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सजग होइए!–1997
g97 9/8 पेज 24-27

आपके गुर्दे जीवन-पोषक फ़िल्टर

आयरलैंड में सजग होइए! संवाददाता द्वारा

पृथ्वी और मानव शरीर में एक समानता है: जीवन पोषण के लिए दोनों को एक फ़िल्टर की ज़रूरत है। सूर्य से निरंतर आनेवाली हानिकारक किरणों से पृथ्वी को बचाव की आवश्‍यकता है। हमारे वायुमंडल की ओज़ोन परत इन्हें रोकती है और जीवन-पोषक रोशनी को पृथ्वी तक आने देती है। और आपका शरीर? आपके शरीर में होनेवाली रासायनिक क्रियाओं में से कई आपके रक्‍त-धारा में ज़हरीले और अपशिष्ट पदार्थ छोड़ती हैं। अगर इन्हें शरीर में रहने दिया जाए, तो इसके कारण गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं, यहाँ तक कि मौत भी। इन्हें लगातार छानकर निकालते रहने और हटाने की ज़रूरत है।

छानने की यह प्रक्रिया, आपके गुर्दों के प्रमुख कार्यों में से एक है। लेकिन ये छोटे-से अंग, किस तरह हानिकारक पदार्थों को पहचानते, अलग करते, और हटाते हैं, और साथ ही इस बात का ध्यान रखते हैं कि आपके शरीर के भरण-पोषण के लिए आवश्‍यक तत्त्व बने रहें? और किस तरह आप अपने गुर्दों की मदद कर सकते हैं ताकि वे आपको स्वस्थ रख सकें?

आपके गुर्दों के अंदर क्या है?

सामान्यतः, मनुष्यों के दो गुर्दे होते हैं—पीठ के निचले हिस्से में रीढ़ की हड्डी की दोनों तरफ़ एक-एक। प्रत्येक लगभग दस सेंटीमीटर लंबा, पाँच सेंटीमीटर चौड़ा और ढाई सेंटीमीटर मोटा होता है और वज़न में ११० से १७० ग्राम होता है। गुर्दे को बीच से लंबाई में काटने पर कई सुस्पष्ट रचनाएँ दिखाई देती हैं जैसा कि साथ में दिए गए रेखाचित्रों में नज़र आता है।

यह देखने के लिए कि गुर्दा कैसे काम करता है, एक ऐसे स्टेडियम की कल्पना कीजिए जहाँ हज़ारों दर्शक अंदर आ रहे हों। सबसे पहले, भीड़ को कई छोटी-छोटी कतारों में बाँटा जाता है। फिर, प्रत्येक कतार में खड़े लोग एक-एक करके सुरक्षा द्वार से गुज़रते हैं जहाँ बिना-टिकटवालों को लौटा दिया जाता है। जिन दर्शकों के पास टिकट है वे निकलकर अपनी नियत सीट तक पहुँच जाते हैं।

इसी प्रकार उन सभी तत्त्वों को, जिनसे आपका रक्‍त बनता है, आपके पूरे शरीर में संचरित होने की ज़रूरत है। लेकिन ऐसा करने में, उन्हें बड़ी रक्‍त-वाहिकाओं, रीनल आर्टरीज़ (वृक्क धमनियों) में से बार-बार गुज़रना पड़ता है, जो कि प्रत्येक गुर्दे के लिए एक-एक होती है। (पृष्ठ २४ पर चित्र देखिए।) गुर्दे में जाने के बाद, गुर्दे की अंदरूनी और बाहरी परतों में रीनल आर्टरी छोटी-छोटी वाहिकाओं में विभाजित हो जाती है। आपके रक्‍त में मौजूद विभिन्‍न तत्त्व इस प्रकार छोटी और ज़्यादा नियंत्रणीय “कतारों” में भेज दिए जाते हैं।

