युवा लोग पूछते हैं . .
यदि मेरे माता-पिता मेरे विवाह का विरोध करें तो क्या करूँ?
लाकीशा और उसका बॉयफ्रॆंड विवाह करने की सोच रहे हैं, लेकिन माँ राज़ी नहीं है। “इस साल मैं १९ की हो जाऊँगी,” लाकीशा कहती है, “लेकिन मेरी मम्मी की ज़िद्द है कि हम तब तक रुकें जब तक मैं २१ की नहीं हो जाती।”
यदि आप विवाह करने की सोच रहे हैं, तो आपका यह चाहना स्वाभाविक है कि आपके माता-पिता इससे ख़ुश हों। जब आपके माता-पिता को आपकी पसंद का साथी ठीक नहीं लगता, तब आप सचमुच व्याकुल हो सकते हैं। आप क्या करें? उनकी इच्छाओं को नज़रअंदाज़ कर दें, और अपने विवाह की बात को आगे बढ़ाएँ?a
यह प्रलोभक हो सकता है यदि आप बालिग़ हैं और कानूनी तौर पर माता-पिता की सहमति के बिना विवाह कर सकते हैं। लेकिन, बाइबल अपने माता-पिता को सम्मान और आदर देने के लिए कोई आयु सीमा नहीं रखती। (नीतिवचन १:८) और यदि आप उनकी भावनाओं की उपेक्षा करते हैं, तो आप उनके साथ अपने संबंध को स्थायी हानि पहुँचा सकते हैं। इसके अलावा, यह भी संभव है—अति संभव है—कि आपके माता-पिता के पास आपके विवाह का विरोध करने के ठोस कारण हैं।
कितनी उम्र को छोटी उम्र मानें?
उदाहरण के लिए, क्या आपके माता-पिता कह रहे हैं कि आप विवाह के लिए अभी बहुत छोटे हैं? बाइबल में विवाह के लिए कोई न्यूनतम उम्र नहीं दी गयी है। लेकिन बाइबल यह सिफ़ारिश ज़रूर करती है कि व्यक्ति विवाह करे तो “नवयौवन ढलने के बाद” ही करे—यौवनारंभ के सालों में लैंगिक कामनाएँ अपने शिखर पर होती हैं। (१ कुरिन्थियों ७:३६, NW) क्यों? क्योंकि ऐसे युवा भावात्मक प्रौढ़ता, आत्म-संयम, और आध्यात्मिक गुण विकसित करने के आरंभिक चरणों में ही होते हैं, जो वैवाहिक जीवन को सँभालने के लिए आवश्यक हैं।—१ कुरिन्थियों १३:११; गलतियों ५:२२, २३ से तुलना कीजिए।
जब २०-वर्षीय डेल ने विवाह करने का फ़ैसला किया, तब वह अपने माता-पिता की ओर से आये विरोध से हतप्रभ हो गया। “उन्होंने कहा कि मैं बहुत छोटा हूँ और मुझमें अनुभव की कमी है,” वह कहता है। “मुझे लगा कि हम तैयार हैं और विवाह के बाद भी सीखते रह सकते हैं, लेकिन मेरे माता-पिता निश्चित होना चाहते थे कि मैं सिर्फ़ भावना में बहकर क़दम नहीं उठा रहा हूँ। उन्होंने मुझसे कई सवाल पूछे। क्या मैं हर दिन के फ़ैसले करने, पैसा सँभालने, एक परिवार का भौतिक, भावात्मक और आध्यात्मिक तरीक़े से भरण-पोषण करने की वास्तविकता का सामना करने के लिए तैयार हूँ? क्या मैं पिता बनने के लिए तैयार हूँ? क्या मैंने वास्तव में संचार करना सीख लिया है? क्या मैं एक साथी की ज़रूरतों को सचमुच समझता हूँ? उन्होंने महसूस किया कि एक वयस्क के रूप में मुझे अपने आपको ज़्यादा अच्छी तरह जानना चाहिए इससे पहले कि मैं दूसरे वयस्क को सँभालना शुरू कर सकूँ।
“जबकि हम ठहरना नहीं चाहते थे, फिर भी हमने अपने विवाह को आगे बढ़ा दिया ताकि हम अपने आपको प्रौढ़ होने का समय दे सकें। जब अंततः हमने विवाह किया, तब हमने बेहतर नींव और गुणों के साथ इस संबंध में प्रवेश किया।”
जब धार्मिक मतभेद चिंता का कारण होते हैं
जब टॆरी के मन में एक ऐसे पुरुष के लिए रोमानी भावनाएँ उठीं जो उसके चुने हुए धर्म का नहीं था, तब उसने गुप्त रूप से उसके साथ डेटिंग की। विवाह करने का अपना इरादा बताने के बाद, टॆरी यह जानकर परेशान हो गयी कि उसकी माँ विवाह के विरुद्ध हैं। “मैं नहीं चाहती कि मेरी माँ मेरे बारे में ऐसा महसूस करें,” टॆरी ने दुःखी होकर कहा। “मैं चाहती हूँ कि अब भी हमारा माँ-बेटी का रिश्ता रहे।”
लेकिन उस रिश्ते को कौन बिगाड़ रहा था? क्या टॆरी की माँ नीचता अथवा कठोरता कर रही थी? जी नहीं, वह तो मसीहियों को दी गयी बाइबल की इस सलाह का समर्थन भर कर रही थी कि “केवल प्रभु में” विवाह करें। (१ कुरिन्थियों ७:३९) असल में, बाइबल आज्ञा देती है: “अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो।” (२ कुरिन्थियों ६:१४, १५) ऐसा क्यों?
