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g97 4/8 पेज 9-10

अपराध के बिना एक संसार कैसे?

संघटित अपराध के विरुद्ध लड़ाई दुनिया-भर में चल रही है। “बहुत ही कम समय में माफ़िया के ख़िलाफ़ उल्लेखनीय प्रगति हुई है,” यू.एस. न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट (अंग्रेज़ी) ने घोषणा की, “अधिकतर एक कानून, अर्थात्‌ रैकॆटियर इन्फ्लूएन्सड्‌ एण्ड करप्ट ऑर्गनाइज़ेशन्स एक्ट, या RICO की बदौलत।” यह धोख़ाधड़ी गतिविधि के एक तरीक़े के आधार पर आपराधिक संघटनों की दोषसिद्धि की अनुमति देता है, केवल एकल करतूतों की नहीं। टेलिफ़ोन को टेप करने के ज़रिए प्राप्त जानकारी और माफ़ी के खोजी मुख़बिर गिरोह सदस्यों के साथ, इसने अमरीका में माफ़िया के ख़िलाफ़ जंग की क़ामयाबी में एक भूमिका निभायी है।

इटली में भी अधिकारी-गण तीव्रता से गिरोहों के विरुद्ध हो रहे हैं। सिसिली, सारडीनिया, और कालाब्रिया जैसे इलाक़ों में, जहाँ संघटित अपराध की तूती बोलती है, वहाँ आपराधिक तत्वों के हमलों को रोकने के लिए सैन्य इकाइयों को सार्वजनिक इमारतों और महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की गश्‍त लगाने के लिए भेजा गया है। सरकार इसे कुछ हद तक एक गृह-युद्ध के रूप में देखती है। क्योंकि आपराधिक संघों के कुख्यात सरगना जेल में हैं और एक भूतपूर्व प्रधान मंत्री पर उसके कथित माफ़िया ताल्लुक़ातों के लिए अभियोग लगाया गया है, इटली को कुछ परिणाम मिल रहे हैं।

जापान में सरकार ने याकूज़ा पर प्रतिबन्ध लगा दिया जब उसने मार्च १, १९९२ को संघटित अपराध विरोधी नियम को प्रभावी किया। इस नियम के तहत, एक बार जब किसी गिरोह संघटन को ऐसा क़रार दिया जाता है, तो इसे हिंसक ज़ोर-ज़बरदस्ती के ११ कार्यों से निषिद्ध किया जाता है, जिनमें मुँह-भराई के पैसे माँगना, संरक्षण रैकॆटों में भाग लेना, और मेहनताना लेकर मामला सुलटने में हस्तक्षेप करना शामिल है। इस नियम को लागू करने के द्वारा, सरकार का लक्ष्य है कि गुट आमदनी के सभी स्रोतों पर रोक लगाना। इस नियम से आपराधिक संघटनों को भारी धक्का लगा। कुछ गिरोह तो बिखर गए हैं, और एक अपराधी बॉस ने आत्महत्या कर ली—स्पष्टतया इस नियम के सख़्ती से लागू किए जाने के कारण।

वाक़ई, सरकारें और नियम-लागू करनेवाली एजन्सियाँ संघटित अपराध के विरुद्ध एक कड़ा संघर्ष कर रही हैं। फिर भी, माइनीची डेली न्यूज़ (अंग्रेज़ी) ने, १९९४ में आयोजित दुनिया-भर के न्यायाधीशों और पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन की रिपोर्ट करते वक़्त कहा: “संघटित अपराध दुनिया के लगभग हर भाग में और भी ताक़तवर और समृद्ध होता जाता है, और एक साल में क़रीब-क़रीब एक लाख करोड़ डॉलर तक की आय बटोरता है।” अफ़सोस की बात है, पृथ्वी पर से आपराधिक संघों को समूल उखाड़ने के मानवी प्रयास सीमित हैं। इसका एक कारण यह है कि अनेक मामलों में न्याय तत्पर और पक्का नहीं है। अनेक लोगों के लिए, अकसर ऐसा प्रतीत होता है कि कानून अपराधी के पक्ष में भारी है, न कि शिकार व्यक्‍ति के पक्ष में। बाइबल ने कुछ ३,००० साल पहले ही कहा: “बुरे काम के दण्ड की आज्ञा फुर्ती से नहीं दी जाती; इस कारण मनुष्यों का मन बुरा काम करने की इच्छा से भरा रहता है।”—सभोपदेशक ८:११.

आपराधिक संघटनों से बाहर निकलना

बाहर से संघटित अपराध पर न्यायिक क़दम उठाने के अतिरिक्‍त, सरकारों ने उसके अन्दर के लोगों को अपराधी संघों से बाहर निकलने में मदद देने की कोशिश की है। एक ऐसा क़दम आसान नहीं है। एक पुरानी कहावत के अनुसार, “अर्थी ही माफ़िया से छुटकारा दिला सकती है।” याकूज़ा संघटन को छोड़ने के लिए एक गुट-सदस्य से माँग की जाती है कि वह एक बहुत मोटी रक़म दे या अपनी छोटी उँगली अथवा उसका एक हिस्सा कटवा ले। अपराधी-वर्ग के साथ नाता तोड़ने में शामिल भय को और बढ़ाने के लिए, एक भूतपूर्व बदमाश को एक सीधी-सादी ज़िंदगी जीने की हक़ीक़त का सामना करना पड़ता है। नौकरी के लिए उसकी अर्ज़ियों को अकसर अस्वीकार किया जाएगा। लेकिन कुछ देशों में, ऐसे गिरोह-सदस्यों की मदद करने के लिए सीधी पुलिस टेलिफ़ोन सेवाएँ हैं, जो मुक्‍त होने की कोशिश कर रहे हैं और जिन्हें अच्छी नौकरी पाने में काफ़ी दिक़्क़त हो रही है।

