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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1995
w95 5/1 पेज 22-26

लगन प्रगति की ओर ले जाती है

ज़ूज़े मैग्लोव्स्की द्वारा बताया गया

जब पुलिसवाले ने मेरी बाँह पकड़ी, तो मैं ने अपने पिता को ढूँढा। बहरहाल, मेरी जानकारी के बग़ैर, उन्हें पहले ही पुलिस थाने ले जाया गया था। जब मैं वहाँ पहुँचा तब उन पुलिसवालों ने हमारे सारे प्रकाशनों को ज़ब्त कर लिया जिनमें हमारी बाइबलें भी थीं, और ज़मीन पर उनका ढेर लगा दिया। यह देखकर मेरे पिताजी ने पूछा: “क्या आप बाइबल को भी ज़मीन पर रखते हैं?” पुलिस के मुख्य ने माफ़ी माँगी, और फिर बाइबल को उठाकर टेबल पर रखा।

हम पुलिस थाने कैसे पहुँचे? हम क्या कर रहे थे? क्या हम एक निरीश्‍वरवादी पुलिस राज में थे, जिसकी वजह से हम से बाइबल भी छीन ली गयी थी? इन सवालों का जवाब देने के लिए हमें वर्ष १९२५ की ओर जाना होगा, जब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था।

उस साल मेरे पिताजी, एस्टेफानो मैग्लोव्स्की और मेरी माँ, ज़ूलिआना, उस समय के युगोस्लाविया को छोड़कर ब्राज़िल चले गए और साओ पाउलो में बस गए। हालाँकि पिताजी एक प्रोटेस्टेंट थे और माँ एक कैथोलिक थीं, धर्म उनके बीच में विभाजक तत्त्व नहीं था। दरअसल, दस साल बाद कुछ ऐसा हुआ जिसने उन्हें धार्मिक रूप से एक किया। पिताजी के साढ़ू ने उन्हें हंगेरियन भाषा में एक रंगीन पुस्तिका दी जिसमें मृतकों की स्थिति के बारे में चर्चा की गयी थी। उन्हें वह पुस्तिका एक भेंट के रूप में मिली थी, और उन्होंने पिताजी से उसे पढ़कर उसके अंतर्विषय के बारे में, ख़ासकर “नरक” के भाग के बारे में अपनी राय देने के लिए कहा। पापा ने सारी रात उस पुस्तिका को पढ़ने और पुनः पढ़ने में गुज़ारी, और अगले दिन जब उनके साढ़ू उनकी राय लेने के लिए आए, तब पिताजी ने साफ़-साफ़ कहा: “यह सच्चाई है!”

छोटी-छोटी शुरूआत

क्योंकि वह प्रकाशन यहोवा के साक्षियों का था, वे दोनों उन्हें ढूँढने के लिए गए ताकि उनसे उनके विश्‍वास और शिक्षाओं के बारे में ज़्यादा सीख सकें। जब आख़िरकार संपर्क किया गया, हमारे परिवार के कई सदस्यों ने साक्षियों के साथ बाइबल की चर्चा करनी शुरू की। उसी साल, अर्थात्‌ १९३५ में हंगेरियन भाषा में एक नियमित बाइबल अध्ययन शुरू किया गया, जिसमें औसतन आठ लोग उपस्थित होते थे, और तब से अब तक हमारे घर में नियमित बाइबल अध्ययन होते आए हैं।

बाइबल अध्ययन करने के दो साल बाद, १९३७ में पिताजी का बपतिस्मा हुआ और वे यहोवा के एक उत्साही साक्षी बन गए। वे घर-घर के प्रचार कार्य में भाग लेते थे और साथ ही एक नियुक्‍त सेवक और अध्ययन संचालक के तौर पर सेवा करते थे। उन्होंने विला मारिआना के भाग में साओ पाउलो की पहली कलीसिया के गठन में सहायता दी। कलीसिया को बाद में शहर के बीच में स्थानांतरित किया गया और वह सेंट्रल कलीसिया के नाम से जानी गयी। दस साल बाद, ईपिरांगे क्षेत्र में दूसरी कलीसिया गठित की गयी, और पिताजी को वहाँ कलीसिया सेवक के तौर पर नियुक्‍त किया गया। वर्ष १९५४ में, मोईन्यो वेल्यो भाग में तीसरी कलीसिया गठित की गयी। वहाँ पर भी उन्होंने कलीसिया सेवक के तौर पर सेवा की।

