यहोवा मेरी ओर साबित हुआ
मॉक्स हॆनिंग द्वारा बताया गया
वह सन् १९३३ था, और जर्मनी में एडॉल्फ हिटलर अभी-अभी सत्ता में आया था। लेकिन, बर्लिन क्षेत्र के तक़रीबन ५०० यहोवा के साक्षी डगमगाए नहीं। अनेक युवजन पायनियर, या पूर्ण-समय सेवक बन गए, और कुछ ने तो दूसरे यूरोपीय देशों में कार्य-नियुक्तियाँ भी स्वीकार कीं। मेरा दोस्त वरनर फ्लॉटन और मैं एक दूसरे को उकसाया करते थे: “हम यहाँ खड़े-खड़े अपना वक़्त क्यों ज़ाया करते हैं? हम क्यों नहीं वहाँ जाकर पायनियर-कार्य करते हैं?”
वर्ष १९०९ में मेरे जन्म के आठ दिन बाद, मैं प्रेममय पालक माता-पिता की देखरेख में आ गया। १९१८ में हमारा परिवार दुःख में डूब गया जब मेरी छोटी दूध-बहन अचानक गुज़र गयी। उसके कुछ ही समय बाद बाइबल विद्यार्थी, जैसे यहोवा के साक्षी तब जाने जाते थे, हमारे दरवाज़े पर आए, और मेरे पालक माता-पिता ने उत्सुकता से बाइबल सच्चाई को स्वीकारा। उन्होंने मुझे भी आध्यात्मिक बातों का मूल्यांकन करना सिखाया।
मैंने अपना ध्यान लौकिक शिक्षा की ओर केन्द्रित किया और एक नलसाज़ बन गया। लेकिन अधिक महत्त्वपूर्ण, मैंने आध्यात्मिक रूप से अपनी स्थिति ली। वरनर और मैंने मई ५, १९३३ के दिन पायनियर कार्य शुरू किया। हम बर्लिन से बाहर लगभग १०० किलोमीटर दूर एक नगर तक साइकिल पर जाते, जहाँ हम दो सप्ताह तक रहकर प्रचार करते। फिर हम ज़रूरी बातों की देखरेख करने के लिए बर्लिन वापस आते। बाद में हम अपने प्रचार क्षेत्र में और दो सप्ताह के लिए वापस चले जाते।
हमने दूसरे देश में सेवा करने के लिए निवेदन किया, और दिसम्बर १९३३ में हमें उस देश में जाने की नियुक्ति मिली जो तब यूगोस्लाविया था। लेकिन, हमारे वहाँ के लिए निकलने से पहले, हमारी नियुक्ति को बदलकर नॆदरलैंडस् के यूट्रॆक्ट में कर दिया गया। उसके कुछ ही समय बाद मेरा बपतिस्मा हुआ। उन दिनों बपतिस्मे पर कम ज़ोर दिया जाता था; सेवकाई महत्त्वपूर्ण बात थी। अब यहोवा पर भरोसा मेरी ज़िन्दगी की एक नियमित विशिष्टता बन गयी। मैंने बाइबल के भजनहार के शब्दों में काफ़ी सांत्वना पायी: “देखो, परमेश्वर मेरा सहायक है; प्रभु मेरे प्राण के सम्भालनेवालों के संग है।”—भजन ५४:४.
नॆदरलैंडस् में पायनियर कार्य करना
नॆदरलैंडस् में पहुँचने के बाद जल्द ही, हमें रॉटरडैम के शहर को पुनःनियुक्त किया गया। जिस परिवार के साथ हम ठहरे थे, उसका पिता और बेटा भी पायनियर थे। कुछ महीने बाद, पायनियरों के निवास के लिए लीरसम में, एक नगर जो यूट्रॆक्ट से ज़्यादा दूर नहीं था, एक बड़ा घर ख़रीदा गया, और वरनर और मैं वहाँ स्थानांतरित हुए।
उस पायनियर-घर में रहते हुए, हम आस-पास के क्षेत्रों के लिए साइकिल से यात्रा करते और ज़्यादा दूर के क्षेत्रों के लिए सात-सवारियों वाली कार का इस्तेमाल करते। उस समय, पूरे नॆदरलैंडस् में केवल सौ साक्षी थे। आज, ६० साल बाद, जिस क्षेत्र में हमने उस पायनियर-घर से कार्य किया था, उसमें तक़रीबन ५० कलीसियाओं में ४,००० से अधिक प्रकाशक हैं!
