आप अच्छे स्वास्थ्य का आनंद कैसे ले सकते हैं?
इलाज बातचीत का लोकप्रिय विषय है। ऐसा लगता है कि मानो हर दोस्त या पड़ोसी के पास हर बीमारी का कोई मनपसंद इलाज है। माना, अपनी दवा खुद करने की इच्छा बहुत तीव्र हो सकती है। लेकिन, ऐसे भी लोग हैं जो “सिर्फ तब डॉक्टर के पास जाते हैं जब हालत बहुत खराब हो जाती है,” ब्राज़ील की एक डॉक्टर कहती है। “उनकी त्वचा पर घाव होते हैं जो महीनों तक खुद इलाज करने के बाद भी ठीक नहीं होते। जब वे डॉक्टर के पास आते हैं तो पता चलता है कि उन्हें एक किस्म का कैंसर है जिसका इलाज शुरूआत में ही किया जाना चाहिए था।”
शुरू में अगर रोग का पता चल जाए तो अकसर जान बच जाती है, इसलिए देरी करना महँगा पड़ सकता है। “एक ३०-वर्षीय स्त्री को माहवारी आने में देर हुई और उसके पेट के निचले हिस्से में हलका दर्द था। उसने अपनी मर्ज़ी से बड़ी मात्रा में एनलजॆसिक और एण्टी-इन्फलामॆटरी दवाएँ ले लीं और दर्द कम हो गया,” चिकित्सक बताता है। “लेकिन तीन दिन बाद, उसे बहुत रक्तस्राव हुआ और आघात हो गया और जल्दी-से अस्पताल ले जाया गया। मैंने तुरंत उसका ऑपरेशन किया, उसकी डिम्बवाही नली में गर्भ ठहर गया था। वह बाल-बाल बच गयी!”
साउँ पाउलू में एक युवती ने सोचा कि उसमें खून की कमी है, लेकिन असल में बहुत अरसे से उसके गुर्दे कमज़ोर थे। क्योंकि उसने इलाज करवाने में देरी की, प्रतिरोपण करके ही उसकी जान बचायी जा सकती थी। उसकी डॉक्टर यह निष्कर्ष निकालती है: “अकसर मरीज़ डॉक्टरी इलाज करवाने से हिचकिचाता है, अपना इलाज खुद करता है या आम लोगों के बताये हुए दूसरे तरीके आज़माता है, और आगे चलकर उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो जाती हैं।”
हमारा शरीर जो संकेत देता है उन्हें हम निश्चित ही नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहते। फिर भी हम इलाजों या स्व-चिकित्सा के बारे में अति करने से कैसे बच सकते हैं? स्वास्थ्य की परिभाषा इस प्रकार की गयी है: “शरीर, मन या आत्मा में स्वस्थ होने की अवस्था” या “शारीरिक रोग अथवा पीड़ा से मुक्ति।” दिलचस्पी की बात है, यह स्वीकार किया गया है कि किसी-न-किसी हद तक आज अधिकतर बीमारियों को रोका जा सकता है। डॉ. लूइस टॉमस के अनुसार, “हम अकुशल रीति से नहीं रचे गये, बल्कि हम बहुत ही मज़बूत, टिकाऊ जीव हैं, स्वास्थ्य से ओत-प्रोत हैं।” इसलिए, ‘स्वस्थ होते हुए भी रोग का भ्रम करने और चिंता कर-करके मरने के बजाय’ हमें चाहिए कि अपने शरीर को और अपना इलाज खुद करने की हमारे शरीर की अनोखी क्षमता को सहयोग दें। एक कुशल डॉक्टर या स्वास्थ्य चिकित्सक भी हमारी मदद कर सकता है।
डॉक्टरी मदद कब लें