आख़िर में, रक्‍त छोटे-छोटे गुच्छों के अंदर आ जाता है, प्रत्येक गुच्छा दृढ़ रूप से लिपटी हुई लगभग ४० बारीक रक्‍त-वाहिकाओं से बना होता है। प्रत्येक गुच्छा, जिसे ग्लोमेरूलस कहते हैं, बोमन्स कॆप्सूल नामक एक दोहरी झिल्ली से घिरा रहता है।a ग्लोमेरूलस और बोमन्स कॆप्सूल साथ मिलकर आपके गुर्दे के ‘सुरक्षा-द्वार’ का पहला भाग—आपके गुर्दे की छनाई की मूल इकाई—नेफ्रॉन बनाते हैं। प्रत्येक गुर्दे में दस लाख से भी ज़्यादा नेफ्रॉन होते हैं। लेकिन ये इतने छोटे होते हैं कि उनकी जाँच-पड़ताल करने के लिए आपको एक माइक्रोस्कोप की ज़रूरत पड़ेगी!—पृष्ठ २५ पर दिया गया एक नेफ्रॉन का कई गुना बड़ा रेखाचित्र देखिए।

आपके रक्‍त की दो चरणों में छनाई

आपकी रक्‍त-धारा में पाई जानेवाली रक्‍त-कोशिकाएँ और प्रोटीन बहुत ज़रूरी हैं। ये आपके शरीर को ऑक्सीजन सप्लाई, प्रतिरक्षा, और मरम्मत जैसी अति-आवश्‍यक सेवाएँ प्रदान करते हैं। रक्‍त-कोशिकाओं और प्रोटीन की कमी न हो इसलिए, छनाई का पहला चरण इन्हें अन्य दूसरे तत्त्वों से अलग करता है। यह विशेष कार्य बोमन्स कॆप्सूल द्वारा निष्पन्‍न होता है। लेकिन कैसे?

ग्लोमेरूलस में प्रवेश कर रही रक्‍त-वाहिकाएँ बहुत ही पतली भित्तिवाली सूक्ष्म कॆपिलरीज़ (केशिकाओं) में विभाजित हो जाती हैं। इस प्रकार, रक्‍त-चाप आपकी रक्‍त-धारा से कुछ पानी और अन्य छोटे अणुओं को अपनी पतली झिल्लियों से, बोमन्स कॆप्सूल और उससे जुड़ी कुंडलित नली में डाल सकता है। इस नली को कॉन्वलूटॆड टूब्यूल (संवलित नलिका) कहते हैं। ज़्यादा बड़े प्रोटीन अणु और सारी रक्‍त-कोशिकाएँ रक्‍त-धारा में ही रहते हैं और कॆपिलरीज़ से होते हुए बहना जारी रखते हैं।

अब छनाई ज़्यादा चयनात्मक हो जाती है। आपके गुर्दों को यह पूरी तरह सुनिश्‍चित करना होगा कि आपके शरीर के लिए महत्त्वपूर्ण कोई भी वस्तु बाहर न निकलने पाए! इस समय नलिका में बह रहा द्रव्य एक जलीय मिश्रण होता है, जिसमें घुले हुए उपयोगी अणुओं के साथ-साथ अपशिष्ट और अनचाहे पदार्थ भी होते हैं। नलिका की अंदरूनी भित्ति की विशेष कोशिकाएँ जल, लवण, शर्करा, खनिज, विटामिन, हॉरमोन और अमीनो एसिड जैसे उपयोगी अणुओं को पहचान लेती हैं। इन्हें नलिका की भित्ति में पुनःअवशोषित करने के द्वारा कुशलता से निकाल लिया जाता है, और आपकी रक्‍त-धारा में पुनःप्रवेश के लिए आस-पास की कॆपिलरीज़ के जाल में फिर से छोड़ दिया जाता है। कॆपिलरीज़ फिर से छोटी-छोटी शिराओं के रूप में जुड़ जाती हैं जो कि मिलकर रीनल वेन (वृक्क शिरा) नामक रक्‍त-वाहिका बन जाती हैं। इसके द्वारा, अब आपका छना हुआ और साफ़ रक्‍त, गुर्दे से निकलता है और आपके शरीर में जीवन को बनाए रखता है।

अपशिष्ट पदार्थों को निकालना

लेकिन उस द्रव्य के बारे में क्या जो कि नलिका में रह गया? ज़ाहिर है कि इसमें वे पदार्थ हैं जिनकी आपके शरीर को कोई ज़रूरत नहीं। जैसे-जैसे यह द्रव्य नलिका से होता हुआ ज़्यादा बड़ी कलॆक्टिंग टूब्यूल (संग्राहक नलिका), या कलॆक्टिंग डक्ट (संग्राहक वाहिनी) की ओर बहता है, नलिका भित्ति की अन्य कोशिकाएँ उसमें अतिरिक्‍त स्राव छोड़ती हैं जिनमें अमोनिया, पोटेशियम, यूरिया, यूरिक एसिड और अतिरेक जल शामिल हैं। अंतिम उत्पाद मूत्र है।

