परमेश्वर के भविष्यसूचक वचन पर ध्यान दें!
पतरस की दूसरी पत्री से विशिष्टताएँ
यहोवा का भविष्यसूचक वचन या संदेश, एक अन्धकारपूर्ण स्थान में जगमगाते दीपक की भाँति है, और सच्चे मसीहियों को इस पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसा करना आसान नहीं होता जब झूठे शिक्षक धर्म-त्याग को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं। परन्तु ऐसा, दैवी सहायता से किया जा सकता है। और अगर हमें शीघ्रता से निकट आनेवाले यहोवा के दिन में बचना है, तो हमें दृढ़ता से परमेश्वर के वचन से जुड़े रहना चाहिए।
परमेश्वर के भविष्यसूचक वचन की ओर ध्यान देने के लिए प्रेरित पतरस का दूसरा ईश्वरप्रेरित पत्र हमारी मदद कर सकता है। पतरस ने यह पत्र सम्भवतः बाबुल से सा.यु. के लगभग वर्ष ६४ में लिखा। अपने पत्र में वह परमेश्वर के सत्य का समर्थन करता है, चोर की नाईं आनेवाले यहोवा के दिन के विषय में संगी विश्वासियों को चेतावनी देता है, और अधर्मियों के अशुद्ध चालचलन से न बहकने के लिए अपने पाठकों की सहायता करता है। चूँकि यहोवा का दिन तक़रीबन हम पर आ पहुँचा है, हम पतरस के ईश्वरप्रेरित वचनों से बहुत लाभ उठा सकते हैं।
भविष्यसूचक वचन में विश्वास रखें
मसीही होने के नाते, हमें परमेश्वरीय गुणों को दर्शाने में सक्रिय प्रयास करने की आवश्यकता है और भविष्यसूचक वचन पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। (१:१-२१) निष्क्रिय या निष्फल बनने से बचने के लिए हमें अपने ‘विश्वास को सद्गुण, समझ, संयम, सहनशक्ति, परमेश्वरीय भक्ति, भाईचारे की प्रीति और प्रेम’ जोड़ने की आवश्यकता है। जब पतरस ने यीशु को रूपांतरित होते देखा और उस अवसर पर परमेश्वर को मसीह के विषय में बोलते सुना, तब भविष्यसूचक वचन और अधिक दृढ़ बन गया था। (मरकुस ९:१-८) हमें उस दैवी प्रेरित वचन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
धर्मत्यागियों से सावधान रहें
परमेश्वर के भविष्यसूचक वचन पर पूरा ध्यान देने से, हम धर्मत्यागियों और अन्य भ्रष्ट व्यक्तियों से सावधान रह सकते हैं। (२:१-२२) पतरस ने चेतावनी दी थी कि झूठे शिक्षक कलीसिया में घुस जाएँगे। फिर भी, यहोवा इन धर्मत्यागियों के विरुद्ध कड़ा दण्डादेश देंगे, जैसा कि उन्होंने अवज्ञाकारी स्वर्गदूतों को, नूह के दिनों के अधर्मी संसार को, और सदोम तथा अमोरा के नगरों को न्यायदण्डित किया था। झूठे शिक्षक परमेश्वर द्वारा दिए गए अधिकार को तुच्छ समझते हैं और कमज़ोर लोगों को ग़लत कामों में शामिल करने के लिए बहकाते हैं। “धर्म के मार्ग को जानकर, उन्हें सौंपी गयी पवित्र आज्ञा से फिर जाने” की अपेक्षा, ऐसे धर्मत्यागियों के लिए यह बेहतर होता कि वे धर्म के मार्ग ही को न जानते।
यहोवा का दिन आ रहा है!
इन अन्तिम दिनों में भविष्यसूचक वचन की ओर ध्यान देनेवालों के नाते, हमें स्वयं को हँसी-ठट्ठा करनेवालों से प्रभावित होने नहीं देना चाहिए, जो कि यीशु की उपस्थिति के संदेश का उपहास करते हैं। (३:१-१८) वे भूल जाते हैं कि जिस परमेश्वर ने इस समय की रीति-व्यवस्था को नाश करने का प्रयोजन किया है, उन्होंने ही जलप्रलय-पूर्व संसार को नाश किया था। यहोवा के धैर्य को देरी के रूप में नहीं समझना चाहिए, क्योंकि वह चाहते हैं कि लोग प्रायश्चित करें। “यहोवा के दिन” में इस रीति-व्यवस्था का विनाश होगा और उसकी जगह में ‘नया आकाश और नयी पृथ्वी’ स्थापित होगी, ‘जिसमें धार्मिकता वास करेगी।’ अतः, हमें “निष्कलंक, और निर्दोष और शाँति में” बने रहने का भरसक प्रयास करना चाहिए। झूठे शिक्षकों द्वारा बहकाए जाने की अपेक्षा, हम यीशु मसीह के ज्ञान में बढ़ें।
हम पतरस के शब्दों पर गंभीरतापूर्वक विचार करें। झूठे शिक्षकों से सावधान रहने से कभी न चूकें। इस ज्ञान समेत जीएँ कि यहोवा का दिन शीघ्र आ रहा है। और सदा परमेश्वर के भविष्यसूचक वचन पर ध्यान दें।
[पेज 31 पर बक्स/तसवीरें]
टार्टरस में फेंका गया: यहोवा ने “उन स्वर्गदूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर टार्टरस में भेजकर अँधेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें।” (२ पतरस २:४, न्यू.व.) यह होमर के इलियड में एक भूमिगत स्थान के रूप में चित्रित वह पौराणिक पाताल लोक नहीं है, जहाँ कम महत्त्व के झूठे देवता, क्रोनस और अन्य दानव आत्माओं को बन्दी बनाया गया था। बाइबल का टार्टरस वह अपमानित, कारावास-रूपी अवस्था है, जिसमें परमेश्वर ने नूह के दिनों में अवज्ञाकारी स्वर्गदूतों को फेंका था। (उत्पत्ति ६:१-८; १ पतरस ३:१९, २०; यहूदा ६) परमेश्वर के परिवार से बहिष्कृत व्यक्ति होने के नाते, परमेश्वर उन्हें आत्मिक प्रकाश से दूर कर देते हैं, जिसका परिणाम “घना अन्धकार” है। परमेश्वर के प्रतिकूल न्यायदण्ड के लिए नियत किए गए व्यक्तियों के रूप में, उनकी संभावनाएँ केवल अन्धकारमय हैं। टार्टरस उस अथाहकुण्ड में डाले जाने की पूर्व सूचना है, जिसका अनुभव शैतान और उसके अपदूत मसीह के एक हज़ार वर्ष के राज्य के आरम्भ से पूर्व करेंगे। उनका विनाश यीशु के सहस्राब्दिक शासन के पश्चात् होगा।—मत्ती २५:४१; प्रकाशितवाक्य २०:१-३, ७-१०, १४.
[तसवीर]
ज़ीयुस ने कम महत्त्व रखनेवाले देवताओं को एक पौराणिक टार्टरस में फेंक दिया
[चित्र का श्रेय]
National Archaeological Museum, Athens, Greece