देखना सामान्य है।
इंजेक्शन में वह ख़तरा होता है जो गोलियों में नहीं होता। अगर सुई साफ़ नहीं है, तो मरीज़ हॆपटाइटिस, टॆटनस, और एड्स से भी संक्रमित हो सकता है। एक गंदी सुई पीड़ादायक फोड़े का भी कारण हो सकती है। ख़तरे बढ़ जाते हैं यदि उस इंजेक्शन को कोई अयोग्य व्यक्ति देता है।
यदि आपको सचमुच एक इंजेक्शन की ज़रूरत है, तो निश्चित कीजिए कि यह चिकित्सा में योग्य किसी व्यक्ति द्वारा आपको लगाया जाए। अपनी सुरक्षा के लिए, हमेशा निश्चित कीजिए कि सुई और सिरिंज दोनों रोगाणु-रहित हैं।
नक़ली दवाइयाँ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के अनुसार, विश्वव्यापी औषधीय उद्योग बड़ा व्यापार है जो प्रति वर्ष क़रीब $१७० अरब (यू.एस.) की कमाई करता है। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए उत्सुक, बेईमान लोगों ने नक़ली दवाइयाँ बनायी हैं। नक़ली दवाइयाँ असली दवाइयों जैसी लगती हैं—साथ ही उनके लेबल और पैकेट—लेकिन वे बेकार होती हैं।
जबकि नक़ली दवाइयाँ सब जगह हैं, वे विशेषकर विकासशील संसार में सर्वसामान्य हैं, और वे दुःखद परिणाम लाती हैं। नाइजीरिया में, औद्योगिक विलायक-द्रव्य मिले पीड़ाहारी घोल को पीने के बाद १०९ बच्चों की गुर्दे ख़राब होने से मौत हुई। मॆक्सिको में, जले के पीड़ितों को तथाकथित उपचार, जिसमें बुरादा, कॉफ़ी और धूल थी, से त्वचा के पीड़ादायक संक्रमण हुए। बर्मा में, बीसियों गाँववासी एक नक़ली दवाई, जिसने मलेरिया के ज्वर का प्रतिरोध नहीं किया, को लेने के परिणामस्वरूप मलेरिया के कारण मर सकते थे। “सबसे ज़्यादा ख़तरा,” डब्ल्यू.एच.ओ. कहता है, “फिर से, उन्हें है जो ग़रीब हैं, जो कभी-कभार सोचते हैं कि यह अच्छा सौदा है जब वे ऐसी दवाई ख़रीदते हैं जो किसी प्रतिष्ठित कम्पनी द्वारा निर्मित बढ़िया दवाई दिखती है।”
आप ख़ुद को नक़ली दवाइयों से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं? निश्चित कीजिए कि आप जो ख़रीदते हैं वह एक सुविख्यात स्रोत से है, जैसे कि अस्पताल का एक औषधालय। सड़क-छाप फेरीवालों से मत ख़रीदिए। बॆनिन सिटी, नाइजीरिया में एक औषध-विक्रेता चिताता है: “सड़क-छाप विक्रेताओं के लिए, दवाइयाँ बेचना केवल एक व्यापार है। वे दवाइयाँ ऐसे देते हैं मानो वे मिठाई या बिस्कुट हों। जिन दवाइयों को वे बेचते हैं वे अकसर पुरानी या नक़ली होती हैं। ये लोग जिन दवाइयों को वे बेच रहे हैं उनके बारे में कुछ नहीं जानते।”
ग़रीबी की समस्या
जो चिकित्सीय उपचार एक व्यक्ति को मिलता है वह अकसर इस बात से निर्धारित होता है कि उसके पास कितना पैसा है। ख़र्च कम करने के लिए और समय बचाने के लिए, विकासशील देशों में लोग शायद डॉक्टर के पास ना जाकर सीधे औषधालय चले जाएँ और ऐसी दवाइयाँ ख़रीद लें जिनके लिए विधि अनुसार एक नुस्ख़े की आवश्यकता है। उन्होंने वह दवाई पहले प्रयोग की है या उनके दोस्तों ने इसकी सिफ़ारिश की है, इसलिए वे जानते हैं कि उन्हें अपनी बीमारी के लिए क्या चाहिए। लेकिन जो उन्हें चाहिए शायद यह वह न हो जिनकी उन्हें ज़रूरत है।
लोग अन्य तरीक़ों से भी ख़र्च कम करने का प्रयास करते हैं। एक डॉक्टर मरीज़ का एक प्रयोगशाला परीक्षण करवाता है और एक अमुक दवा लिखकर देता है। वह मरीज़ औषधालय में नुस्ख़ा ले जाता है लेकिन पाता है कि क़ीमत ज़्यादा है। सो, अतिरिक्त पैसे प्राप्त करने के बजाय, लोग अकसर एक सस्ती दवाई या लिखकर दी गयी दवाइयों में से केवल कुछ ही ख़रीदते हैं।
क्या आपको सचमुच दवाइयों की ज़रूरत है?