विभिन्‍न नेफ्रॉनों से आनेवाले कलॆक्टिंग डक्ट इकट्ठे होकर पिरामिडों के सिरों से मूत्र को छोड़ देते हैं। मूत्र रीनल पॆल्विस में चला जाता है और फिर यूरेटर (मूत्रवाहिनी) से गुज़रता है, जो कि गुर्दे और ब्लैडर (मूत्राशय) को जोड़नेवाली नली है। आपके शरीर से निकलने से पहले मूत्र आपके ब्लैडर में जमा होता है।

अतिसूक्ष्म आकार के बावजूद, २० लाख से भी ज़्यादा नेफ्रॉन आपके गुर्दे में बहुत प्रभावशाली काम करते हैं। द न्यू एन्साइक्लोपीडिआ ब्रिटानिका कहती है: “नेफ्रॉन . . . हर ४५ मिनट पर रक्‍त के पूरे पाँच-लीटर जलीय अंश को छानते हैं।” जब तक विभिन्‍न पदार्थ पुनःअवशोषित कर लिए गए होते हैं और अनेक प्रक्रियाएँ पूरी हो चुकी होती हैं, एक सामान्य, स्वस्थ शरीर हर २४ घंटों में लगभग दो लीटर अपशिष्ट पदार्थ को मूत्र के रूप में निकाल सकता है। क्या ही मेहनती और बढ़िया छनाई तंत्र!

अपने गुर्दों की देखभाल कीजिए!

आपके गुर्दे स्वयं-स्वच्छ होनेवाले और स्वयं-संपोषित हैं, साथ ही लंबे समय तक काम करने में सक्षम। लेकिन, इन्हें अपना काम करने में मदद देने में आपको एक भूमिका अदा करनी है। आपका शरीर स्वस्थ रहने के लिए गुर्दों से बहुत सारा पानी गुज़रना चाहिए। बेशक, गुर्दे के संक्रमण और पथरी बनने से रोकथाम के लिए पानी का पर्याप्त अंतर्ग्रहण एक प्राथमिक साधन है।b लौंग आयलॆंड कॉलॆज हॉसपिटल, न्यू यॉर्क के मूत्र-विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. सी. गोडॆक कहते हैं कि पानी पीना आपके पाचन तंत्र और हृदय तथा रक्‍त-वाहिका तंत्रों को भी मदद देता है।

कितना पानी? डॉ. गोडॆक और कई दूसरे डॉक्टर सलाह देते हैं कि अन्य भोजन और पेय-पदार्थों के अलावा, हर व्यक्‍ति को प्रतिदिन कम-से-कम दो लीटर पानी पीना चाहिए। “अधिकांश लोगों में पानी की कमी होती है,” डॉ. गोडॆक ने सजग होइए! को बताया। उन्होंने कहा कि अगर आपका गुर्दा या आपका हृदय रोगग्रस्त नहीं है, तो पानी उनके लिए अच्छा है। “लेकिन आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए,” डॉ. गोडॆक ने कहा। “अधिकांश लोग ऐसा नहीं करते।”

कुछ लोग पानी में थोड़ा स्वाद मिलाना पसंद करते हैं, जैसे कि नींबू। दूसरे प्राकृतिक जल का स्वाद पसंद करते हैं या ऐसा पानी जो सक्रियित चारकोल से छाना हुआ हो। चाहे सादा हो या हलका स्वाद मिलाया हुआ, पानी आपके गुर्दों के लिए किसी भी दूसरे पेय से बेहतर है। दरअसल, फलों के रस और शरबतों में पाई जानेवाली शक्कर, पानी के लिए आपके शरीर की माँग को बढ़ाती है। शराब या कैफ़ीन-युक्‍त पेय पीने से आपका शरीर पानी छोड़ने पर मजबूर होता है।

एक दिन में दो लीटर पानी पीने की आदत डालना ज़रूर एक चुनौती हो सकता है। क्योंकि सामान्य से ज़्यादा बार टॉयलॆट जाने में कई लोग असुविधा या शर्म महसूस करते हैं। लेकिन आपका शरीर आपके अतिरिक्‍त प्रयासों के लिए एहसानमंद रहेगा। आपको स्वस्थ रखने के अलावा, पर्याप्त पानी पीना आपके रंग-रूप को भी निखार सकता है। डॉक्टर बताते हैं कि आपकी त्वचा को सुंदर रखने के लिए, पौष्टिक भोजन और बड़ी मात्रा में द्रव्य लेना किसी भी बाहरी लेप से ज़्यादा प्रभावकारी है।