ब्राज़ील का एक डॉक्टर सुझाव देता है कि “यदि बुखार, सिरदर्द, उलटी या पेट, सीने अथवा श्रोणि में दर्द जैसे लक्षण सामान्य दवा से कम नहीं होते और बिना किसी प्रत्यक्ष कारण के बार-बार होते हैं या यदि दर्द एकाएक उठता है या बहुत तेज़ होता है,” तो पेशेवर मदद लेनी चाहिए। दूसरा डॉक्टर सिफारिश करता है कि जब भी हम इस बारे में अनिश्चित होते हैं कि अपने लक्षणों से कैसे निपटें या हमें लगता है कि इस बार पहले से कुछ फर्क है तो हमें डॉक्टरी मदद लेनी चाहिए। वह आगे कहता है: “जब बच्चा बीमार पड़ता है तो उसे अपने आप दवा देने के बजाय, माता-पिता आम तौर पर पेशेवर मदद लेना पसंद करते हैं।”
लेकिन क्या दवा लेना हमेशा ज़रूरी होता है? दवाओं के इस्तेमाल से उलटा नुकसान तो नहीं होगा? क्या कोई गौण प्रभाव (साइड इफॆक्ट्स) होते हैं, जैसे पेट में गड़बड़ी या जिगर या गुर्दों को नुकसान? क्या ऐसा हो सकता है कि दो दवाएँ मेल न खाएँ? “शायद ही कोई मरीज़ अपनी समस्याओं को भावशून्य होकर या असलियत में देखता है,” द न्यू एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका कहती है। फिर भी, एक कुशल डॉक्टर हमें यह देखने में मदद दे सकता है कि सभी दवाएँ नुकसानदेह हो सकती हैं और आज शायद ही कोई ऐसी दवा है जिसका कोई गौण प्रभाव न हो। अगली बार जब आप डॉक्टर की लिखी हुई कोई दवा खरीदें तो गौण प्रभावों के बारे में उसके लेबल पर दी गयी चेतावनी पढ़कर देखिए! अनुचित रूप से या ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल करें तो उस दवा से भी नुकसान या मौत हो सकती है जो डॉक्टर की सिफारिश के बिना मिल जाती है।
द बॉस्टन ग्लोब में रिचर्ड ए. नॉक्स की एक रिपोर्ट में सावधानी की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया है: “संधिशोथ के लाखों रोगी जो हर दिन दर्द निवारक दवा लेते हैं उन्हें अचानक और संभवतः घातक रक्तस्राव का जोखिम है, स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रिपोर्ट करते हैं।” वह आगे कहता है: “इसके अलावा, शोधकर्ता चिताते हैं कि दर्द निवारकों को अम्लनाशक या प्रचलित अम्ल-रोधी गोलियों के साथ-साथ लेना पेट की गंभीर जटिलताओं से सुरक्षा नहीं देता बल्कि यह खतरे को बढ़ा सकता है।”
सामान्य स्व-चिकित्सा के बारे में क्या? रीवराऊँ प्रेटू, ब्राज़ील का एक डॉक्टर कहता है: “मैं सोचता हूँ कि यदि सबके पास घर में छोटा-सा दवाखाना हो तो बहुत अच्छा होगा . . . लेकिन, इन दवाओं को बड़ी समझदारी और अक्लमंदी से इस्तेमाल करना चाहिए।” (पृष्ठ ७ पर बक्स देखिए।) साथ ही, प्राथमिक स्वास्थ्य शिक्षा जीवन की गुणवत्ता बढ़ाती है। क्योंकि हर व्यक्ति की स्थिति भिन्न होती है, सजग होइए! किसी खास दवा, इलाज, या प्राकृतिक उपाय की सिफारिश नहीं करती।
अच्छा स्वास्थ्य—आप क्या कर सकते हैं?