जैसे ही यह समूह अच्छी तरह से संघटित हुआ, उन्होंने साऊँ बर्नार्डो डो कॉम्पो के निकटवर्ती समूह को मदद देना शुरू किया। सालों के दौरान साक्षियों के इन छोटे समूहों के प्रयासों पर यहोवा की आशिषों के कारण वृद्धि असाधारण रही है। वर्ष १९९४ में इसकी वजह से बड़े साओ पाउलो में ७६० कलीसियाओं में ७०,००० से भी ज़्यादा प्रकाशक थे। ख़ेद की बात है कि पिताजी इस वृद्धि को देखने के लिए ज़िन्दा नहीं रहे। वे १९५८ में ५७ वर्ष की उम्र में गुज़र गए।

पिताजी के उदाहरण का अनुकरण करने का प्रयास करना

अन्य प्रौढ़ मसीहियों की तरह, पहुनाई करना मेरे पिताजी की एक उत्कृष्ट विशेषता थी। (३ यूहन्‍ना १, ५-८ देखिए।) इसके परिणामस्वरूप हमें एँटोन्यो अंड्राड और उनकी पत्नी और बेटे को मेहमानों के रूप में स्वागत करने का विशेषाधिकार मिला, जो १९३६ में भाई और बहन यूल के साथ अमरीका से ब्राज़िल आए थे। वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड के दो स्नातक, हैरी ब्लैक और डिलर्ड लेथको भी हमारे घर में मेहमान थे, जो १९४५ में ब्राज़िल के लिए नियुक्‍त किए गए पहले मिशनरी थे। उनके बाद और भी लोग आए। ये भाई और बहन हमारे परिवार में हरेक व्यक्‍ति के लिए प्रोत्साहन का निरन्तर स्रोत थे। इस तथ्य की क़दरदानी करते हुए और मेरे परिवार के लाभ के लिए, पहुनाई के मसीही गुण के बारे में मैं ने अपने पिताजी का अनुकरण करने का प्रयास किया है।

हालाँकि जब १९३५ में पिताजी ने सच्चाई सीखी थी तब मैं केवल नौ साल का था, लेकिन सबसे बड़ा बेटा होने के नाते मैं उनकी ईश्‍वरशासित गतिविधियों में उनका साथ देने लगा। हम सभी उनके साथ सभाओं के लिए राज्य-गृह में उपस्थित होते थे जो साओ पाउलो, एसॉ डे कारोज़ स्ट्रीट, नंबर १४१ पर साक्षियों के मुख्यालय में स्थित था। अपने पिताजी से प्राप्त शिक्षा और प्रशिक्षण की मदद से मुझ में यहोवा की सेवा करने की एक तीव्र इच्छा विकसित हुई। और १९४० में मैं ने ख़ुद को यहोवा को समर्पित किया और इसे त्याते नदी के पानी में निमज्जन के द्वारा चिन्हित किया, जो अब प्रदूषित है और साओ पाउलो के मध्य से होते हुए बहती है।

मैंने जल्द ही सीख लिया कि सुसमाचार का एक नियमित प्रकाशक होने का क्या अर्थ था, दूसरों में सच्चाई के संदेश को लगाना और सींचना, और उनके साथ गृह बाइबल अध्ययन संचालित करना। अब, जब मैं ब्राज़िल में यहोवा के हज़ारों समर्पित साक्षियों को देखता हूँ, तो यह जानकर मुझे बहुत ख़ुशी होती है कि उनमें से अनेक लोगों को सच्चाई का ज्ञान प्राप्त करने के लिए या उसके प्रति उनकी क़दरदानी को गहराने के लिए, परमेश्‍वर ने मेरा इस्तेमाल किया।