अफ़सोस की बात है कि हमारा प्यास-तंत्र अपरिपूर्ण है और जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, यह और कम संवेदनशील होता जाता है। इसलिए, यह जानने के लिए कि हमें कितने पानी की ज़रूरत है, हम सिर्फ़ प्यास पर भरोसा नहीं कर सकते। पर्याप्त पानी पीना कैसे सुनिश्‍चित कर सकते हैं? कुछ लोग दो गिलास पानी पीने के साथ अपने दिन की शुरूआत करते हैं और फिर नियमित अंतराल पर एक-एक गिलास पीते रहते हैं। दूसरे अपने सामने और हाथ की दूरी पर एक पारदर्शी पात्र रखते हैं—पूरे दिन समय-समय पर घूँट लेते रहने की याद दिलाने के लिए। आप चाहे जो भी तरीक़ा अपनाएँ, बड़ी मात्रा में शुद्ध, साफ़ पानी पीना, आपके गुर्दों के लिए क़द्र दिखाने का एक अच्छा तरीक़ा है—उन अद्‌भुत फ़िल्टरों के लिए जो आपको ज़िंदा रखते हैं।

[फुटनोट]

a १८४० के आरंभ में, अंग्रेज़ शल्यचिकित्सक और ऊतक-विज्ञानी विल्यम बोमन ने इस छोटे से कॆप्सूल और इसके कार्य का वर्णन किया। उन्हीं के नाम पर इसका नाम पड़ा।

b सजग होइए! (अंग्रेज़ी), के अगस्त २२, १९९३ अंक के पृष्ठ २०-२ और मार्च ८, १९८६ अंक के पृष्ठ १८ देखिए।

[पेज 25 पर बक्स]

नेफ्रॉन—छनाई की मूल इकाई

प्रत्येक गुर्दे में दस लाख से भी ज़्यादा नेफ्रॉन होते हैं। प्रत्येक नेफ्रॉन के अंदर पाये जानेवाले नलिकाकार तंत्र की औसत लंबाई लगभग तीन सेंटीमीटर और चौड़ाई मात्र ०.०५ मिलीमीटर होती है। फिर भी, यदि एक गुर्दे की सारी नलिकाओं को सीधा करना संभव होता, तो वे क़रीब ३० किलोमीटर लंबी निकलतीं!

बोमन्स कॆप्सूल वास्तव में नेफ्रॉन की संवलित नलिका का पिचका हुआ सिरा है। यह नलिका कॆपिलरीज़ नामक बहुत छोटी रक्‍त-वाहिकाओं के एक जाल से घिरी रहती है। नलिका आगे जाकर एक ज़्यादा बड़ी संग्राहक वाहिनी में बदल जाती है, जो कि नेफ्रॉन द्वारा छाने गए व्यर्थ और ज़हरीले पदार्थों को दूर कर देती है।

[पेज 24, 25 पर रेखाचित्र]

कॉर्टॆक्स में प्रत्येक नेफ्रॉन का ग्लोमेरूलस होता है

रीनल पिरामिड वे शंक्वाकार संरचनाएँ हैं जो मूत्र को रीनल पॆल्विस (वृक्कद्रोणि) में छोड़ती हैं

रीनल आर्टरी बिना-छने रक्‍त को गुर्दे तक ले जाती है

रीनल वेन हाल ही में छाने गए रक्‍त को शरीर में ले जाती है

रीनल पॆल्विस एक कीप होती है जो मूत्र को एकत्रित करती है और मूत्रवाहिनी में छोड़ देती है

यूरेटर मूत्र को गुर्दे से मूत्राशय में पहुँचाती है

[पेज 25 पर रेखाचित्र]

नेफ्रॉन जो कि लगभग २० लाख अतिसूक्ष्म नलिकाकार फ़िल्टर हैं, रक्‍त को साफ़ करते हैं

ग्लोमेरूलस

मूत्र संवलित नलिका द्वारा इकट्ठा किया जाता है, फिर मूत्राशय को जाता है

बोमन्स कॆप्सूल

कॆपिलरीज़

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