ध्वनि—इसके बारे में क्या कर सकते हैं आप
दिन भर की थकान के बाद, आप गहरी नींद में सो जाते हैं। अचानक, पड़ोस के कुत्तों की भौं-भौं से आपकी आँख खुल जाती है। आप अपने बिस्तर में करवट लेते हैं और आशा करते हैं कि यह खिजाऊ आवाज़ जल्द ही बंद हो जाए। लेकिन वह बंद नहीं होती। रह रहकर, कुत्ते भौंकते जाते हैं। चिढ़े हुए, नींद टूटने के कारण कुंठित, और अब पूरी तरह जागृत, आप सोचते हैं कि आपके पड़ोसी ऐसे शोर-शराबे को कैसे सह लेते हैं।
ध्वनि को सहने के बारे में लोग काफ़ी अलग-अलग होते हैं। उड़ान-पट्टी के पास रहनेवाले, हवाई-अड्डों के कर्मचारी विमान की आवाज़ से उतना परेशान नहीं होते जितना कि वे होते हैं जिनका काम विमानों से संबंधित नहीं। एक गृहिणी को बिजली के मिक्सर-ग्राइंडर की आवाज़ उतनी नहीं अखरती जितनी कि दूसरे कमरे में बैठे व्यक्ति को अखरती है, जो एक पुस्तक पढ़ने या टीवी देखने की कोशिश कर रहा है।
ध्वनि प्रदूषण क्या है?
अलग-अलग देश ध्वनि प्रदूषण की परिभाषा अलग-अलग तरह से करते हैं। मॆक्सिको में, “कोई भी अनचाही आवाज़ जो एक बाधा है या व्यक्तियों के लिए हानिकारक है” ध्वनि है। न्यू ज़ीलॆंड ध्वनि को अत्यधिक तब मानता है जब यह “ऐसी होती है कि किसी व्यक्ति की शांति, आराम और सुविधा में असंगत बाधा डाले।”
दो विख्यात वैज्ञानिक, टॆलिफ़ोन के आविष्कारक ऐलॆक्ज़ैंडर ग्रैहम बॆल, और एक जर्मन भौतिक-विज्ञानी हाइनरिख़ हट्र्ज़, ध्वनि के माप से निकटता से जुड़े हैं। बॆल, या अधिक सामान्य रूप से डॆसिबॆल (बॆल का दसवाँ भाग), अनुपाती तीव्रता को मापता है, जबकि हट्र्ज़ ध्वनि के स्तर या आवृत्ति को मापता है। जब ध्वनि को मापा जाता है, तब रिपोर्टें आम तौर पर आवाज़ के डॆसिबॆल स्तर का ज़िक्र करती हैं।a
लेकिन कौन तय करता है कि एक आवाज़ कितनी परेशानी पैदा करती है? आप, श्रोता! “बाधा-निर्धारण के लिए, मानव कान सर्वोत्तम सूचक है,” लंदन का दी इंडिपॆंडॆंट कहता है।
ध्वनि के प्रभाव
चूँकि कान ध्वनि का “सर्वोत्तम सूचक” है, तो स्पष्ट है कि इसी अंग को ध्वनि के कारण ज़्यादा नुक़सान पहुँचने की संभावना है। आपके आंतरिक कान की संवेदनशील तंतु कोशिकाओं को नुक़सान पहुँचने से श्रवण-शक्ति स्थायी रूप से जा सकती है। यह सच है कि ऊँची आवाज़ों के प्रति अलग-अलग लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया होती है। लेकिन ८० से ९० डॆसिबॆल से अधिक आवाज़ों को बारंबार सुनने से धीरे-धीरे श्रवण-शक्ति जा सकती है। सचमुच, यदि आप नहीं चाहते कि आपकी श्रवण-शक्ति को नुक़सान पहुँचे, तो ध्वनि स्तर जितने ऊँचे होते हैं, उतना ही कम समय आपको उस वातावरण में हर दिन बिताना चाहिए।
न्यू साइंटिस्ट पत्रिका रिपोर्ट करती है कि फ्रांस में बेचे गये अनेक पर्सनल स्टीरियो की अधिकतम आवाज़ ११३ डॆसिबॆल होती है। एक अध्ययन का उद्धरण देते हुए, इसने कहा कि “पर्सनल कॉम्पैक्ट डिस्क प्लेयर पर अधिकतम आवाज़ में एक घंटे तक बजाया गया रॉक संगीत अधिकांश बार १०० डॆसिबॆल से अधिक था और लगभग १२७ डॆसिबॆल के शिखर तक पहुँचा।” मंच संगीत-समारोहों के दौरान उत्पन्न हुई ध्वनि का प्रभाव और भी गंभीर है। एक जाँचकर्ता ने लोगों को बेसुध नशे में लाउड स्पीकरों के ढेर के पास सटकर बैठे हुए पाया। “मेरी नज़र धुँधली हो रही थी, भारी ताल से शरीर का अंग-अंग भन्ना रहा था,” वह बताता है, “और आवाज़ से मेरे कानों में दर्द हो रहा था।”