मैंने जिनकी मदद की उनमें ज़्वाकीं मेलो था, जिसे मैं घर-घर की सेवकाई में मिला था। मैं तीन अन्य लोगों के साथ बात कर रहा था जो सुन तो रहे थे लेकिन ज़्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। फिर मैंने एक छोटे लड़के को देखा जो हमारे पास आकर खड़ा हो गया था और कान लगाकर सुन रहा था। उसकी दिलचस्पी को देखकर मैंने अपना ध्यान उसकी ओर लगाया और एक अच्छी गवाही देने के बाद, उसे कलीसिया पुस्तक अध्ययन के लिए आमंत्रित किया। वह अध्ययन के लिए तो उपस्थित नहीं हुआ, लेकिन ईश्‍वरशासित सेवकाई स्कूल के लिए ज़रूर आया और उसके बाद सभाओं में नियमित रूप से उपस्थित हुआ। उसने अच्छी प्रगति की, बपतिस्मा प्राप्त किया, और अपनी पत्नी के साथ कई सालों तक एक सफ़री सेवक के रूप में सेवा की।

और एक व्यक्‍ति था ऑर्नाल्डो ओर्सी, जिससे मैं अपने कार्य-स्थल पर मिला था। मैं एक संगी कर्मचारी को नियमित रूप से गवाही देता था, लेकिन मैंने देखा कि एक दाढ़ीवाला नौजवान चर्चा में भाग लिए बग़ैर हमेशा सुनता था, सो मैंने सीधे उसके साथ बातचीत शुरू की। वह एक कट्टर कैथोलिक परिवार से था लेकिन उसने धूम्रपान करने, अश्‍लील फ़िल्में देखने, और जूडो की आत्मरक्षा तकनीक के अभ्यास करने जैसी बातों पर अनेक सवाल किए। मैंने दिखाया कि बाइबल क्या कहती है, और उसने मुझे अगले दिन अपनी क्रूसमूर्ति के साथ अपने पाइप और लाइटर को तोड़ते हुए, अश्‍लील फ़िल्मों को नष्ट करते हुए और अपनी दाढ़ी मुँडवाते हुए देखने के लिए बुलाया। चंद मिनटों में बदला हुआ आदमी! उसने जूडो का अभ्यास करना भी छोड़ दिया और अपने साथ रोज़ बाइबल का अध्ययन करने के लिए कहा। उसकी पत्नी और पिताजी के विरोध के बावजूद, उसके निकट रहनेवाले भाइयों की मदद से उसने आध्यात्मिक रूप से अच्छी प्रगति की। थोड़े ही समय में उसने बपतिस्मा प्राप्त किया और आज एक कलीसिया प्राचीन के रूप में सेवा करता है। उसकी पत्नी और बच्चों ने भी सच्चाई स्वीकार की।

राज्य सेवा में भाग लेना

जब मैं लगभग १४ साल का था, तब मैंने एक विज्ञापन फ़र्म में काम करना शुरू किया, जहाँ मैंने साइन बोर्ड रंगना सीखा। यह बहुत ही उपयोगी साबित हुआ, और कई सालों तक साओ पाउलो में मैं अकेला भाई था जिसे जन भाषणों और यहोवा के साक्षियों के अधिवेशनों की घोषणा करनेवाले प्लेकार्डों और बैनरों को रंगने के लिए इस्तेमाल किया गया। क़रीब-क़रीब ३० साल तक मुझे अधिवेशन साइन बोर्ड विभाग के ओवरसियर के रूप में सेवा करने का विशेषाधिकार मिला। मैंने हमेशा अपनी छुट्टियाँ बचाकर रखीं ताकि मैं अधिवेशन में काम कर सकूँ। यहाँ तक कि ठीक समय पर साइन बोर्ड रंगने के लिए मैं अधिवेशन सभागृह में सोता भी था।

