वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w90 5/1 पेज 26-27
  • “हे खुराज़ीन, तुम पर हाय!”–क्यों?

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • “हे खुराज़ीन, तुम पर हाय!”–क्यों?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1990
  • मिलते-जुलते लेख
  • कफरनहूम, खुराजीन और बैतसैदा
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • खुराजीन और बैतसैदा
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • गलील झील से कैसरिया फिलिप्पी के इलाके तक
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • गलील झील के किनारे मगदन
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1990
w90 5/1 पेज 26-27

प्रतिज्ञात देश से दृश्‍य

“हे खुराज़ीन, तुम पर हाय!”–क्यों?

आप निश्‍चय ही नहीं चाहेंगे कि परमेश्‍वर आप पर विपत्ति सुनाए, है ना? तो फिर, यह सोचें कि गलील के तीन शहरों के यहूदियों को कैसे महसूस करना चाहिए था जब परमेश्‍वर के पुत्र और न्यायी ने घोषित किया:

“हे खुराज़ीन, तुम पर हाय! हे बैतसैदा, तुम पर हाय! जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब के मन फिरा लेते। परन्तु मैं तुम से कहता हूँ; कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी। और हे कफरनहूम, . . . तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा।”—मत्ती ११:२१-२३.

ऊपर दिया गया दृश्‍य उन शहरों में से एक पर फ़ोकस करता है—खुराज़ीन। यह तस्वीर १९८९ कॅलैंडर ऑफ जेहोवाज़ विट्‌नेसिज़ में जुलाई/अगस्त के महीनों के लिए भी प्रकाशित है। दिलचस्प रीति से, मत्ती ११:२१-२३ में दिए यीशु के शब्द अगस्त के दौरन यहोवा के गवाहों के बाइबल पढ़ाई कार्यक्रम में शामिल हैं। तो फिर, हमें खुराज़ीन के बारे में क्या जानना चाहिए?

ख़ैर, ग़ौर करें कि प्राचीन खुराज़ीन कहाँ स्थित था। इस तस्वीर के अग्रभाग में आप इसके खण्डहर देख सकते हैं। फिर, गलील सागर के उत्तरी तट पर उन पेड़ों पर ग़ौर करें। वहीं, लगभग दो मील दूर, कफरनहूम स्थित था। इस आकाशी तस्वीर के संदर्श से शायद एक काफ़ी समतल क्षेत्र सूचित होगा, फिर भी खुराज़ीन दरअसल पहाड़ियों में तट के लगभग ८८५ फुट की ऊँचाई पर स्थित है।

यह जानना भी मददगार है कि कफरनहूम से लगभग वही दूरी पर, तट के किनारे-किनारे, बैतसैदा स्थित था। इसलिए, इन तीन शहरों को धिक्कारने में, यीशु अपना ध्यान गलील में अपने क्रिया-कलाप के केंद्र के इर्द-गिर्द एक छोटे क्षेत्र पर संकेंद्रित कर रहा था। (मत्ती ४:१३; मरकुस २:१; लूका ४:३१) यीशु ने उन पर विपत्ति क्यों सुनायी?

यीशु ने प्रेरितों के साथ इस इलाके में काफ़ी समय बीताया था, और उसने यहाँ बहुत से प्रभावशाली कार्य किए थे। बैतसैदा के पास उसने चमत्कारिक रीति से ५,००० लोगों को खिलाया था, और उसने एक अँधे को दृष्टि दी। (मरकुस ८:२२-२५; लूका ९:१०-१७) कफरनहूम में या उसके आस-पास किए चमत्कारों में, दूर से एक बीमार लड़के को स्वस्थ करना, एक दुष्टात्मा-ग्रस्त को ठीक करना, एक लक़वाग्रस्त को चलने की शक्‍ति देना, और यहूदी सभाघर के अफ़्सर की बेटी को पुनरुत्थित करना शामिल थे। (मरकुस २:१-१२; ५:२१-४३; लूका ४:३१-३७; यूहन्‍ना ४:४६-५४) हालाँकि बाइबल हमें यह नहीं बताती कि खुराज़ीन से कौनसे “सामर्थ के काम” संबद्ध हैं, मत्ती ११:२१ सूचित करता है कि यीशु ने वहाँ या उसके आस-पास चमत्कार किए। फिर भी, लोगों ने पश्‍चाताप करके उस पर परमेश्‍वर का समर्थन-प्राप्त मसीहा होने के नाते, विश्‍वास न किया।

