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  • शांति और चैन—क्या यह कभी होगा?
  • सजग होइए!–1997
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g97 12/8 पेज 10-11

शांति और चैन—क्या यह कभी होगा?

यह पूछे जाने पर कि अपनी विदेशी छुट्टियों में वे क्या चाहते हैं, हर ४ ब्रिटिश सैलानियों में से लगभग ३ ने कहा, “शांति और चैन।” लेकिन ध्वनि प्रदूषण एक विश्‍वव्यापी समस्या होने के कारण, अनेक लोगों का मानना है कि सच्ची शांति और चैन सिर्फ़ ख़याली पुलाव है।

ध्वनि प्रदूषण घटाने के कड़े प्रयासों के बावजूद, आप शायद सोचें कि क्या यह मानना सही है कि कभी पूर्ण सफलता मिलेगी। उनके बारे में क्या जिनको आप जैसी चिंता नहीं?

बाधाएँ जिनको पार करना है

ऐसे लोगों से बात करना आसान नहीं जो विरोधात्मक हैं, उन्हें अपनी बात समझाना तो दूर की बात रही। जब उस इमारत के बाहर जिसमें रॉन रहता था किशोरों के ऊधमी गुट इकट्ठे हुए, तब उसने उनसे दोस्ती करने में पहल की। उसने उनके नाम पूछे। उनकी एक साइकिल की मरम्मत करने में भी उसने मदद की। तब से, उसको उनसे कोई समस्या नहीं हुई है।

मार्जरी का क़िस्सा लीजिए। वह एक-जनक है और उसकी एक किशोरवय बेटी है। उसका मकान ऊधमी पड़ोसियों के बीच में है। ऊपर की मंज़िल के किरायेदारों के फ़र्श पर कालीन नहीं है। इस कारण, उनके बच्चों का फ़र्श पर रोलर-स्केटिंग करना, गेंद खेलना, अथवा बिस्तर पर से कूदना भी मार्जरी को परेशान करता है। साथ ही, उनकी माँ घर पर ऊँची एड़ी की जूती पहनती है। अपनी पड़ोसिन से यह कहने के लिए कि थोड़ी कम आवाज़ करें, मार्जरी उसके पास बड़ी शिष्टता से गयी, लेकिन उनके बीच भाषा की दीवार ने कुंठा उत्पन्‍न की। स्थानीय नगर पालिका ने समस्या सुलझाने में मदद के लिए एक अनुवादक भेजने की पेशकश की है, सो मार्जरी को सुधार की प्रतीक्षा है।

उसके नीचेवाली मंज़िल पर एक आदमी है जो हर सुबह सात और आठ बजे के बीच तेज़ संगीत बजाता है, जिसकी भारी ताल लगातार धम्‌-धम्‌ करती है। व्यवहार-कुशलता के साथ उस आदमी से बात करने पर यह जवाब मिला कि उसे संगीत की ज़रूरत है ताकि ‘काम के लिए अच्छा मूड बन जाए।’ मार्जरी इसका सामना कैसे करती है?

“मैं आत्म-संयम और धीरज विकसित कर रही हूँ,” वह कहती है। “मैंने अपनी सारणी में फेरबदल की है, और मैं आवाज़ के बावजूद पढ़ने बैठ जाती हूँ। मैं जल्द ही अपने आपको अपनी पुस्तक में तल्लीन पाती हूँ। तब मेरा ध्यान आवाज़ पर उतना नहीं जाता।”

दूसरी ओर, हॆदर के मकान के पास ही एक नाइटक्लब है, जहाँ रात भर शोरग़ुल होता है, फिर वह सुबह छः बजे के क़रीब बंद होता है। हालाँकि उसने आख़िरकार स्थानीय अधिकारियों से शिकायत की, फिर भी शोर-शराबे को रोकने के लिए शायद ही कुछ किया गया है।

ध्वनि का अंत?

“अनेक लोगों को घुप सन्‍नाटा बहुत ही बेचैन करनेवाला और डरावना लगता है,” ब्रिटॆन के चिकित्सा अनुसंधान परिषद्‌ के श्रवण अनुसंधान संस्थान का डॉ. रॉस कोल्स कहता है। पक्षियों का मधुर संगीत, समुद्र किनारे लहरों का हलके से टकराना, बच्चों की किलकारियाँ—ये और अन्य आवाज़ें हमें प्रसन्‍न करती हैं। जबकि अभी शायद हम ध्वनि से राहत पाने के लिए तड़प रहे हों, फिर भी हितकर साथियों की संगति में बातचीत करना हमें पसंद होता है। परमेश्‍वर ने अपने वफ़ादार सेवकों के लिए शांति और चैन की प्रतिज्ञा की है।

बाइबल में भजनहार कहता है: “नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।” (भजन ३७:११) परमेश्‍वर की स्वर्गीय राज्य सरकार जल्द ही मानव मामलों में हस्तक्षेप करेगी। (दानिय्येल २:४४) फिर, मसीह यीशु के शासन के अधीन, “जब तक चन्द्रमा बना रहेगा, तब तक शान्ति बहुत रहेगी।”—भजन ७२:७; यशायाह ९:६, ७.

आप निश्‍चित हो सकते हैं कि ईश्‍वरीय हस्तक्षेप वह शांति और चैन लाएगा जिसकी हम सबको अभिलाषा है, जैसे परमेश्‍वर के भविष्यवक्‍ता यशायाह ने पूर्वबताया: “धर्म का फल शान्ति और उसका परिणाम सदा का चैन और निश्‍चिन्त रहना होगा। मेरे लोग . . . विश्राम के स्थानों में सुख से रहेंगे।”—यशायाह ३२:१७, १८.

आज भी, आप अपने इलाक़े में यहोवा के साक्षियों के समूहनों में आध्यात्मिक शांति और चैन ढूँढ़ सकते हैं। जबकि कभी-कभी हज़ारों जन बड़े अधिवेशनों में उपासना के लिए इकट्ठे होते हैं—और इन समूहनों में सचमुच ‘मनुष्यों की बहुतायत के मारे कोलाहल मचता है’—फिर भी आवाज़ परेशान करनेवाली नहीं, सुखद होती है। (मीका २:१२) अपने यहाँ के साक्षियों से मिलकर या उनसे संपर्क करने के लिए इस पत्रिका के पृष्ठ ५ पर दिये गये किसी पते पर लिखकर इसका अनुभव स्वयं कीजिए। उनकी संगति में अभी और संभवतः सदा के लिए सच्ची शांति और चैन का आनंद लीजिए।

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