मुझे संस्था की साउँड कार के साथ काम करने का अवसर भी मिला। यह जब इस्तेमाल की जा रही थी तब यह सचमुच एक अनूठी बात थी। हम अपने बाइबल प्रकाशनों को एक पीढ़े पर रखते, और जब साउँड कार रिकॉर्ड किया हुआ एक संदेश प्रसारित करती, हम उन लोगों के साथ बात करते जो अपने घरों से यह देखने के लिए बाहर आते कि क्या हो रहा है। पोर्टेबल फ़ोनोग्राफ़ एक और तरीक़ा था जिसे हमने राज्य के सुसमाचार को फैलाने के लिए प्रयोग किया, और संस्था के प्रकाशनों को प्रस्तुत करने के लिए इस्तेमाल किए गए रिकॉर्ड्‌स मेरे पास अब भी हैं। इसके परिणामस्वरूप काफ़ी बाइबल साहित्य वितरित किए गए।

उन दिनों साओ पाउलो की सड़कों पर कैथोलिक चर्च लम्बे जुलूस निकालता था, और रास्ता बनाने के लिए अकसर कुछ लोग जुलूस के आगे चलते थे। एक रविवार के दिन, पिताजी और मैं सड़क पर प्रहरीदुर्ग और अवेक! पत्रिका दे रहे थे जब एक लम्बा जुलूस निकला। जैसे पिताजी की आदत थी, वे हैट पहने हुए थे। जुलूस के आगे चलनेवाले लोगों में से एक व्यक्‍ति चिल्लाया: “अपनी हैट उतारो! दिखता नहीं जुलूस आ रहा है?” जब पिताजी ने अपनी हैट नहीं उतारी तो और लोग आए, और हमें दुकान की खिड़की के पास ढकेला और गड़बड़ी पैदा की। इससे एक पुलिसवाले का ध्यान आकर्षित हुआ, जो यह देखने के लिए आया कि क्या हो रहा है। उन लोगों में से एक व्यक्‍ति ने उसके साथ बात करने की इच्छा से उसकी बाँह पकड़ी। “मेरी वर्दी पर से अपना हाथ हटाओ!” उस व्यक्‍ति के हाथ पर चपत लगाते हुए पुलिसवाले ने आज्ञा दी। फिर उसने पूछा कि क्या हो रहा है। उस व्यक्‍ति ने समझाया कि पिताजी जुलूस के लिए अपनी हैट नहीं उतारते, और आगे कहा: “मैं एक अपॉस्टॉलिक रोमन कैथोलिक हूँ।” अनपेक्षित जवाब था: “तुम कहते हो कि तुम रोमन हो? तो फिर रोम को लौट जाओ! यह ब्राज़िल है।” और उसने हमारी ओर मुड़कर पूछा: “यहाँ पहले कौन आया?” जब पिताजी ने उत्तर दिया कि हम पहले आए थे, तो पुलिसवाले ने लोगों को जाने को कहा और हमें अपना काम जारी रखने के लिए कहा। वह पूरा जुलूस गुज़रने तक हमारी बग़ल में खड़ा रहा—और मेरे पिताजी ने अपनी हैट नहीं उतारी!

इस तरह की घटनाएँ बहुत विरले ही होती थीं। लेकिन जब वे होती थीं, तब यह जानना प्रोत्साहक था कि ऐसे लोग थे जो अल्पसंख्यकों के लिए न्याय में विश्‍वास करते थे और जो कैथोलिक चर्च के पिट्ठू नहीं बनते थे।

एक अन्य अवसर पर, मैं एक किशोर से मिला जिसने दिलचस्पी दिखाई और मुझे अगले हफ़्ते लौटने के लिए कहा। मेरे लौटने पर वह सत्कारशील था और उसने मुझे अन्दर आने के लिए कहा। मैं ख़ुद को युवकों के एक गिरोह से घिरा हुआ पाकर कितना चकित हुआ जो मेरा मज़ाक उड़ा रहे थे और मुझे भड़काने की कोशिश कर रहे थे! स्थिति और बिगड़ी, और मुझे एहसास हुआ कि जल्द ही वे मुझ पर हमला करेंगे। जिस किशोर ने मुझे आमंत्रित किया था मैंने उससे कहा कि अगर मुझे कुछ हुआ तो इसका ज़िम्मेदार केवल वह होगा और यह भी कि मेरा परिवार जानता था कि मैं कहाँ हूँ। मैंने उनसे कहा कि मुझे जाने दें, और वे राज़ी हो गए। बहरहाल, जाने से पहले मैंने कहा कि अगर उनमें से कोई भी मुझसे अकेले में बात करना चाहता है, तो मैं तैयार हूँ। बाद में, मुझे पता चला कि वह हठधर्मियों का एक समूह था, और वे स्थानीय पादरी के दोस्त थे जिसने उन्हें इस सभा को आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया था। मैं ख़ुश था कि मैं उनके चंगुल से बाहर निकल सका।