“दुनिया के सबसे अच्छे डॉक्टर हैं डॉक्टर आहार, डॉक्टर आराम और डॉक्टर आनंद,” १८वीं सदी के लेखक जॉनथन स्विफ्ट ने लिखा। सचमुच, संतुलित आहार, अच्छा आराम और आनंद अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं। इसकी विषमता में, चतुर विज्ञापनों में किये गये दावों के बावजूद हम सिर्फ दवाएँ लेकर अच्छा स्वास्थ्य नहीं खरीद सकते। “औषधियों का अनावश्यक और खतरनाक इस्तेमाल” प्रतिरक्षा तंत्र को कमज़ोर बना सकता है।—डीसीओनार्यू टेरापेऊटीकू ग्वानाबारा।
लेकिन, ज़िम्मेदाराना जीवन जीने और दवाओं के दुरुपयोग, धूम्रपान के अत्यधिक सेवन तथा बहुत अधिक तनाव से बचने के द्वारा हम अपने स्वास्थ्य को काफी बेहतर बना सकते हैं। ब्राज़ील में मॆरीअन नाम की एक पुरानी मिशनरी, जिसकी उम्र ६० से ज़्यादा है, इस प्रकार कहती है: “संतुलित जीवन जीने और तरह-तरह के स्वास्थ्यकर भोजन करने के द्वारा मेरा स्वास्थ्य काफी अच्छा रहा है।” वह यह भी बताती है: “मैं आम तौर पर जल्दी उठना पसंद करती हूँ, इसलिए रात को जल्दी सोना ज़रूरी हो जाता है।” सहज बुद्धि और अच्छी आदतों को कम नहीं समझना चाहिए, और समय-समय पर डॉक्टरी जाँच करवाने और एक योग्य पारिवारिक डॉक्टर के साथ अच्छा संचार रखने के महत्त्व को भी कम नहीं समझना चाहिए।
मॆरीअन स्वस्थ रहना चाहती है लेकिन वह ध्यान रखती है कि अपने स्वास्थ्य के बारे में लापरवाह न बने और न ही उसकी ज़रूरत से ज़्यादा चिंता करे। वह कहती है: “स्वास्थ्य के बारे में कोई भी फैसला करते समय मैं यहोवा के मार्गदर्शन के लिए भी प्रार्थना करती हूँ, ताकि मैं जो फैसला करूँ वह आगे चलकर सबसे सही साबित हो और मैं अपने स्वास्थ्य को सुधारने की कोशिश में बहुत समय और साधन न खर्च करूँ।” वह आगे कहती है: “क्योंकि सक्रिय रहना बहुत ज़रूरी है, इसलिए मैं परमेश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि अपने समय और अपनी शक्ति का सदुपयोग करने में मेरी मदद करे जिससे कि मैं बिन बात के सुस्त न पड़ूँ और न ही हद से ज़्यादा मेहनत करूँ।”
सच्चा सुख पाने के लिए हम भविष्य को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। यदि हमारा स्वास्थ्य अभी काफी अच्छा है तो भी रोग, पीड़ा, कष्ट और अंत में मौत का साया तो बना ही रहता है। क्या कोई आशा है कि हम कभी पूर्ण स्वास्थ्य का आनंद ले सकेंगे?
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संतुलित रूप से अपनी देखरेख करने के लाभ
आपका स्वास्थ्य काफी हद तक इस पर निर्भर है कि आप क्या खाते और क्या पीते हैं। यदि आप एक गाड़ी को पानी मिले हुए पॆट्रोल से चलाने की कोशिश करें या पॆट्रोल में चीनी मिला दें, तो इंजन जल्द ही खराब हो जाएगा। उसी तरह, यदि आप बाज़ारू चीज़ें खा-पीकर काम चलाने की कोशिश करें तो आगे चलकर आपका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा। कंप्यूटर जगत में इसे “GIGO” कहा जाता है जिसका अर्थ है “गारबॆज इन, गारबॆज आउट” (कूड़ा अंदर, कूड़ा बाहर)।