एक कारण यह है कि धार्मिक एकता सुखी और सफल विवाह में एक बहुत महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अंतर्धर्म विवाह में आनेवाले तनाव और दबाव अकसर तलाक़ का कारण बनते हैं। लेकिन, उससे भी महत्त्वपूर्ण कारण है अपने धार्मिक विश्वासों का समझौता करने—या उन्हें पूरी तरह त्यागने—के लिए दबाव डाले जाने की संभावना। यदि अविश्वासी साथी आपकी उपासना में दख़ल नहीं देता, तो भी आपको इस हृदय शूल के साथ जीना पड़ेगा कि आप अपने पक्के विश्वास उसके साथ नहीं बाँट सकते या सकतीं। क्या यह वैवाहिक सुख का सूत्र लगता है?
इसलिए टॆरी को एक कठिन फ़ैसला करना था। “मैं यहोवा परमेश्वर से प्रेम करती हूँ,” टॆरी ने कहा, “लेकिन मैं अपने बॉयफ्रॆंड को नहीं खोना चाहती।” चित भी आपकी पट भी आपकी नहीं हो सकती। यह नहीं हो सकता कि आप परमेश्वर के स्तरों का समझौता भी करें और उसका अनुग्रह और आशीष भी पाएँ।
लेकिन, शायद आपके माता-पिता किसी संगी मसीही से आपके विवाह के विरुद्ध हैं। क्या एक विश्वासी के साथ असमान जूए में जुतना संभव है? जी हाँ, यदि उस व्यक्ति के आध्यात्मिक लक्ष्य या परमेश्वर के प्रति भक्ति आपके समान नहीं हैं। यदि ऐसा है या यदि उसकी कलीसिया के भाइयों में उसका “सुनाम” नहीं है, तो आपके माता-पिता उचित ही उस व्यक्ति से आपके विवाह के बारे में चिंतित हो सकते हैं।—प्रेरितों १६:२.
जातीय या सांस्कृतिक भिन्नताओं के बारे में क्या?
लिन के माता-पिता ने अन्य कारण से आपत्ति उठायी: वह दूसरी जाति के पुरुष से विवाह करना चाहती थी। इस संबंध में बाइबल क्या सिखाती है? बाइबल हमें बताती है कि “परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता” और यह कि “उस ने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां . . . बनाई हैं।” (प्रेरितों १०:३५; १७:२६) मनुष्यों का एक ही उद्गम है और परमेश्वर की दृष्टि में समान महत्त्व है।
फिर भी, जबकि सभी विवाहित दंपतियों को “शारीरिक दुख” होता है, अंतर्जातीय दंपतियों को और भी अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। (१ कुरिन्थियों ७:२८) क्यों? क्योंकि आज के घृणा-भरे संसार में अनेक लोग जाति के बारे में परमेश्वर के दृष्टिकोण को स्वीकार नहीं करते। जबकि कुछ पाश्चात्य देशों में अंतर्जातीय विवाह अधिकाधिक सामान्य हो गये हैं, अभी भी ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ अंतर्जातीय दंपतियों को तीव्र पूर्वधारणा का सामना करना पड़ता है। इसलिए आपके माता-पिता को शायद यह भय हो कि आप ऐसे दबावों से निपटने के लिए तैयार नहीं है।
“मेरे माता-पिता ने सोचा कि यह हमारे लिए बहुत कठिन होगा,” लिन स्वीकार करती है। बुद्धिमानी से, लिन ने उनकी भावनाओं के लिए आदर दिखाया और हड़बड़ी में विवाह नहीं किया। जैसे-जैसे लिन के माता-पिता ने उसकी प्रौढ़ता देखी और उस पुरुष से ज़्यादा अच्छी तरह परिचित हुए जिससे वह प्रेम करती थी, धीरे-धीरे उन्हें विश्वास होने लगा कि वह इस विवाह में आनेवाले दबावों का सामना कर सकेगी। लिन कहती है: “जब उन्हें विश्वास हो गया कि हम एकसाथ सचमुच ख़ुश रह सकते हैं, तब वे भी हमें देखकर ख़ुश थे।”
लेकिन, कभी-कभी वादविषय जाति नहीं संस्कृति होता है। आपके माता-पिता शायद चिंतित हों कि आगे चलकर आपको उस व्यक्ति के साथ ख़ुशी से रहने में कठिनाई होगी जिसकी जीवन-शैली, अपेक्षाएँ, और भोजन, संगीत, एवं मनोरंजन के बारे में पसंद आपकी पसंद से बहुत भिन्न है। बात जो भी हो, दूसरी जाति या दूसरी संस्कृति के व्यक्ति से विवाह करना बड़ी चुनौतियाँ प्रस्तुत कर सकता है। क्या आप वास्तव में इनका सामना करने के लिए तैयार हैं?