आप पर ध्वनि के क्या प्रभाव हो सकते हैं? एक अधिकारी कहता है: “मध्यम से उच्च स्तरों की निरंतर आवाज़ें तनाव, थकान, और चिड़चिड़ापन उत्पन्न करती हैं।” “ध्वनि से पीड़ित होना न केवल जीवन का आनंद छीनता है, बल्कि यह एक व्यक्ति को शारीरिक और भावात्मक रूप से पस्त भी कर सकता है,” यूनिवर्सिटी ऑफ़ गाइसन, जर्मनी का प्रोफ़ॆसर जेराल्ट फ़्लाइशर कहता है। जब अन्य तनावपूर्ण स्थितियों के साथ-साथ ध्वनि भी जुड़ जाती है, तब प्रोफ़ॆसर माकीस त्सापोगास के अनुसार, यह अवसाद और शरीर-रचना रोग भी उत्पन्न कर सकती है।
लंबे समय तक ध्वनि के संपर्क में रहना आपके व्यक्तित्व पर असर कर सकता है। जब ब्रिटिश सरकार शोधकर्ताओं ने ध्वनि प्रदूषण के पीड़ितों से पूछा कि वे इसके ज़िम्मेदार लोगों के बारे में कैसा महसूस करते हैं, तब उन्होंने घृणा, प्रतिशोध, और हत्या तक की बात की। दूसरी ओर, शोर मचानेवाले अकसर आक्रामक हो जाते हैं जब उन्हें बारंबार शिकायतों का निशाना बनाया जाता है। “ध्वनि लोगों की परोपकारिता कम करती है और आक्रामकता तथा शत्रुता उत्पन्न करती है,” एक ध्वनि-विरोधी अभियानकर्ता दावा करता है।
ध्वनि प्रदूषण से पीड़ित अधिकांश लोग देखते हैं कि इस परेशानी के प्रति धीरे-धीरे उनकी प्रतिरोध-शक्ति कम हो गयी है। वे उस स्त्री के विचार को प्रतिध्वनित करते हैं जिसके ऊधमी पड़ोसी हमेशा तेज़ संगीत बजाते थे: “जब आप ऐसा कुछ सुनने को मजबूर होते हैं जो आप सुनना नहीं चाहते, तो आपको नुक़सान पहुँचता है। . . . जब आवाज़ बंद हो जाती थी, तब भी हमें पता होता था कि वह फिर से शुरू हो जाएगी।”
तो फिर, क्या ध्वनि प्रदूषण से निपटने का कोई रास्ता नहीं?
क्या कर सकते हैं आप
ध्वनि के इतना सर्वव्यापी होने के कारण, अनेक लोगों को यह पता भी नहीं चलता कि वे दूसरों को परेशानी पहुँचा रहे हैं। यदि वे जानते, तो कुछ लोग निश्चित ही यह आपत्तिजनक काम रोक देते। इसी कारण एक ऊधमी पड़ोसी से दोस्ताना बातचीत कारगर हो सकती है। एक व्यक्ति क्रोधित हो गया कि उसके पड़ोसी ने इसकी औपचारिक शिकायतें कीं कि वह ऊधमी है। उसने कहा: “यदि वे आवाज़ से परेशान थे तो मेरे विचार से वे सीधे मेरे पास आकर ऐसा कह सकते थे।” एक माँ ने कुछ छोटे बच्चों के लिए दावत रखी और उसने बड़ी हैरानी व्यक्त की जब ध्वनि शिकायत की छानबीन करने के लिए उसके सामने एक अधिकारी आ खड़ा हुआ। उसने कहा, “काश शिकायत करनेवालों ने मेरे दरवाज़े पर खटखटाकर मुझसे कह दिया होता कि उन्हें परेशानी हो रही है।” तो फिर इसमें आश्चर्य नहीं कि एक ब्रिटिश पर्यावरण स्वास्थ्य अफ़सर यह जानकर इतना हैरान हुआ कि अड़ोस-पड़ोस की ध्वनि की शिकायत करनेवाले ८० प्रतिशत लोगों ने अपने पड़ोसियों से आवाज़ कम करने के लिए कभी कहा ही नहीं।
ऊधमी पड़ोसियों से बात करने की लोगों की झिझक परस्पर आदर की कमी का संकेत देती है। वे ऐसी प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं, ‘यदि मैं संगीत बजाना चाहता हूँ, तो मैं बजा सकता हूँ। यह मेरा अधिकार है!’ और अकसर उन्हें यही सुनना पड़ता है। वे डरते हैं कि आवाज़ धीमी करने का कृपापूर्ण सुझाव देने पर, जब ऊधमी पड़ोसी उनकी शिकायत को दख़लअंदाज़ी कहता है तब गरमागरमी हो सकती है। यह आज के समाज का क्या ही दुःखद प्रतिबिंब है! यह बाइबल के इस कथन से कितना मेल खाता है कि इस “कठिन समय” में आम तौर पर लोग ‘अपस्वार्थी, अभिमानी, कठोर, और ढीठ’ होंगे!—२ तीमुथियुस ३:१-४.
