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जंगल में उबासियाँ

जब कोई सबके सामने खुलकर उबासी लेता है, तो लोग शायद सोचें कि वह असभ्य है—नहीं तो फिर ऊबा हुआ है। शिष्टाचार के नियमों के ख़िलाफ़ होने के बावजूद, उबासी लेना वास्तव में एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण उद्देश्‍य पूरा करता है। उबासी एक अनैच्छिक साँस खींचने की प्रक्रिया है। हम आम तौर पर शाम को उबासी लेते हैं जब हम दिन भर की गतिविधियों से थक चुके होते हैं या सुबह उठने के बाद। एक लंबी उबासी हमारी ऑक्सीजन सप्लाई को बढ़ाती है और शायद पल भर के लिए हमें तरोताज़ा करे; यह अकसर जागने की प्रक्रिया का हिस्सा होती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि जानवर भी उबासी लेते हैं, हालाँकि हमेशा बेहतर वायु-संचार के लिए नहीं? जिन कारणों से वे ऐसा करते हैं, वे अकसर बड़े रोचक होते हैं। उदाहरण के लिए, बंदर कभी-कभी संदेश देने के लिए उबासी लेते हैं। चौड़ा खुला मुँह और दाँतों का खूँख़ार प्रदर्शन, किसी नर बंदर या संभव परभक्षी को चेतावनी देने का एक तरीक़ा है। संदेश: ‘मैं बहुत ख़तरनाक तरीक़े से काटता हूँ। पास मत आना!’

ऐसा भी देखा गया है कि अफ्रीका के मैदानों की परभक्षी बिड़ाल-जातियाँ शिकार पर निकलने से पहले अकसर अँगड़ाई और उबासी लेती हैं। मनुष्यों की तरह ही, बिड़ाल की उबासी का कार्य शरीर की प्रक्रिया से संबंधित होता है—फेफड़ों में अतिरिक्‍त हवा लेना। यह रक्‍त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है। हृदय उसे शरीर के दूसरे हिस्सों में झोंक देता है जिससे कि शिकार करने को तीव्र-गति की छोटी दौड़ों के लिए तुरंत शक्‍ति मिलती है।

यही नहीं, यहाँ तक कि मछलियों को भी उबासी लेते हुए देखा गया है! किताब प्राणी जगत में एक मछली के बारे में बताती है जो अकसर “तेज़ी से आगे बढ़ने की एक तैयारी के तौर पर उबासी लेती है . . . एक मछली तब भी उबासी ले सकती है जब वह उत्तेजित हो या उसे खाना अथवा शत्रु दिखाई पड़े, ये सभी ऐसे मौक़े हैं जिनमें तीव्र क्रिया की ज़रूरत होती है।”

शायद सबसे प्रभावशाली उबासी हिप्पो, या दरियाई घोड़े की होती है। यह विशालकाय जीव अपने गुफा जैसे मुँह को अविश्‍वसनीय ढ़ंग से १५० डिग्री तक चौड़ा खोल सकता है! ऐसी उबासी सबको यह जताने में कि तालाब में किसका हुक्म चलता है, एक वयस्क नर हिप्पो की मदद करती है। यह उसके इलाक़े में आने की हिम्मत करनेवाले किसी भी घुसपैठिए के लिए एक दंतीली चेतावनी का भी काम करती है।

हालाँकि इसका असर किसी शेर की दहाड़ जैसा न हो, लेकिन एक उबासी—चाहे उनींदी उबासी, धमकी-भरी उबासी, या सिर्फ़ एक शक्‍तिवर्धक उबासी ही क्यों न हो—फ़ायदेमंद काम ज़रूर करती है। यह सिर्फ़ प्राणी जगत के निर्माणकर्ता की अद्‌भुत सृजनात्मकता का एक और उदाहरण है!

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