बेशक, ब्राज़िल में शुरूआत में प्रगति धीमी थी, लगभग ना के बराबर। हम ‘लगाने’ के प्रारंभिक चरण में थे, जिससे हमारे परिश्रम के फल की ‘जुताई’ और “कटनी” के लिए कम समय उपलब्ध था। प्रेरित पौलुस ने जो लिखा उसे हमने हमेशा याद रखा: “मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्‍वर ने बढ़ाया। इसलिये न तो लगानेवाला कुछ है, और न सींचनेवाला, परन्तु परमेश्‍वर जो बढ़ानेवाला है।” (१ कुरिन्थियों ३:६, ७) वर्ष १९४५ में गिलियड के पहले दो स्नातकों के आगमन से हमें लगा कि अरसे से इंतज़ार की जा रही वृद्धि का समय अब आ गया है।

विरोध का सामना करते समय हिम्मत

बहरहाल, विरोध के बग़ैर वृद्धि नहीं होनेवाली थी, ख़ासकर यूरोप में द्वितीय विश्‍व युद्ध के आरंभ होने के बाद। सीधी सताहट आयी क्योंकि आम लोगों और कुछ अधिकारियों ने हमारी तटस्थ स्थिति को नहीं समझा। वर्ष १९४० में, एक अवसर पर जब हम साओ पाउलो के मध्य में प्लेकार्डों के साथ सड़क कार्य कर रहे थे, तब एक पुलिसवाला पीछे से मेरे पास आया, मेरे प्लेकार्ड छीन लिए, और मुझे पुलिस थाने ले जाने के लिए मेरी बाँह पकड़ ली। मैंने यहाँ-वहाँ अपने पिताजी को ढूँढा, लेकिन वे कहीं दिखाई नहीं दिए। मेरी जानकारी के बग़ैर, उन्हें और कई अन्य भाइयों ओर बहनों को, जिनमें भाई यूल भी शामिल थे जो ब्राज़िल में काम का निरीक्षण करते थे, पहले ही पुलिस थाने ले जाया गया था। जैसे शुरूआत के अनुच्छेद में बताया गया है, वहाँ मैं पिताजी से फिर मिला।

क्योंकि मैं नाबालिग था, मुझे हवालात में नहीं रखा जा सकता था और जल्द ही एक पुलिसवाला मुझे घर ले गया और माँ को सौंपा दिया। उसी शाम को बहनों को भी रिहा किया गया। बाद में पुलिस ने भाई यूल को छोड़ सभी भाइयों को रिहा करने का फ़ैसला किया जो क़रीब दस लोग थे। बहरहाल, भाइयों ने हठ किया: “या तो हम सभी जाएँगे या कोई भी नहीं जाएगा।” पुलिसवाले कठोर थे, सो सभी लोगों ने एकसाथ ठंडे कमरे में सीमेंट की ज़मीन पर रात गुज़ारी। अगले दिन सभी लोगों को बिना शर्त रिहा किया गया। कई बार प्लेकार्डों से गवाही देने के लिए भाइयों को गिरफ़्तार किया गया। वे साइन बोर्ड एक जन भाषण और साथ ही एक पुस्तिका, जिसका शीर्षक था फ़ासिस्टवाद या स्वतंत्रता (अंग्रेज़ी) की घोषणा करते थे, और कुछ अधिकारियों ने इसका यह अर्थ लगाया कि हम फ़ासिस्टवाद के पक्ष में थे, जिससे स्वाभाविक रूप से ग़लतफ़हमियाँ पैदा हुईं।