काफ़ी कुछ पीड़ित व्यक्ति की नीति पर निर्भर है। जब आक्रामक शिकायत करने पर प्रतिकूल प्रतिक्रिया मिलती है तब उस समय उत्पन्न हुई तनावपूर्ण स्थिति को दूर करने के लिए वुमन्स वीकली पत्रिका ने निम्नलिखित सुझाव दिया: “स्नेह और कोमलता से कहना, ‘देखिए, मुझे माफ़ कर दीजिए—मेरा ग़ुस्सा उमड़ पड़ा, लेकिन बात यह है कि जब मैं सो नहीं पाती तब मैं बहुत थक जाती हूँ,’ [रक्षात्मक पड़ोसियों] को मनाने के लिए शायद काफ़ी हो।” शायद वे ख़ुशी-ख़ुशी अपने स्पीकरों को पास की दीवार से दूर रख लें और आवाज़ को थोड़ा-बहुत कम कर दें।
असल में, अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना लाभकारी है। कुछ स्थानीय सरकारी अधिकारी रूठे पड़ोसियों का मेलमिलाप कराने के लिए मध्यस्थता सेवाएँ प्रस्तुत करते हैं। यह देखते हुए कि औपचारिक शिकायतें कितनी कठोर भावनाएँ उत्पन्न करती हैं, सरकारी मध्यस्थ को बुलाना “एकदम आख़िरी चारा” समझा जाना चाहिए।
यदि आप एक नये मकान में जाने की सोच रहे हैं, तो आप बात पक्की करने से पहले ध्वनि बाधा के संभव कारणों को जाँचना बुद्धिमानी की बात पाएँगे। भू-संपदा दलाल सिफ़ारिश करते हैं कि आप अपने भावी घर पर दिन के अलग-अलग समय जाकर ध्वनि की जाँच कर लें। आप पड़ोसियों से उनकी राय पूछ सकते हैं। यदि आपको अपने नये घर में आने के बाद समस्याएँ होती हैं तो उन्हें मिलनसारी से सुलझाने की कोशिश कीजिए। मुक़दमेबाज़ी से आम तौर पर बैरभाव बढ़ता है।
लेकिन तब क्या यदि आप एक शोरग़ुल वाले इलाक़े में रहते हैं और आपके पास घर बदलने का कोई रास्ता नहीं? क्या आपको हमेशा के लिए पीड़ा भोगनी पड़ेगी? ज़रूरी नहीं।
कैसे पाएँ ध्वनि सुरक्षा
देखिए कि अपने घर को बाहरी ध्वनि से सुरक्षित रखने के लिए आप क्या कर सकते हैं। दीवारों और फ़र्श को जाँचिए कि कहीं गड्ढे तो नहीं जिन्हें भरा जा सकता है। ख़ासकर उन जगहों को देखिए जहाँ विद्युत लाइन के खाँचे हैं। क्या वे सुरक्षित हैं?
