क्या आप दाँत पीसते हैं?
प्राचीन समय से ही लोग तनाव में होने पर दाँत पीसते आये हैं। रोष या क्रोध को सूचित करने के लिए बाइबल बहुत बार दाँत पीसना अभिव्यक्ति का प्रयोग करती है। (अय्यूब १६:९; मत्ती १३:४२, ५०) आज के क्रोध और तनाव भरे संसार में करोड़ों लोग सचमुच दाँत पीसते हैं, और अधिकतर को पता भी नहीं होता कि वे ऐसा कर रहे हैं। शायद उनके दाँत घिसे जा रहे हों।
कुछ लोग दाँत क्यों पीसते हैं? इसके कारण जटिल हैं और अब तक पूरी तरह समझ नहीं आये हैं। लेकिन कुछ किस्सों में भावात्मक तनाव इसका दोषी दिखायी पड़ता है। यू.सी. बर्कली वॆलनॆस लॆटर बताता है: “जो लोग दाँत पीसते हैं वे अकसर यह रिपोर्ट करते हैं कि उन्हें वैवाहिक या आर्थिक समस्याएँ हो रही हैं, उनकी अंतिम परीक्षाएँ चल रही हैं, उन्हें अपनी नौकरी खोने का डर है, या वे किसी दूसरे दबाव में हैं।” दूसरे संभव कारणों और योग देनेवाली बातों में ऊपर और नीचे के दाँतों का ठीक से न बैठना, नींद में बाधा होना, अथवा शराब का सेवन शामिल है। इसलिए, वॆलनस लॆटर का सुझाव है कि इससे पीड़ित लोग शराब का सेवन कम करने की कोशिश करें; रात को सोने से पहले तनावमुक्त होने के लिए कुछ आसान कदम उठाएँ, जैसे गरम पानी से नहाना; या किसी मित्र अथवा भरोसे के सलाहकार को कष्टदायी समस्याओं के बारे में बताना।
दिन के दौरान आपको पता चल सकता है कि आप दाँत पीस रहे हैं या उन्हें आपस में रगड़ रहे हैं। लेकिन आप कैसे जानें कि सोते समय आप दाँत किटकिटाते हैं या नहीं? दाँत पीसने से कभी-कभी इतनी तेज़ आवाज़ होती है कि उसी कमरे में सो रहा दूसरा व्यक्ति जाग जाता है। दाँत पीसने की पुरानी आदत को ब्रकसिज़म कहा जाता है। आप शायद कनपटी में सिरदर्द के साथ जागें, या आपके जबड़े में खटर-खटर आवाज़ें हों।a आपका दंत-चिकित्सक शायद यह भी देख ले कि आपके दाँत बहुत ज़्यादा घिस रहे हैं। थोड़ी राहत पाने के लिए वह नुस्खे बता सकता है, जैसे कि रात को अपने दाँतों पर एक कवच रखकर सोना। हालाँकि इस तरह का मुँह-कवच आपको दाँत पीसने से रोकने के लिए नहीं बनाया गया होता, यह आपके दाँतों को और नुकसान पहुँचने से बचा सकता है। बात जो भी हो, शांत होइए! आप जितनी कम चिंता करेंगे, शायद उतना ही कम दाँत पीसेंगे।
[फुटनोट]
a अतिरिक्त जानकारी के लिए, कृपया सजग होइए! (अंग्रेज़ी) का जून २२, १९९१ अंक, पृष्ठ २०-२२ देखिए।