जब माता-पिता का विरोध अनुचित प्रतीत होता है
लेकिन तब क्या यदि आपको लगता है कि आपके माता-पिता का विरोध पूरी तरह से अनुचित है? फ़ेथ नाम की एक युवती अपनी माँ के बारे में कहती है: “कई बार मम्मी का तलाक़ हो चुका है। वह कहती हैं कि जिससे आप विवाह करते हैं उसे आप जब तक जान पाते हैं तब तक तो बहुत देर हो चुकी होती है। वह विश्वस्त हैं कि मैं विवाह करके सुखी नहीं रहूँगी।” अकसर, जिन माता-पिताओं का विवाह सुखी नहीं रहा होता वे अपने बच्चे के विवाह को सही ढंग से देखने में समर्थ नहीं होते। कुछ क़िस्सों में, अपने बच्चे के विवाह का विरोध करने में माता-पिता के हेतु संदेहजनक होते हैं, जैसे बच्चे के जीवन पर नियंत्रण बनाए रखने की इच्छा।
यदि आपके माता-पिता आपका तर्क सुनने को राज़ी नहीं हैं, तो आप क्या करें? यहोवा के साक्षियों के बीच, पारिवारिक समस्याओं को सुलझाने में मदद करने के लिए कलीसिया प्राचीनों को बुलाया जा सकता है। पक्षपात किये बिना, वे परिवार के सदस्यों को ठंडे दिमाग़ से, शांति से और सफल रीति से समस्या पर बात करने में मदद दे सकते हैं।—याकूब ३:१८.
शांति ढूँढ़ना
जी हाँ, अनेक अन्य कारणों से आपके माता-पिता आपके विवाह का विरोध कर सकते हैं, जैसे आर्थिक चिंता या भावी साथी का व्यक्तित्व। और एड्स तथा लैंगिक रूप से फैलनेवाली दूसरी बीमारियों के इस युग में, आपके माता-पिता उचित ही आपके स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हो सकते हैं यदि आपके भावी साथी ने एक मसीही बनने से पहले स्वच्छंद जीवन जीया है।b
जब तक आप अपने माता-पिता के घर में रहते हैं, आप उनके अधिकार को स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं। (कुलुस्सियों ३:२०) लेकिन यदि आप अलग रहते हैं और इतने बड़े हैं कि अपने फ़ैसले ख़ुद करें, तो भी जल्दबाज़ी में अपने माता-पिता की बातों को अनसुना मत कीजिए। सुनने के लिए तैयार रहिए। (नीतिवचन २३:२२) विवाह करने के संभव परिणामों को ध्यान से तौलिए।—लूका १४:२८ से तुलना कीजिए।
ऐसा करने के बाद, आप शायद यह तय करें कि आपको विवाह करना ही है। स्वाभाविक है, आपको ऐसे फ़ैसले की पूरी ज़िम्मेदारी ख़ुद उठानी होगी। (गलतियों ६:५) यदि आपने अपने माता-पिता के दृष्टिकोण पर विचार करने का पूरा प्रयास किया है, तो शायद वे आपके फ़ैसले का समर्थन करने के लिए राज़ी हो जाएँ, चाहे बेमन से ही सही। लेकिन यदि वे आपत्ति उठाना जारी रखते हैं, तो कटु या क्रोधित न होने की कोशिश कीजिए। याद रखिए: आपके माता-पिता आपसे प्रेम करते हैं और आपके भविष्य के सुख की चिंता करते हैं। उनके साथ शांति बनाने की कोशिश करते रहिए। जब आप अपने विवाह को सफल बनाते हैं, तब शायद उनका रवैया नरम पड़ जाए।
दूसरी ओर, यदि आप सचमुच अपने माता-पिता की हर बात पर विचार करते हैं और अपने तथा उस व्यक्ति पर कड़ी नज़र डालते हैं जिससे विवाह करने के लिए आप इतने उतावले हैं, तो हैरान मत होइए यदि आप इस चकरानेवाले निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि शायद आपके माता-पिता ही ठीक कह रहे हैं।
[फुटनोट]
a इस लेख में दी गयी जानकारी उन देशों के युवाओं के लिए है जहाँ अपना विवाह साथी स्वयं चुनना सामान्य है।
b सजग होइए! (अंग्रेज़ी) के मार्च २२, १९९४ अंक में लेख “एड्स ग्रसितों की मदद करना” देखिए।
[पेज 21 पर तसवीर]
शायद आपके माता-पिता को लगे कि आप विवाह करने के लिए अभी छोटे हैं