ध्वनि घर में ज़्यादातर दरवाज़ों और खिड़कियों के रास्ते आती है। खिड़कियों में एक और शीशा (दोहरा शीशा) लगवाना ध्वनि को कम करने में मदद दे सकता है। अपने दरवाज़े के फ्रेम में फ़ोम की एक पतली पट्टी लगवाना भी यह निश्चित करेगा कि दरवाज़ा कसकर बंद होता है। एक बंद आँगन बनवाना और दूसरा दरवाज़ा लगवाना आपके भीतरी कमरों को परेशान करनेवाली यातायात ध्वनि से शायद बचाकर रखे।
हालाँकि यातायात ध्वनि बहुत तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन गाड़ियों के निर्माता निरंतर ऐसे नये मटीरियल और तरीक़े विकसित कर रहे हैं जिससे आपकी गाड़ी के अंदर ध्वनि स्तर घटाया जा सके। आपकी गाड़ी में कम आवाज़ करनेवाले टायर भी मददगार होते हैं। अनेक देशों में भिन्न प्रकार की सड़कों पर किये गये प्रयोगों ने ऐसे उत्पाद उत्पन्न किये हैं जैसे “फुसफुस कंकरीट,” जहाँ सड़क को पूरी तरह सपाट नहीं किया जाता और फलस्वरूप टायर के साथ इसका निरंतर संपर्क नहीं होता। कहा जाता है कि ऐसी सतह का प्रयोग करने से ध्वनि स्तर हलके वाहनों के लिए दो डॆसिबॆल तक और भारी ट्रकों के लिए एक डॆसिबॆल घटता है। हालाँकि यह शायद बड़ा फ़रक न दिखायी पड़े, फिर भी औसतन तीन डॆसिबॆल की गिरावट यातायात ध्वनि को घटाकर आधा करने के बराबर है!
सड़क बनानेवाले अब ऐसे राजमार्ग बनाते हैं जिनके किनारों पर घेरे या मिट्टी के टीले हों, जिससे प्रभावकारी रीति से ध्वनि कम हो जाती है। जहाँ ऐसा करने की कोई गुंजाइश नहीं, वहाँ ख़ासकर बनायी गयी बाड़, जैसे वह बाड़ जो पूर्वी लंदन में बेंत की बुनी हुई टहनियों और ऎवरग्रीन पौधों से बनायी गयी है, राजमार्ग के पास रहनेवालों को अनावश्यक ध्वनि से सुरक्षित रखती हैं।
विकर्षित करनेवाली आवाज़ों को ऐसी आवाज़ों से छिपाना जिन्हें श्वेत ध्वनि कहा जाता है—उदाहरण के लिए, स्थिर या बहती वायु—कुछ वातावरणों में उपयोगी हो सकता है, जैसे कि दफ़्तरों में।b जापान के बाज़ार में ध्वनिरहित पियानो आ गए हैं। तार छेड़ने के बजाय, हैमर एक इलॆक्ट्रॉनिक सर्किट को सक्रिय करता है जो वादक के इयरफ़ोन में स्वर उत्पन्न करता है।
वैज्ञानिकों ने पहले ही उसके उत्पादन के शोध में घंटों-घंटे बिताये हैं जिसे वे ध्वनिरोधी कहते हैं। मूलतः, इसमें ऐसे कंपन उत्पन्न करने के लिए जो ध्वनि के प्रभावों को निष्प्रभाव कर दें, आवाज़ का एक और स्रोत इस्तेमाल करना शामिल है। निःसंदेह, इसमें अतिरिक्त उपकरण और अधिक ख़र्च लगता है और यह असल में समस्या का स्रोत नहीं दूर करता। “जब तक कि लोग ध्वनि को ध्वानिक कचरा नहीं समझने लगते,” यू.एस.न्यूज़ एण्ड वर्ल्ड रिपोर्ट कहता है, “तब तक ध्वनिरोधी ही क्षण भर की शांति का शायद एकमात्र उपाय हो।” संभवतः ऐसा है, लेकिन क्या खामोशी ध्वनि प्रदूषण का तोड़ है?
