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lmd पाठ 7

वापसी भेंट करते वक्‍त

पौलुस एक स्कूल के सभा-भवन में कुछ लोगों को गवाही दे रहा है।

प्रेषि. 19:8-10

पाठ 7

हार मत मानिए

सिद्धांत:  ‘वे बिना नागा हर दिन सिखाते रहे और खुशखबरी सुनाते रहे।’—प्रेषि. 5:42.

पौलुस ने क्या किया?

पौलुस एक स्कूल के सभा-भवन में कुछ लोगों को गवाही दे रहा है।

वीडियो: इफिसुस में सिखाते वक्‍त पौलुस ने हार नहीं मानी

1. वीडियो देखिए या प्रेषितों 19:8-10 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों के बारे में सोचिए:

  1. क. जब एक जगह पर लोगों ने पौलुस की बात सुनने से इनकार कर दिया, तो उसने क्या किया?

  2. ख. जो लोग सुनना चाहते थे, उन्हें सिखाने के लिए पौलुस कितनी बार गया? वह ऐसा कब तक करता रहा?

पौलुस से हम क्या सीखते हैं?

2. अगर हम चाहते हैं कि वापसी भेंट करते वक्‍त लोग हमारी सुनें और बाइबल अध्ययन करने के लिए राज़ी हो जाएँ तो इसमें वक्‍त और मेहनत लगेगी।

पौलुस की तरह हमें क्या करना है?

3. तब जाइए जब सामनेवाले के पास वक्‍त हो। सोचिए: ‘उसके पास मुझसे बात करने के लिए कब वक्‍त होगा? वह कब और कहाँ मिलना पसंद करेगा?’ अगर उस वक्‍त आपने कुछ और करने की सोची थी, तब भी उससे मिलने की कोशिश कीजिए। अपने शेडयूल में फेरबदल करने के लिए तैयार रहिए।

4. पहले से समय तय कीजिए। हर बार बात खत्म करने से पहले तय कर लीजिए कि आप अगली बार कब मिलेंगे। जो वक्‍त तय किया है उसी वक्‍त पर मिलिए।

5. उम्मीद मत खोइए। अगर कोई व्यक्‍ति अकसर घर पर नहीं मिलता या व्यस्त रहता है, तो यह मत मान बैठिए कि वह सीखना ही नहीं चाहता। (1 कुरिं. 13:4, 7) कोशिश करते रहिए लेकिन ध्यान रखिए कि आप अपने वक्‍त का सही इस्तेमाल कर रहे हों।—1 कुरिं. 9:26.

ये भी देखें

प्रेषि. 10:42; 1 कुरिं. 9:22, 23; 2 कुरिं. 4:1; गला. 6:9

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