घर में दाने अंकुरित कीजिए
हवाई में सजग होइए! संवाददाता द्वारा
क्या आप कभी-कभी अपने पास के बाज़ार में ताज़ी, चिकनी, और पौष्टिक सब्ज़ियाँ ढूँढती हैं और नहीं पातीं? तो, अब मत ढूँढिए! कम-से-कम समय और प्रयास के साथ, आप असल में अपने ही घर या मकान में सब्ज़ियाँ उगा सकती हैं। कैसे? दाने अंकुरित करने के द्वारा!
दाने इतनी आसानी से अंकुरित हो जाते हैं कि एक बच्चा भी यह कर सकता है। इसके लिए कोई खोदाई नहीं, कोई निराई नहीं, और जटिल रसायनों का कोई प्रयोग नहीं, बस थोड़ी-सी जगह चाहिए होती है। सबसे बढ़कर, आप अपनी फ़सल उसके उगने के मात्र चार या पाँच दिन बाद खा सकती हैं! लेकिन सुविधा ही एकमात्र लाभ नहीं है।
एक बात है कि अंकुरित दाने पौष्टिक होते हैं—शायद साधारण फलियों या बीजों से भी अधिक। गे कोर्टर की पुस्तक, द बीनस्प्राउट बुक (अंग्रेज़ी) कहती है: “जैसे-जैसे बीज अंकुरित होने लगते हैं, उनकी विटामिन मात्रा भी बढ़ने लगती है। युनिवर्सिटी ऑफ़ पॆनसिल्वेनिया में किए गए एक अध्ययन ने पाया कि सोयाबीन (प्रति १०० ग्राम [क़रीब ४ आउन्स] बीज) के शुरू के अंकुरों में केवल १०८ मिलीग्राम विटामिन सी था। लेकिन ७२ घंटों के बाद विटामिन सी की मात्रा बढ़कर ७०६ मिलीग्राम हो गयी थी!”
अंकुरित दाने सस्ते भी पड़ते हैं। असल में, आपके पास शायद इसके लिए ज़रूरी सारा सामान पहले ही उपलब्ध है।
तैयारी करना
पहले, आपको एक बर्तन की ज़रूरत है। काँच या प्लास्टिक का एक बड़ा मर्तबान, मिट्टी की हँडिया, काँच या चीनी-मिट्टी का कटोरा, या एक गहरा तसला काफ़ी होगा। एक छिछला तसला भी प्रयोग कर सकती हैं, गीले मलमल के कपड़े या सोख़्ता काग़ज़ की दो परतों के बीच बीजों की एक परत बिछाइए ताकि बीज सूख न जाएँ। आप जो भी बर्तन चुनें, यह ध्यान रखिए कि वह काफ़ी बड़ा हो जिससे कि बीजों को अंकुरित होने की जगह मिले और उनके आस-पास हवा जाने की जगह भी रहे। मैं ने पाया है कि लसुनघास जैसे छोटे बीजों के लिए काँच का मर्तबान अच्छा रहता है। खड़ी मूँग जैसे थोड़े बड़े बीजों के लिए एक गहरा बर्तन या हँडिया ज़्यादा अच्छी हो सकती है। यह उन्हें उनके लिए ज़रूरी ज़्यादा जगह देता है और अंकुरों को सड़ने या खट्टा होने से बचाता है।
आपको अपने बर्तन के लिए एक ढक्कन की भी ज़रूरत होगी। एक प्लास्टिक की जाली, मलमल का कपड़ा, या पुराना दुपट्टा भी चलेगा। इसे बर्तन के मुँह पर बाँधने के लिए आपको बस एक मज़बूत रबर बैंड या डोरी की ज़रूरत पड़ेगी। जी हाँ, क्योंकि बीजों को दिन में कम-से-कम दो बार खँगालना ज़रूरी है, आपको पानी की भी ज़रूरत होगी और पानी निकालने के लिए शायद एक छलनी भी चाहिए होगी।
अंततः, आपको बीजों की ज़रूरत होगी। लगभग सभी खाद्य बीजों को अंकुरित किया जा सकता है। (लेकिन, मैं ध्यान रखती हूँ कि ऐसे बीज न प्रयोग करूँ जो रसायनों से संसाधित किए गए होते हैं।) एक नौसिखिए के आज़माने के लिए सबसे अच्छे बीज होते हैं खड़ी मूँग या लसुनघास के दाने। इन्हें अंकुरित करना आसान होता है और ये बहुत स्वादिष्ट होते हैं! अब, मैं आपको बताती हूँ कि यह कैसे किया जाता है।
घर में दाने अंकुरित करना