गिरोह परिवार से दबावों का और समाज की पूर्वधारणा का सामना करने के लिए, एक गुट-सदस्य को एक ईमानदार ज़िंदगी की शुरूआत करने के लिए प्रबल प्रेरणा की ज़रूरत होती है। कौन-सी बात उसे प्रेरित कर सकती है? यह अपने परिवार के लिए प्रेम, एक सुकून-भरी ज़िंदगी की लालसा, या सही कार्य करने की इच्छा हो सकती है। लेकिन, सबसे प्रबल प्रेरणा को इसी अंक के पृष्ठ २६ में यासूओ काटाओका की कहानी के द्वारा अच्छी तरह से सचित्रित किया गया है।

यासूओ काटाओका उन सैकड़ों लोगों में से एक ठेठ व्यक्‍ति है जिन्होंने पूरी तरह अपनी ज़िंदगी को बदल डाला है। जो पशु-समान गुण उन्होंने पहले दिखाए थे, उनकी जगह नए मनुष्यत्व ने ले ली है “जो परमेश्‍वर [की इच्छा] के अनुसार सत्य की धार्मिकता, और पवित्रता में सृजा गया है।” (इफिसियों ४:२४) ऐसे लोग जो भेड़ियों के समान थे, अब नरम-दिल, मेम्ने-समान नागरिकों के बीच शांतिपूर्ण रूप से निवास कर रहे हैं, और यहाँ तक कि वे दूसरों की मदद कर रहे हैं!—यशायाह ११:६.

संसार की आत्मा से मुक्‍त होइए

पिछले लेख में जैसे उल्लेख किया गया था, न केवल सभी आपराधिक संघ शैतान अर्थात्‌ इब्‌लीस के एकमात्र अदृश्‍य अधिकार में हैं, बल्कि सारा संसार है। लोगों को इसका एहसास भी नहीं होता, लेकिन शैतान ने संसार को ऐसे संघटित किया है ताकि यह उसके आपराधिक लक्ष्यों को पूरा करे। ठीक जिस प्रकार अपराध संघ दौलत और झूठी पारिवारिक प्रणालियाँ प्रदान करते हैं, उसी प्रकार वह लोगों को धन-दौलत, सुख-सुविधाएँ, और एकरूपता की भावना प्रदान करने के द्वारा एक हितैषी मालिक की भूमिका निभाता है। हालाँकि आपको शायद इसका एहसास न हो, लेकिन आप शायद उसके दुष्ट षड़यंत्रों के झाँसे में आ गए हों। (रोमियों १:२८-३२) बाइबल हमें बताती है कि “संसार से मित्रता करनी परमेश्‍वर से बैर करना है।” (याकूब ४:४) इस संसार के साथ, जो शैतानी प्रभाव में है, घनिष्टता बढ़ा लेना सुरक्षा की बात नहीं है। विश्‍व के सृष्टिकर्ता के पास यीशु मसीह के अधीन स्वर्गदूतों की सेना है जो शैतान और उसके पिशाचों को इकट्ठा करने को तैयार है ताकि वे संसार से उनके दुष्ट प्रभावों का सफ़ाया कर सकें।—प्रकाशितवाक्य ११:१८; १६;१४, १६; २०:१-३.

तो फिर आप शैतान के संसार के प्रभाव से कैसे निकल सकते हैं? एक विरागी की ज़िंदगी व्यतीत करने के द्वारा नहीं बल्कि उन मनोवृत्तियों और सोच-विचार के नमूनों से मुक्‍त होने के द्वारा जो आज संसार में प्रबल हैं। ऐसा करने के लिए, आपको शैतान के डरानेवाले पैंतरों से जूझना होगा और लोगों को अपने शिकंजे में रखने के लिए जो उत्तेजन वह पेश करता है उसका विरोध करना होगा। (इफिसियों ६:११, १२) इसमें त्याग शामिल होगा, लेकिन आप भी दूसरों की तरह मुक्‍त हो सकते हैं यदि आप दृढ़संकल्प हैं और यदि आप यहोवा के साक्षियों द्वारा पेश की गयी मदद का लाभ उठाते हैं।

अपराध के इस अव्यवस्थित संसार का परमेश्‍वर द्वारा सफ़ाया किए जाने के बाद क्या होगा? “दुष्टों का वंश काट डाला जाएगा,” बाइबल कहती है, और वह आगे कहती है: “धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।” (भजन ३७:२८, २९) तब, ऐसे लोगों के सामने काँपने का कोई कारण नहीं होगा जिनमें पशु-समान गुण थे, क्योंकि वे “यहोवा के ज्ञान” द्वारा रूपांतरित कर दिए गए होंगे, जिससे पृथ्वी भर जाएगी।—यशायाह ११:९; यहेजकेल ३४:२८.

आज ऐसा रूपांतरण पहले ही एक वास्तविकता बन गया है, जैसे कि इसी अंक के पृष्ठ २६ में दी गयी जापान के एक भूतपूर्व याकूज़ा सदस्य की जीवन कहानी दिखाती है।

[पेज 10 पर तसवीर]

परमेश्‍वर के नए संसार में, सभी अपने हाथ के कामों का लुत्फ़ उठाएँगे

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