यदि आपको सचमुच दवाई की ज़रूरत है, तो पता लगाइए कि आप क्या ले रहे हैं। डॉक्टर या औषध-विक्रेता से लिखी गयी दवाई के बारे में प्रश्न पूछने में शर्म महसूस मत कीजिए। आपको जानने का अधिकार है। आख़िरकार, इससे आपके शरीर को पीड़ा हो सकती है।
अगर आप अपनी दवाइयों को सही तरीक़े से प्रयोग नहीं करते, तो आप शायद ठीक न हों। आपको यह जानने की ज़रूरत है कि कितनी लेनी चाहिए, कब लेनी चाहिए और कितने समय तक लेनी चाहिए। आपको यह भी जानने की ज़रूरत है कि इसे लेते वक़्त कौन-से भोजन, पेय और अन्य दवाओं या कार्यों से दूर रहना है। और आपको संभव पार्श्व प्रभावों और यदि वे उठते हैं तो क्या किया जाना चाहिए इसके बारे में अवगत होने की ज़रूरत है।
साथ ही, यह ध्यान में रखिए कि दवाइयाँ हर चिकित्सीय समस्या का हल प्रदान नहीं करतीं। आपको शायद दवाइयों की ज़रूरत ही ना पड़े। विश्व स्वास्थ्य (अंग्रेज़ी) पत्रिका, एक डब्ल्यू.एच.ओ. प्रकाशन कहता है: “केवल जब दवा की ज़रूरत हो तब इसका प्रयोग कीजिए। विश्राम, अच्छा भोजन और ढेर सारा पेय अकसर एक व्यक्ति के लिए चंगा होने में मदद करने के लिए काफ़ी है।”
[पेज 12 पर बक्स/तसवीर]
“हज़ारों बीमारियाँ, हज़ारों इलाज,” रोम के एक कवि ने कुछ २,००० वर्ष पहले लिखा। आज, उस कवि ने लिखा होता, ‘हज़ारों बीमारियाँ, हज़ारों गोलियाँ’! वाक़ई, ऐसा लगता है कि लगभग हर बीमारी, वास्तविक या काल्पनिक, के लिए एक गोली है। विश्व बैंक के अनुसार, विश्वभर में लगभग १,००,००० क़िस्म की दवाइयाँ हैं, जिन्हें ५,००० से अधिक सक्रिय पदार्थों से बनाया जाता है।
[पेज 13 पर बक्स]
समझदारी से दवाइयों का प्रयोग
१. पुरानी दवाइयाँ प्रयोग न करें।
२. सुविख्यात स्रोत से ख़रीदें। सड़क-छाप फेरीवालों से ना ख़रीदें।
३. निश्चित कीजिए कि आप निर्देशों को समझते हैं और उनके अनुसार करते हैं।
४. किसी और व्यक्ति के लिए लिखी गयी दवाइयों का प्रयोग मत कीजिए।
५. इंजेक्शन लेने का हठ मत कीजिए। मुँह से ली गयी दवाइयाँ अकसर उतनी ही प्रभावकारी होती हैं।
६. दवाइयों को ठंडी जगह पर रखिए, बच्चों की पहुँच के बाहर।