साथ दिए गए दृश्‍य में ऐसे कार्य कर रहे यीशु को देखकर आप शायद पूछेंगे, ‘खुराज़ीन के लोग इतने अप्रतिक्रियाशील कैसे हो सकते थे?’ शायद एक सुराग़ उन काले बेसाल्टी पत्थरों में पाया जा सकेगा जो पुरातत्त्वज्ञों ने इस खण्डहर से खोदकर निकाले हैं, जो कि सामान्य युग के तीसरे शतक के हैं। इस अवशेष में शहर के केंद्र में एक यहूदी सभाघर और पास के रिहाइशी इलाके मौजूद हैं। यहूदी सभाघर के कुछ पत्थरों पर असामान्य नक़्क़शी थी। किस की? यूनानी पौराणिक कथाओं की मूर्तियों की, जैसे कि सर्प-बालोंवाली मेड्यूसा और एक सेंटॉर, आधा मानव और आधा घोड़ा। चूँकि यहूदी धर्म को ऐसी मूर्तिपूजक नक़्क़शी का सख़्त विरोध करना चाहिए था, खुराज़ीन के यहूदी अगुओं ने उन्हें अपने सभाघर में होने की अनुमति क्यों दी होगी?

एक मत यह है कि “उस इलाके में एक उदारचित्त मनोवृत्ति परंपरागत रही होगी,” जिस से यीशु को उस शहर में एक अच्छी प्रतिक्रिया पाने की आशा करने का कारण मिलता।a पर अगर यहूदी सभाघर की यह चित्र-वल्लरी यीशु के समय में की मनोवृत्ति के विषय कुछ भी सूचित करती है, तो यह ऐसा हो सकता है कि खुराज़ीन की अधिसंख्यक जनता “पिता का भजन आत्मा और सच्चाई से” करने के लिए कोई खास चिन्तित न थी। (यूहन्‍ना ४:२३) उन्होंने यह उस चमत्कार-करनेवाले मसीहा को अस्वीकार करके दिखाया।

जब यीशु ने ७० शिष्यों को भेज दिया, उसने एक बार फिर खुराज़ीन, बैतसैदा, और कफरनहूम की अप्रतिक्रियाशीलता को सम्मिलित करके, अतिशयोक्‍ति इस्तेमाल की। यीशु के प्रभावशाली कार्यों से परिचित होकर भी, अगर उसके खुराज़ीन में रहनेवाले संगी गलील-वासियों ने अनुकूल प्रेतिक्रिया नहीं दिखायी, तो उसके शिष्यों को कोई आश्‍चर्य नहीं होना चाहिए अगर कुछ अन्य शहरों में, जहाँ उन्होंने प्रचार किया, निवासी उनका स्वागत न करते।—लूका १०:१०-१५.

तो जब हम खुराज़ीन के काले निर्जीव खण्डहर पर विचारते हैं, हमें यीशु के “हाय” में की अव्यक्‍त चेतावनी को गंभीरता से लेनी चाहिए। पश्‍चाताप करने, परमेश्‍वर के लोगों द्वारा किए जा रहे कार्य के प्रति अनुक्रिया दिखाने से रह जाना, पतन और एक उजाड़ भविष्य की ओर ले जा सकता है।

[फुटनोट]

a एड्यूकेशनल हेरिटेज, इंक., न्यू यॉर्क, १९५९, द्वारा प्रकाशित द वर्ल्ड ऑफ द बाइबल, खण्ड ५, पृष्ठ ४४.

[पेज 26 पर नक्शे]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

खुराज़ीन

बैतसैदा

कफरनहूम

गलील सागर

तिबिरियास

[चित्र का श्रेय]

Pictorial Archive (Near Eastern History) Est. and Survey of Israel

[पेज 26 पर चित्र का श्रेय]

Pictorial Archive (Near Eastern History) Est.

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें