क्यों धर्म को संजीदगी से लेना?
“आदमी सिर्फ़ रोटी ही से जीता न रहेगा।” (मत्ती ४:४, दी न्यू इंग्लिश बाइबल) यह अक़सर उद्धृत किए गए शब्द एक मानवी ग़रज़ का उल्लेख करते हैं जिसे आज अनेक भूल गए हैं। यह सूचित करते हैं कि हमारी बनावट में एक आध्यात्मिक हिस्सा है जिसे संतुष्ट किया जाना चाहिए। इसीलिए इन शब्द को बोलनेवाला, यीशु मसीह, ने भी कहा: “धन्य हैं वे जो परमेश्वर का उनकी ज़रूरत जानते हैं।”—मत्ती ५:३, न्यू.इं.बा.
सिर्फ़ धर्म ही “परमेश्वर की अपनी ज़रूरत” पूरा कर सकता है। सिर्फ़ धर्म ही जीवन का उद्गम, मक़सद और मतलब के विषय में हमारी बुनियादी सवालों का जवाब दे सकता है। और हमारे ज़िंदगी में सिर्फ़ धर्म ही असली अर्थ और महत्त्व दे सकता है। लेकिन केवल कोई भी धर्म यह सब नहीं कर सकता। यीशु ने एक सामरी औरत से कहा: “सच्चे भक्त पिता का भजन आत्मा और सच्चाई से करेंगे।” (यूहन्ना ४:२३) ‘सच्चाई से’ उपासना करने का अर्थ अतिप्राचीन परम्पराएँ और धर्मविधियों का पालन करने से कहीं ज़्यादा है। अक़सर यह अनुयायियों को आध्यात्मिक रूप से भूखा छोड़कर, कल्याण का अस्थायी भाव प्रदान करते हैं।
मसलन, एडवीन. ओ. राइस्कॉअर, जापान को भूतपूर्व अमेरिकन राजदूत ने ध्यान दिया: “अधिकांश लोगों के लिए शिन्टो और बौद्ध धर्म अर्थपूर्ण विश्वास से ज़्यादा सिर्फ़ रिवाज और रूढ़ियों का मामला है।” मान लिया कि अनेक जापानी लोग इस तरह पसंद करते हैं। लेकिन जापान में “नए धर्मों” की फसल पारम्पारिक धर्म के प्रति बढ़ती हुई असन्तोष प्रतिबिंबित करते हैं।
“नए धर्म” परमेश्वर पर नहीं, बल्कि चमत्कारिक अगुओं पर केंद्रित होते हैं। इन धार्मिक अगुओं में से अनेक दावा करते हैं कि वे दैविक तरह से प्रेरित हुए हैं। लेकिन उनके धर्मसिद्धांत बौद्ध, शिन्टो, और अन्य धर्मविश्वासों का मिश्रण है, जिसमें बड़ी मात्रा में संस्थापक का तत्त्वज्ञान जोड़ दिया गया है। अक़सर उनका आकर्षण बेहतर ज़िंदगी का वादा और दावा किया हुआ रहस्यात्मक या चंगाई शक्तियों पर निर्भर करता है। पर क्या ऐसे धर्म यह सबूत देते हैं कि वे अपने अनुयायियों को “आत्मा और सच्चाई से” उपासना करना सिखा रहे हैं? हरगिज़ नहीं। एक बात है, धार्मिक सम्प्रदाय आज हैं और कल नहीं रहते। उनकी धुनी वृत्ति के वजह से उन्हें संजीदगी से लिया नहीं जाता।
संजीदगी से लेने लायक़ धर्म
फिर भी, एक धर्म है जो अन्य धर्मों से पूराना है। वह पवित्र बाइबल में सिखलाया हुआ धर्म है। बाइबल लिखाई की शुरुआत ३५ शताब्दी पहले हुई, और उसके प्रारंभिक अध्यायों में सुरक्षित रखा हुआ कई ‘इतिहासों’ की तारीख़ उससे हज़ार साल पहले की है।a धर्म के उद्गम पर यह उपलब्ध सब से पूराने विवरण हैं। बाइबल के धर्म पर गंभीर ध्यान देने के लिए सिर्फ़ यही काफी है।
दी ऐंसाइक्लपीडिया अमेरिकाना बाइबल के विषय में कहता है: “उसकी ज्योति ‘सारे संसार में फैल चुकी है।’ उसे अब नैतिक और धार्मिक खज़ाना माना जाता है और जैसे विश्व सभ्यता की आशा बढ़ती है उसकी असीम शिक्षण और भी बहुमूल्य साबित होगी।” लेकिन अगर एक किताब असल में सच्चा धर्म का विश्वसनीय मार्गदर्शक है, फिर क्या आप यह अपेक्षा नहीं करेंगे कि उसका सबसे व्यापक वितरण हो ताकि सब सत्य के खोजनेवालों को प्राप्य हो सके?
बाइबल के साथ यह सच है। सम्पूर्ण या आंशिक रूप से, इसे १,९२८ भाषाओं में अनुवाद किया गया है, और इतिहास में सर्वाधिक मात्रा में वितरित किताब है। इसके अलावा, यह एतिहासिक और विज्ञानी तौर से सलामत है। बाइबल भविष्यवाणियों की सही पूर्ति का सबूत पुरातत्त्व और इतिहास देते हैं। रहस्यवाद, तंत्र-मंत्र और सब प्रकार के प्रेतात्मवाद से यह मुक़्त है। यह सब बाइबल के अपने दावे से संगत है कि वह दैविक रूप से उत्प्रेरित है।b—२ तीमुथियुस ३:१६.
सच्चे धर्म के “फल”
क्या यह सच नहीं कि अनेक धर्म बाइबल पालने का दावा करते हैं? और क्या संघर्ष, दुश्मनी, और पाखण्ड मसीही होने का दावा करनेवालों में ज़ाहिर नहीं? हाँ, पर यह बाइबल की अवहेलना का कारण नहीं है। ख़ुद यीशु मसीह ने सूचित किया कि मसीहयता का स्वीकरण करनेवालों में से अधिकांश लोग परमेश्वर द्वारा नापसंद होंगे। (मत्ती ७:१३, १४, २१-२३ देखें) फिर, किस तरह बाइबल में सिखाया गया सच्चा धर्म के अनुसार चलनेवालों की पहचान की जा सकती है? यीशु ने जवाब दिया: “उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे। क्या झाड़ियों से अंगुर, व ऊँटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं? इसी प्रकार हर एक अच्छा पेड़ अच्छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है। सो, उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे।”—मत्ती ७:१६, १७, २०.
हाँ, अच्छाई के लिए सच्चा धर्म एक प्रभावशाली ताक़त होना चाहिए, जो उपासकों में लाभदायक प्रभाव उत्पन्न करता है। अकिनोरी का उदाहरण लीजिए, एक जापानी, जो अपने शब्दों में, “एक प्रतियोगी आत्मा का मूर्तिमान आदर्श बन गया।” एक मुख्य विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त करने और एक मशहूर कंपनी में रोज़गार करने का उसका लक्ष्य उसने सफलतापूर्वक प्राप्त किया। उसने अपने ज़िंदगी में धर्म को स्थान देना उचित नहीं समझा। वह सोचता था, ‘धर्म सिर्फ़ कमज़ोरों के ख़ातिर है जिसे ज़िंदगी में बैसाखी की ज़रूरत पड़ती है।’
सबकुछ आसानी से चल रहा था, पर तनाव और थकान के वजह से, वह एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गया। उसकी गरदन टेढ़ी हो गयी, और बाएँ कंधे पर ठोड़ी “जम गया।” इस संकट के समय अकिनोरी के कंपनी के “दोस्त” कुछ तसल्ली नहीं दे सके। (नीतिवचन १७:१७ से तुलना करें) अतः वह शराब के गहरे गड्ढे में जा गिरा और उसने ख़ुदकुशी करने का विचार भी किया।
ऐन वक़्त पर, अकिनोरी की पत्नी यहोवा के गवाहों के साथ बाइबल अध्ययन करने लगी। एक दिन वार्तालाप के दौरान, उसने उसे गलतियों ६:७ के बारे में कहा: “मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा।” इन शब्दों से प्रभावित होकर, अकिनोरी अपनी पत्नी के साथ अध्ययन में शामिल हुआ, और ज़िंदगी का मतलब के बारे में उसका नज़रिया बदल गया। जैसे अकिनोरी का दृष्टिकोण बदला, उसका तनाव-प्रेरित कष्ट ग़ायब हो गया! जैसा बाइबल का एक कहावत कहती है: “शांत दिल, तन का जान है।” (नीतिवचन १४:३०, न्यू.व.) हाँ, सच्चा धर्म बढ़िया फल उत्पन्न करता है!
टोशीरो एक और जापानी है जिसने यह जाना कि सच्चा धर्म भलाई के लिए एक शक्ति है। हालाँकि वह यक़ीन करता था कि धर्म उपयोगी है, उसने कुछ किया नहीं। उसका ध्यान ख़ुद का एक घर प्राप्त करने में केंद्रित था। फिर भी, उस लक्ष्य को प्राप्त करने से, उसे प्रत्याशित संतोष नहीं मिली। इसके अतिरिक्त, वह अपने कार्यस्थल के चारों ओर बेईमान व्यवसाय देखता, जो साधारण थे और जिसके वजह से ख़राब निजी सम्बन्ध बढ़ते थे। उसने जो कुछ देखा उससे टोशीरो घृणित था।
उससे मुलाक़ात करने के लिए उसकी पत्नी ने एक दिन यहोवा के गवाहों के स्थानीय मण्डली के एक प्राचीन को आमंत्रित किया। टोशीरो ने फ़ौरन जान लिया कि यह प्राचीन उसके सहकर्मियों से भिन्न है। कारण? वह प्राचीन बाइबल सिद्धांतों को अपने ज़िंदगी में अमल में लाता था। इससे प्रभावित होकर, टोशीरो ने बाइबल अध्ययन करने का न्योता स्वीकार किया और बाइबल का धर्म को ज़िंदगी का मार्ग बनाने लगा।
हम भी आप को निमंत्रित करते हैं कि यहोवा के गवाहों के साथ परिचित हो जाइए। उनके “फल” यह प्रमाण देते हैं कि वे “आत्मा और सच्चाई” से उपासना कर रहे हैं। बाइबल के शिक्षा को अपने ज़िंदगी में सफल होने में वे काफी मेहनत करते हैं। और जबकि वे व्यक्तिगत रूप से परिपूर्ण नहीं, एक समूह के रूप में वे दर्शाते हैं कि एक सच्चा धर्म प्रभावशाली आध्यात्मिक शक्ति हो सकता है।
हज़ारों गवाह एक समय पर अपने जीवन-मार्ग से दुःखी थे। बाइबल सिद्धांतों को अमल में लाने के ज़रिये, उन में से अनेक प्रभावशाली परिवर्तन लाने में क़ाबिल हुए हैं। प्रेम, हर्ष, शान्ति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, दीनता, और आत्म-संयम जैसे गुणों को, जिसे बाइबल “आत्मा के फल” कहती है, बढ़ाने से उन्होंने निजी ख़ुशी की कुँजी प्राप्त किया है।—गलतियों ५:२२, २३.
सच्चा धर्म को पालने से अनन्त फ़ायदे
तथापि, सच्चा धर्म ने व्यक्तित्वों को बदल देने या निजी समस्याओं का हल करने से और कहीं ज़्यादा करना चाहिए। प्रदूषण, नाभिक युद्ध का ख़तरा, और पर्यावरण का शोषण जैसे व्यापक समस्याएँ हमारी ख़ुबसूरत गृह को बरबाद कर रहे हैं। करोड़ों लोगों के ख़ुशी और कल्याण को आर्थिक तक़लीफ दबा देती हैं। जब तक कोई भी धर्म इन व्यापक समस्याओं को हल करने की आशा नहीं देता तब तक उन्हें संजीदगी से नहीं लिया जाएगा।
बाइबल का धर्म आशा प्रदान करता है। परमेश्वर वादा करते हैं कि एक “राज्य,” या स्वर्गीय शासन के अंतर्गत वे धर्मी नया जगत उद्घाटित करेंगे। (मत्ती ६:९, १०; २ पतरस ३:१३; प्रकाशितवाक्य २१:३, ४) मानवजाति के सभी विपत्तियों के लिए यह राज्य सर्वरोगहर है। और इन विश्वव्यापक फ़ायदों के स्थायीपन के बारे में बाइबल हमें आश्वासन देती है: “संसार और उसकी अभिलाषाएँ दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।” हाँ, ख़ुशी में अनन्त जीवन हर सच्चे मसीह की आशा है! (१ यूहन्ना २:१७; यूहन्ना १७:३) सिर्फ़ वही जिन्होंने सच्चा धर्म को संजीदगी से लिया है आनेवाले राज्य से लाभ पा सकते हैं। इसलिए बाइबल का गंभीर अध्ययन शुरू करने हम आपको आग्रह करते हैं।c (यूहन्ना १७:३) जैसे आप परमेश्वर के वचन की रोशनी को अपने ज़िंदगी में चमकाने देते हैं, आप बहुत हर्ष अनुभव करेंगे जैसे ‘परमेश्वर के लिए ज़रूरत’ धीरे-धीरे पूरा होती है। सचमूच, अनन्त आशिष आपकी होगी चूँकि आपने धर्म—सच्चा धर्म—को संजीदगी से लिया।
[फुटनोट]
a उदाहरण के लिए, उत्पत्ति २:४; ५:१; ६:९ देखिए.
b अधिक जानकारी के लिए, इस पत्रिका के प्रकाशकों से प्राप्त किताब दी बाइबल—गॉडस् वर्ड ऑर मैनस्? देखें.
c इस विषय में यहोवा के गवाह आपको मदद करने आनंदित होंगे। इस पत्रिका के प्रकाशकों से या आपके समुदाय के यहोवा के गवाहों के स्थानीय मण्डली से संपर्क करने से एक मुफ़्त बाइबल अध्ययन का प्रबंध किया जा सकता है।
[पेज 5 पर तसवीरें]
दैविक रूप से उत्प्रेरित होने का दावा से बाइबल की १,९०० से अधिक भाषाओं में प्राप्यता संगत है
[पेज 7 पर तसवीरें]
बाइबल का धर्म एक स्वर्गीय शासन के अंतर्गत दुनिया भर में शांतिमय परिस्थितियों की आशा का प्रस्ताव करता है