बाइबल का दृष्टिकोण
आप प्रेम के परमेश्वर का भय कैसे मान सकते हैं?
“क्या ही धन्य है वह पुरुष जो यहोवा का भय मानता है।”—भजन ११२:१.
बाइबल के अनुसार अगर “परमेश्वर प्रेम है,” तो उसका भय मानना ज़रूरी क्यों है? (१ यूहन्ना ४:१६) आमतौर पर समझा जाता है कि प्रेम और भय के बीच कोई तालमेल नहीं होता। सो, परमेश्वर के साथ हमारे रिश्ते में भय की कौन-सी भूमिका होनी चाहिए? प्रेम के परमेश्वर का भय क्यों मानें? बाइबल में शब्द “भय” के इस्तेमाल को जाँचने से हमें इस बारे में बेहतर समझ मिल सकती है।
ज़्यादातर भाषाओं में संदर्भ पर निर्भर करते हुए एक शब्द के अनेक अर्थभेद हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ भाषाओं में एक व्यक्ति कह सकता है: “मुझे फूलों से प्यार है” और यह भी, “मेरे बच्चे मुझे प्यारे हैं।” ज़ाहिर किए जा रहे प्रेम या प्यार की गहराई में और उसके रूपों में बहुत बड़ा फ़र्क़ है। उसी तरह, बाइबल अलग-अलग क़िस्म के भय के बारे में बोलती है। जब यह इस शब्द का इस्तेमाल परमेश्वर की उपासना करने के बारे में करती है, तब बाइबल ख़ौफ़, डर या आनेवाली सज़ा के आभास की बात नहीं कर रही। इसके बजाय, परमेश्वर का भय अच्छी भावनाओं को सूचित करता है—विस्मय, श्रद्धा, और गहरा आदर। इन उत्तम भावनाओं के हमजोली हैं परमेश्वर के लिए प्रेम और उसके प्रति आकर्षण, न कि उससे दूर भागने या छिपने की भावना।
परमेश्वर का भय विकृत और ख़ौफ़नाक भय को दूर करता है। परमेश्वर का भय माननेवाले व्यक्ति के बारे में भजनहार ने लिखा: “वह बुरे समाचार से [भी] नहीं डरता; उसका हृदय यहोवा पर भरोसा रखने से स्थिर रहता है।” (भजन ११२:७) दुष्ट लोगों की या खुद शैतान की कोई धमकी, यहोवा के लिए हमारे गहरे आदर और श्रद्धा पर हावी नहीं हो सकती। (लूका १२:४, ५) ना ही हमें प्रार्थना में परमेश्वर के पास जाने से घबराना चाहिए। इसके बजाय, इस संदर्भ में “प्रेम भय को दूर कर देता है।”—१ यूहन्ना ४:१८.
आकाश और परमेश्वर का वैभव
प्राचीनकाल में राजा दाऊद परमेश्वर का भय माननेवाला पुरुष था। सृष्टि की सुंदरता और जटिलता के बारे में सोचते वक़्त वह विस्मित हुआ। उसने चकित होकर कहा: “मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।” (भजन १३९:१४) रात के वक़्त आकाश को ताकते हुए, उसने चकित होकर कहा: “आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है।” (भजन १९:१) क्या आप ऐसा सोच रहे हैं कि दाऊद इस अनुभव से घबरा गया? इसके उलटे, वह यहोवा की स्तुति के गीत गाने को प्रेरित हुआ।
आज आकाश के बारे में ज़्यादा जानकारी हमें विस्मित होने का और भी ठोस कारण देती है। हाल ही में, खगोलज्ञों ने हबल स्पेस टॆलॆस्कोप का इस्तेमाल करके आकाश में इतनी दूरी तक झाँककर देखा, जितना उनसे पहले किसी मनुष्य ने नहीं देखा था। उन्होंने आकाश का एक भाग चुन लिया, जो पृथ्वी के टॆलॆस्कोप में खाली नज़र आ रहा था और हबल को केवल उतने ही क्षेत्र पर केंद्रित किया जितना एक हाथ की दूरी पर रखे रेत के एक कण का होता है। ली गयी तसवीर भरी हुई थी, अलग-अलग तारों से नहीं, परंतु आकाशगंगाओं से जो अरबों तारों के विशाल तंत्र हैं और जिन्हें मनुष्य ने कभी नहीं देखा!
इस विश्व-मंडल की विशालता, गूढ़ता और अद्भुतता, बारीक़ी से देखनेवाले व्यक्ति के मन में विस्मय बिठा सकते हैं। लेकिन, ऐसे आश्चर्य सृष्टिकर्ता की महिमा और सामर्थ्य को ही ज़ाहिर करते हैं। बाइबल यहोवा परमेश्वर को आकाश की ‘ज्योतियों का पिता’ बुलाती है और कहती है कि वह “तारों को गिनता, और उन में से एक एक का नाम रखता है।”—याकूब १:१७; भजन १४७:४.
विश्वमंडल की अनंतता, आकाश में होनेवाली घटनाओं में लगनेवाले समय से भी देखी जा सकती है। हबल स्पेस टॆलॆस्कोप ने आकाशगंगाओं से निकलनेवाली जिस रोशनी की तसवीरें लीं, वह रोशनी अंतरिक्ष में अरबों सालों से सफ़र करती रही थी! आकाश के स्थायित्व की तुलना में हमारा हाल ही में बनाया जाना और इतना छोटा होना क्या हमें इन तारों को बनानेवाले के प्रति विस्मय और गहरी श्रद्धा महसूस नहीं करवाता? (यशायाह ४०:२२, २६) यह समझना कि परमेश्वर जिसने इन सबकी सृष्टि की वह ‘मनुष्य का स्मरण रखता है, और उसकी सुधि लेता है,’ सृष्टिकर्ता के लिए हमारे आदर को बढ़ाता है और हमें उसे जानने के लिए और ख़ुश करने के लिए प्रेरित करता है। (भजन ८:३, ४) ऐसे श्रेष्ठ आदर और क़दरदानी को ही बाइबल परमेश्वर का भय कहती है।
क्षमा करनेवाला परमेश्वर
हम सभी अपरिपूर्ण हैं। जो सही है वह करने की कोशिश करने के बावजूद भी, हम अनचाहे ही पाप कर बैठते हैं। जब ऐसा होता है, तब क्या हमें परमेश्वर का अनुग्रह खोने का डर होना चाहिए? भजनहार ने लिखा: “हे याह, यदि तू अधर्म के कामों का लेखा ले, तो हे प्रभु कौन खड़ा रह सकेगा? परन्तु तू क्षमा करनेवाला है, जिस से तेरा भय माना जाए।” (भजन १३०:३, ४) हमारा “[महान] कर्त्ता” इतना दयालु और क्षमा करनेवाला है, यह बात उसके उपासकों में गहरी क़दरदानी और श्रद्धा उत्पन्न करती है।—यशायाह ५४:५-८.
परमेश्वर का भय हमें भलाई करने के लिए साथ ही परमेश्वर जिसे बुरा कहता है उससे दूर रहने के लिए प्रेरित करता है। स्वर्गीय पिता के साथ हमारे रिश्ते की तुलना, अपने बच्चों के साथ एक अच्छे मानवी पिता के रिश्ते के साथ की जा सकती है। कभी-कभी, बच्चों को शायद यह याद न रहे कि उनका पिता उन्हें सड़क पर खेलने से क्यों मना करता है। फिर भी, जब वे गाड़ियों के सामने से जा रही गेंद का पीछा करने का आवेग महसूस करते हैं, तब उनके पिता की मनाही का विचार उन्हें रोके रखता है—और शायद उन्हें मौत से बचाता है। उसी तरह, एक सयाने व्यक्ति का यहोवा का भय उसे ऐसा काम करने से रोकेगा जो कई जीवन—उसका अपना और दूसरों का जीवन—बरबाद कर सकता है।—नीतिवचन १४:२७.
परमेश्वर के न्याय का भय खाना
दूसरी ओर, जिस व्यक्ति का अंतःकरण उसे परमेश्वर को नाख़ुश करने से रोकता नहीं उसे बहुत ही अलग क़िस्म का भय होता है। ठीक जैसे मानवी सरकारें अपराधियों को सज़ा देती हैं, परमेश्वर को भी ऐसे पापियों के विरुद्ध कार्यवाही करने का अधिकार है जो जानबूझकर, और पश्चाताप किए बिना ग़लत काम करते हैं। थोड़ी देर के लिए परमेश्वर ने दुष्टता को अनुमति दी है, इसलिए कुछ लोग ग़लत मार्ग पर चलते-चलते कठोर हो गए हैं। लेकिन बाइबल साफ़-साफ़ दिखाती है कि जल्द ही एक दिन वह पृथ्वी की सारी दुष्टता को मिटा देगा। (भजन ३७:९, १०; सभोपदेशक ८:११; १ तीमुथियुस ५:२४) अपश्चातापी दुष्टों को परमेश्वर से आनेवाली सज़ा से भय खाना चाहिए। फिर भी, बाइबल इस क़िस्म का भय खाने की सलाह नहीं देती।
इसके बजाय, बाइबल यहोवा के भय को जीवन की खूबसूरत बातों से जोड़ती है—गीत गाना, ख़ुशी, भरोसा, बुद्धि, लंबा जीवन, विश्वास, समृद्धि, आशा और चैन इनमें से केवल कुछ ही हैं।a अगर हम यहोवा के भय में चलते रहें, हम सदा के लिए ऐसी आशीषों का आनंद उठाएँगे।—व्यवस्थाविवरण १०:१२-१४.
[फुटनोट]
a निर्गमन १५:११; भजन ३४:११, १२; ४०:३; १११:१०; नीतिवचन १०:२७; १४:२६; २२:४; २३:१७, १८; प्रेरितों ९:३१ देखिए।
[पेज 27 पर चित्र का श्रेय]
Courtesy of Anglo-Australian Observatory, photograph by David Malin