युवा भाइयों को अनिवार्य फ़ौजी सेवा से भी समस्याएँ आयीं। वर्ष १९४८ में, इस मामले पर ब्राज़िल में गिरफ़्तार किया गया मैं पहला व्यक्‍ति था। अधिकारी नहीं जानते थे कि मेरे साथ क्या किया जाए। मुझे कासापावा के सैन्य बैरकों में स्थानांतरित किया गया और बग़ीचे में सब्ज़ियाँ बोने और उनकी देखभाल करने, और साथ ही साथ अफ़सरों द्वारा पटेबाज़ी के लिए इस्तेमाल किए गए कमरे को साफ़ करने का काम दिया गया। लोगों को गवाही देने और उन्हें प्रकाशन वितरित करने के मुझे अनेक अवसर मिले। संस्था की किताब बच्चे (अंग्रेज़ी) की एक प्रति को सबसे पहले निरीक्षक ने स्वीकार किया। बाद में, मुझे क़रीब ३० से ४० ऐसे सैनिकों को धर्म के बारे में सिखाने के लिए भी नियुक्‍त किया गया जो कसरत नहीं कर सकते थे और कमरे में ही रहते थे। आख़िरकार, जेल में क़रीब दस महीने रहने के बाद मुझ पर मुक़दमा चलाया गया और रिहा किया गया। मैं यहोवा के प्रति कृतज्ञता महसूस करता हूँ जिसने मुझे कुछ लोगों द्वारा दी गयी धमकियों, अपमान, और ठट्ठे का साहस से सामना करने के लिए शक्‍ति दी।

एक वफ़ादार और निष्ठावान सहायक

जून २, १९५१ को मैंने बारबरा से शादी की, और तब से वह हमारे बच्चों को शिक्षित करने में और “प्रभु [यहोवा, NW] की शिक्षा, और चितावनी देते हुए” उनका पालन-पोषण करने में एक निष्ठावान और वफ़ादार साथी रही है। (इफिसियों ६:४) हमारे पाँच बच्चों में से चार बच्चे विभिन्‍न पदों पर ख़ुशी से यहोवा की सेवा कर रहे हैं। हमारी यह आशा है कि हमारे साथ वे भी सच्चाई में दृढ़ रहना, तथा संगठन की प्रगति में और किए जा रहे काम में योगदान देना जारी रखेंगे। यहाँ दिए गए परिवार के सदस्यों के फ़ोटो में, अपने पिता की गोद में सबसे छोटी पोती को छोड़कर, सभी लोग यहोवा के समर्पित सेवक हैं। चार प्राचीन हैं और दो नियमित पायनियर भी हैं। यह नीतिवचन १७:६ की सच्चाई को सचित्रित करता है: “बूढ़ों की शोभा उनके नाती पोते हैं; और बाल-बच्चों की शोभा उनके माता-पिता हैं।”

अब, ६८ वर्ष की उम्र में, मेरी सेहत पूरी तरह संतोषप्रद नहीं है। वर्ष १९९१ में मैंने ट्रिपल-बायपास शल्यक्रिया और बाद में ऎंजियोप्लास्टी करवायी। बहरहाल, मैं अपने पिता, जो इस क्षेत्र में कार्य की शुरूआत करनेवाले पहले लोगों में से थे, के पदचिन्हों पर चलते हुए साऊँ बर्नार्डो डो कॉम्पो की एक कलीसिया में प्रिसाइडिंग ओवरसियर के तौर पर सेवा करना जारी रखने में समर्थ होने के लिए ख़ुश हूँ। हमारी पीढ़ी वाक़ई अनोखी है, जिसके पास यहोवा के मसीहाई राज्य की स्थापना की घोषणा करने के कभी-न-दोहराए-जानेवाले विशेषाधिकार में भाग लेने का अवसर है। सो यह ज़रूरी है कि हम तीमुथियुस के लिए पौलुस के शब्दों को कभी न भूलें: “पर तू . . . सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।”—२ तीमुथियुस ४:५.

[पेज 23 पर तसवीरें]

रे माता-पिता, एस्टेफानो और ज़ूलिआना मैग्लोव्सकी

[पेज 26 पर तसवीरें]

ज़ूज़े और बारबरा, यहोवा के समर्पित सेवकों के अपने परिवार के सदस्यों सहित

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
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