बीज के बढ़ने के लिए सिंचाई ज़रूरी
1. किसके बढ़ने के लिए पानी डालना ज़रूरी है?
बगीचे में बोए गए बीज के बढ़ने के लिए उसमें पानी डालना ज़रूरी होता है। यही बात सच्चाई के बीज के बारे में भी सच है, जो हम लोगों के दिलों में बोते हैं। (1 कुरिं. 3:6) अगर हम चाहते हैं कि यह लाक्षणिक बीज जड़ पकड़े, बढ़े और फले-फूले तो ज़रूरी है कि हम दिलचस्पी दिखानेवालों से दोबारा मिलकर परमेश्वर के वचन से उस बीज को सीचें।
2. हम अगली भेंट के लिए तैयारी कैसे कर सकते हैं?
2 सवाल पूछिए: जब आप प्रचार के लिए एक पेशकश तैयार करते हैं तो क्यों ना आप एक दिलचस्पी जगानेवाला ऐसा सवाल भी तैयार करें जिसका जवाब आप वापसी भेंट के दौरान दे सकें? आप यह सवाल घर-मालिक से पहली मुलाकात के आखिर में पूछ सकते हैं और उससे दोबारा मिलने का दिन और समय तय कर सकते हैं। कई लोगों ने पाया है कि बाइबल सिखाती है किताब पर आधारित कोई सवाल पूछना अच्छा है क्योंकि इससे वे अगली भेंट में सीधे उस किताब से बाइबल अध्ययन का प्रदर्शन करके दिखा पाते हैं।
3. पहली मुलाकात के आखिर में आप क्या जानकारी लिख सकते हैं?
3 रिकॉर्ड रखिए: घर-मालिक से पहली मुलाकात के तुरंत बाद थोड़ा समय निकालकर अपनी मुलाकात के बारे में कुछ जानकारी लिखिए। आप उस व्यक्ति का नाम और पता लिख सकते हैं। यह लिखना भी अच्छा रहेगा कि आपने उससे किस तारीख को, किस समय पर और किस विषय पर बात की और आपने उसे कौन-सा साहित्य दिया। क्या उसने अपना धर्म बताया था? क्या उसका परिवार है? क्या उसने अपनी दिलचस्पी या अपनी चिंताओं का ज़िक्र किया था? ऐसी जानकारी लिखने से आप भविष्य में इन बातों को ध्यान में रखकर उससे बात कर सकेंगे। यह भी लिखिए कि आपने कब उससे दोबारा मिलने का वादा किया है और उसे किस सवाल का जवाब देनेवाले हैं।
4. हमें दिलचस्पी दिखानेवालों से मिलने की कोशिश क्यों करते रहना चाहिए?
4 लगे रहिए: एक व्यक्ति के दिल में बोए गए ‘वचन को ले जाने’ के लिए शैतान अपनी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा देगा। (मर. 4:14, 15) इसलिए अगर दिलचस्पी दिखानेवाला आपको घर पर दोबारा नहीं मिलता तो हार मत मानिए। क्या आप उसे एक खत भेज सकते हैं या दरवाज़े पर कोई परचा लिखकर छोड़ सकते हैं? एक पायनियर ने एक स्त्री के साथ बाइबल अध्ययन शुरू किया था, लेकिन बाद में वह उसे घर पर मिलती ही नहीं थी। इसलिए उस बहन ने उसे एक खत लिखा। आखिरकार जब वह बहन उस स्त्री से उसके घर पर दोबारा मिल पायी, तब उसने कहा कि बहन ने उसमें जो निजी दिलचस्पी दिखायी थी, वह वाकई उसके दिल को छू गयी। जब सच्चाई के बीज को सींचा जाता है तो उससे अंकुर फूटने लगता है, वह बढ़ता है और फिर “तीस गुना, साठ गुना और सौ गुना फल” पैदा करता है। (मर. 4:20) यह देखकर दिल को वाकई खुशी होती है। हम भी ऐसी खुशी का अनुभव कर पाएँगे अगर हम सच्चाई के बीज को सींचने में लगे रहें।