क्या आपके घर और आस-पड़ोस में शांति और चैन की सचमुच कोई संभावना है? हमारा अगला लेख एक असल आशा प्रस्तुत करता है।
[फुटनोट]
a ध्वनि स्तर आम तौर पर एक ऐसे मीटर का प्रयोग करके निर्धारित किये जाते हैं जो ध्वनि को डॆसिबॆल में मापता है। चूँकि कान कुछ आवृत्तियों को ज़्यादा सूक्ष्मता से सुनता है, मीटर को उसी प्रकार प्रतिक्रिया दिखाने के लिए बनाया जाता है।
b जैसे श्वेत प्रकाश, प्रकाश स्पॆकट्रम में सभी आवृत्तियों का मिश्रण होता है, श्वेत ध्वनि वह आवाज़ है जिसमें श्रवण सीमा के अंदर, तीव्रता के लगभग समान स्तरों पर सभी आवृत्तियाँ होती हैं।
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कैसे दूर रह सकते हैं आप ऊधमी पड़ोसी बनने से
● जब आप कोई शोरग़ुल का काम करते हैं तब अपने पड़ोसियों का ध्यान रखिए, और पहले से उन्हें बता दीजिए।
● जब पड़ोसी कहता है कि आवाज़ कम करें, तब सहयोग दीजिए।
● समझिए कि आपका सुख आपके पड़ोसियों का दुःख नहीं बनना चाहिए।
● याद रखिए कि ध्वनि और कंपन हॉल और फ़र्श से आसानी से गुज़रते हैं।
● आवाज़ करनेवाले घरेलू उपकरणों को गद्दी पर रखिए।
● निश्चित कीजिए कि घर और कार से बजे झूठे अलार्म को रोकने के लिए किसी को बुलाया जा सकता है।
● देर रात को शोर मचानेवाला काम या आवाज़ करनेवाले घरेलू उपकरण इस्तेमाल मत कीजिए।
● इतना ऊँचा संगीत मत बजाइए जो आपके पड़ोसियों को तंग करता है।
● कुत्तों को लंबे समय तक अकेला मत छोड़िए।
● बच्चों को फ़र्श पर मत कूदने दीजिए जिससे नीचेवाले लोग परेशान होते हैं।
● रात को कार का भोंपू मत बजाइए, दरवाज़े ज़ोर से बंद मत कीजिए, अथवा इंजन की गति मत बढ़ाइए।
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ध्वनि और आप
“ध्वनि ब्रिटॆन में आज सबसे व्यापक औद्योगिक ख़तरा है,” द टाइम्स बताता है, “और बहरापन इसका सामान्य परिणाम है।” कुछ व्यवसायिक-स्वास्थ्य अध्ययन संकेत देते हैं कि ८५ डॆसिबॆल से ऊँची ध्वनि एक भ्रूण को हानि पहुँचा सकती है। शिशु की श्रवण-शक्ति को नुक़सान पहुँचता है, और शिशु में हार्मोन-संबंधी विकार तथा जन्म दोष हो सकते हैं।
ऊँची आवाज़ के संपर्क में रहने से रक्त नलिकाएँ सिकुड़ जाती हैं और आपके अंगों में रक्त का प्रवाह धीमा पड़ जाता है। क्रमशः, आपका शरीर ऐसे हार्मोन उत्पन्न करने के द्वारा प्रतिक्रिया दिखाता है जो आपके रक्तचाप और हृदय की धड़कन को बढ़ा देते हैं, कभी-कभी तो धड़कन बहुत बढ़ जाती है अथवा हृदय में पीड़ा भी होने लगती है।
जब ध्वनि आपकी दिनचर्या को भंग करती है, तब अन्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। ठीक से न सो पाने के कारण आपके दिन के काम पर असर पड़ सकता है। ध्वनि शायद आपके काम करने की सामान्य गति को न बदले, लेकिन आप कितनी ग़लतियाँ करते हैं उस पर इसका असर पड़ सकता है।
[पेज 9 पर बक्स]
कार्यस्थल पर सुरक्षा
यदि आपको कार्यस्थल पर ध्वनि एक समस्या लगती है, तो किसी क़िस्म की कर्ण सुरक्षा पहनने के बारे में सोचिए।c इयरमफ़ आपके सिर के ऊपर से हॆडफ़ोन की तरह फिट होते हैं और जहाँ ध्वनि स्तर ऊँचे होते हैं वहाँ आम तौर पर प्रभावकारी होते हैं। उनका लाभ यह है कि आप उन्हें पहने हुए भी मौखिक संदेश और मशीन के चेतावनी संकेत सुन सकते हैं, हालाँकि वे आपके लिए यह पता लगाना कठिन बना सकते हैं कि आवाज़ ठीक कहाँ से आ रही है। इयरप्लगों को आपके लिए सही नाप का होना चाहिए और ये उपयुक्त नहीं होते यदि आपको कान की कोई बीमारी या कान की नली में खुजली है।
मशीनों का अच्छा रखरखाव कंपनों को कम कर सकता है। उपकरणों को रबड़ की पट्टियों पर रखना ध्वनि प्रदूषण को कम करने में मदद देगा और आवाज़ करनेवाली मशीनों को अलग रखना भी यही काम करेगा।
[फुटनोट]
c अनेक देशों में कानून माँग करता है कि मालिक निश्चित करें कि उनके कर्मचारी अपने कान के लिए पर्याप्त सुरक्षा कवच पहनें।
[पेज 8 पर तसवीर]
आप अपने आपको मशीनी समाज द्वारा उत्पन्न ध्वनि से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?