पहला दिन: पहले, बीजों को ध्यान से खँगालिए। फिर, बर्तन में इतना पानी भरिए कि बीज या फलियाँ डूब जाएँ और पानी क़रीब दो इंच तक उनके ऊपर हो। बीजों को कम-से-कम आठ से दस घंटे तक भिगाकर रखिए। आप रात को सोने से पहले बीज भिगा सकती हैं। आठ से दस घंटे बाद, बीज फूल जाएँगे और उनका छिलका थोड़ा-सा खुल जाएगा। वे अंकुरित किए जाने के लिए तैयार हैं।
दूसरा दिन: सुबह, ढक्कन लगाकर बर्तन से पानी निकाल दीजिए। (क्योंकि इस पानी में विटामिन हैं, आम तौर पर मैं इसे अपने पौधों में डाल देती हूँ।) अब, बर्तन को दुबारा पानी से भर दीजिए। उसे एकाध बार हिलाइए, और उसे उल्टा कीजिए जिससे कि पानी बह जाए। बर्तन को फिर पानी से भरिए, बीजों को खँगालिए और पानी को बहा दीजिए, ऐसा कुल तीन बार कीजिए। यदि आपने भीगे हुए बीजों को एक छिछली प्लेट में डाल दिया है, तो पानी को धीरे से मलमल के कपड़े पर डालिए, और प्लेट को टेढ़ा करके पानी बहाइए। बाद में, खँगालने की यह प्रक्रिया दोहराइए ताकि बीज दिन में दो बार अच्छी तरह धुल जाएँ।
तीसरा दिन: अब तक, आपको अपने दाने अंकुरित होते दिखने चाहिए। उन्हें दिन में दो बार खँगालना जारी रखिए।
चौथा दिन: आप अंकुरित दाने खाना शुरू कर सकती हैं! आप अंकुरित मूँग दानों को काफ़ी लम्बा बढ़ने दे सकती हैं और उनमें कड़वा स्वाद भी नहीं आएगा। बस दिन में दो बार अंकुरित दानों को खँगालना न भूलिए। आप अपने अंकुरित दानों को क़रीब एक घंटे के लिए धूप में भी रख सकती हैं और फिर उन्हें फ्रिज में रख दीजिए। सुन्दर हरे रंग की छोटी-छोटी कोपलें फूटेंगी—अति स्वादिष्ट!
सफलता का मज़ा चखने के बाद, अब आप शायद दूसरे क़िस्म के दाने या बीज आज़माना चाहें। हरेक का स्वाद और अंकुरित होने का समय थोड़ा अलग होता है। उदाहरण के लिए, आप शायद सूरजमुखी के धुले बीज अंकुरित करना चाहें। इन अंकुरित दानों को दो दिन में खा लेना अच्छा होता है, जब अंकुर सिर्फ़ आधे इंच के होते हैं। यदि वे उससे ज़्यादा लम्बे हो जाएँ तो उनमें कड़वा स्वाद आ सकता है।
अंकुरित दानों को कैसे परोसें
अधिकतर अंकुरित दानों को सलाद, सैंन्डविच में कच्चा ही खाया जा सकता है या किसी भी भोजन में डाला जा सकता है जिसमें फलियाँ और दाने प्रयोग किए गए हैं। लेकिन, अंकुरित फलियों को खाने से पहले १० से १५ मिनट भाप दिया जा सकता है। या आप थोड़े-से तेल, लहसुन, और नमक के साथ उन्हें हल्का-सा तल सकती हैं। यह एक बड़ा स्वादिष्ट भोजन है! गेहूँ और राई के अंकुरित दाने बहुत मीठे होते हैं और ब्रॆड और मफ़िन्स के साथ अच्छे चलते हैं।
अतः दाने अंकुरित करना एक स्वास्थ्यकर और सस्ता शौक़ है। आप इसे रोमांचक और फलदायी भी पा सकती हैं। आख़िरकार, सफलता दर ऊँची है और परिणाम स्वादिष्ट!
[पेज 17 पर चित्र का श्रेय]
जापानी स्टॆन्सिल डिज़ाइन
[पेज 18 पर तसवीर]
पहला दिन: बीजों को पानी में आठ से दस घंटे भिगाइए
[पेज 19 पर तसवीर]
दूसरा और तीसरा दिन: दिन में दो बार बीजों को अच्छी तरह खँगालिए
[पेज 19 पर तसवीर]
चौथा दिन: अंकुरित दाने (मलमल के कपड़े पर, यहाँ पार्श्व से दिख रहे हैं) खाने के लिए तैयार हैं!