प्राथमिक चिकित्सा की प्रोफॆसर, डॉ. मॆलनी मिंटसर बताती है: “तीन किस्म के मरीज़ होते हैं: वे जो डॉक्टर के पास ऐसी शिकायतें लेकर जाते हैं जिन्हें वे घर पर अपने आप आसानी से ठीक कर सकते हैं, वे जो स्वास्थ्य कल्याण व्यवस्था का उचित प्रयोग करते हैं, और वे जो तब भी डॉक्टर के पास नहीं जाते जब उन्हें जाना चाहिए। पहले वर्ग के लोग अकसर डॉक्टरों का समय और स्वयं अपना समय और पैसा बरबाद करते हैं। जो तीसरे वर्ग के लोग हैं वे समय पर पेशेवर मदद न लेने के कारण अपनी जान को खतरे में डालते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि दूसरे वर्ग में ज़्यादा लोग हों तो अच्छा हो।”
“अच्छे स्वास्थ्य की सात कुंजियाँ हैं: सही चीज़ें खाएँ और पीएँ, नियमित रूप से व्यायाम करें, धूम्रपान न करें, पर्याप्त आराम करें, तनाव को नियंत्रण में रखें, मज़बूत सामाजिक बंधन बनाए रखें, रोग और दुर्घटनाओं का जोखिम कम करने के लिए समझदारी से एहतियात बरतें।”—डॉक्टर को बुलाने से पहले—३०० से ज़्यादा चिकित्सा समस्याओं के लिए सुरक्षित, प्रभावकारी स्व-चिकित्सा (अंग्रेज़ी), ऐन साइमन्स, एम.डी., बेबी हैसलब्रिंग, और माइकल कैसलमन द्वारा।
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घर में दवाओं की अलमारी
“यह अनुमान लगाया गया है करीब ९० प्रतिशत लक्षण—दर्द, पीड़ा, चोट और परेशानी या रोग के दूसरे लक्षण—यदि उन वयस्कों में दिखायी पड़ते हैं जो आम तौर पर स्वस्थ रहते हैं तो कोई ध्यान नहीं दिया जाता और न ही किसी को बताया जाता है। . . . अकसर झटपट आराम पहुँचानेवाली कोई आम दवा ले ली जाती है, जैसे सिरदर्द के लिए २ ऐस्प्रिन।”
“हम यह सब अकसर इसलिए कर पाते हैं क्योंकि घर में दवाओं की अलमारी होती है। इससे डॉक्टर के पास या क्लिनिक जाने से बच जाते हैं जो अनावश्यक और महँगा होता है।”—कंप्लीट होम मॆडिकल गाइड, द कोलंबिया यूनिवर्सिटी कॉलॆज ऑफ फिज़ीशियन्स एण्ड सर्जन्स।
यही स्रोत सिफारिश करता है कि घर में दवाओं की अलमारी रखें जिसमें बैंड-एड, टेप, गॉज़, रूई, पट्टी, तरह-तरह के मरहम और क्रीमें, डिटॉल, कैंची, थर्मोमीटर और काम की दूसरी चीज़ें हों।
यह स्रोत सिफारिश करता है कि दवाओं के रूप में बुखार और दर्द कम करनेवाली गोलियाँ, अम्लनाशक, कॉफ सिरप, एण्टीहिस्टामाइन/डीकंजॆस्टॆंट, हलका जुलाब और दस्त रोकने की दवा रखें।
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चेतावनी के दो शब्द
“जबकि OTC [ओवर द काउंटर] दवाओं के लिए डॉक्टर के नुस्खे की ज़रूरत नहीं होती, फिर भी वे असली दवाएँ होती हैं। डॉक्टर के नुस्खे पर मिलनेवाली दवाओं की तरह, कुछ OTC दवाओं को भी दूसरी दवाओं या खाने की अमुक चीज़ों या शराब के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए। दूसरी दवाओं की तरह, OTC दवाएँ ज़्यादा गंभीर समस्याओं को छिपा सकती हैं या दवाओं की लत डाल सकती हैं। और कभी-कभी जब डॉक्टर के पास जाना ज़रूरी होता है तो बस OTC दवा लेकर काम नहीं चलाना चाहिए।
“फिर भी, अधिकतर [OTC] दवाएँ सुरक्षित और प्रभावकारी होती हैं . . . वे असरदार होती हैं और काफी असरदार होती हैं।”—बुद्धिमानी से दवाओं का इस्तेमाल करना (अंग्रेज़ी)।
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याद रखिए कि कोई जड़ी-बूटी या दवा पूरी तरह सुरक्षित नहीं होती
१. विक्रेता की दवाओं की अलमारी
२. खुले में दवा बेचनेवाला
३. प्राकृतिक दवाओं की थैलियाँ