हमने कड़ी मेहनत की, हर रोज़ सेवकाई में १४ घंटों तक, और यह हमें ख़ुश रखता। मुख्य लक्ष्य था जितना ज़्यादा संभव हो उतना ज़्यादा साहित्य वितरित करना। हम दिलचस्पी रखनेवालों के पास सामान्यतः प्रति दिन सौ से अधिक पुस्तिकाएँ छोड़ते थे। पुनःभेंट करना और बाइबल अध्ययन संचालित करना उस समय हमारी नियमित गतिविधि का भाग नहीं था।
एक दिन मेरा साथी और मैं फ्रेसवेक के नगर में काम कर रहे थे। जब वह एक फ़ौजी क़िले के फाटक पर एक व्यक्ति को साक्षी दे रहा था, मैंने उस समय का इस्तेमाल अपनी बाइबल पढ़ने के लिए किया। उसमें लाल और नीले रंग से बहुत ज़्यादा रेखांकन किया गया था। बाद में, एक बढ़ई ने, जो पास की छत पर काम कर रहा था, फाटक पर खड़े उस व्यक्ति को आगाह किया कि मैं संभवतः किसी प्रकार का जासूस हूँ। परिणामस्वरूप, उसी दिन एक दुकानदार को साक्षी देते वक़्त मुझे गिरत्नतार किया गया, और मेरी बाइबल ज़ब्त कर ली गयी।
मुझे अदालत ले जाया गया। वहाँ यह आरोप लगाया गया कि मेरी बाइबल के निशान क़िले का एक चित्र बनाने का प्रयास था। मुझे दोषी क़रार दिया गया, और न्यायाधीश ने मुझे दो साल की क़ैद की सज़ा सुनाई। लेकिन, मुक़दमे की अपील की गयी, और मुझे रिहा किया गया। स्वतंत्र होने के लिए मैं कितना ख़ुश था, लेकिन मैं और भी ज़्यादा ख़ुश हुआ जब मेरी बाइबल उसके सभी नोट्स सहित लौटायी गयी!
१९३६ के ग्रीष्म के समय, घर के पायनियरों में से एक, रिकॉर्ट ब्राउनिंग और मैंने देश के उत्तर में प्रचार करते हुए ग्रीष्म बिताया। पहिले महीने, हमने सेवकाई में २४० घंटे बिताए और बड़ी मात्रा में साहित्य वितरित किया। हम एक तम्बू में रहते थे और अपने कपड़ों की धुलाई, खाना बनाना, इत्यादि ख़ुद करते हुए अपनी सभी ज़रूरतों की देखभाल करते थे।
बाद में मुझे लाइटबॆरर नामक नाव पर स्थानांतरित किया गया, जो नॆदरलैंडस् के उत्तर में सुप्रसिद्ध हो गयी। नाव में पाँच पायनियर रहते थे, और उससे हम कई पृथक् क्षेत्रों तक पहुँचने में समर्थ होते थे।
अतिरिक्त विशेषाधिकार
१९३८ में, मुझे ज़ोन सेवक होने के लिए नियुक्त किया गया, जैसे यहोवा के साक्षियों के सर्किट ओवरसियरों को तब कहा जाता था। सो मैंने लाइटबॆरर छोड़ी और तीन दक्षिणी प्रान्तों में कलीसियाओं और पृथक् साक्षियों से भेंट करना शुरू किया।
साइकिल यातायात का हमारा एकमात्र साधन था। एक कलीसिया से या दिलचस्पी दिखानेवालों के एक समूह से दूसरे तक जाने के लिए अकसर एक पूरा दिन लग जाता था। उन शहरों में से जहाँ मैंने भेंट की, एक शहर ब्रेडॉ था, जहाँ मैं अभी रहता हूँ। उस समय, ब्रेडॉ में कोई कलीसिया नहीं थी और वहाँ मात्र एक वृद्ध साक्षी दम्पति था।
लिम्बर्ग के भाइयों की सेवा करते वक़्त, मुझे योहॉन पीपर नामक एक खदान कार्यकर्ता द्वारा पूछे गए अनेक सवालों का जवाब देने के लिए आमंत्रित किया गया। उसने बाइबल सच्चाई के लिए दृढ़ स्थिति ली और वह एक साहसी प्रचारक बन गया। चार साल बाद वह एक नज़रबन्दी शिविर में पहुँच गया, जहाँ उसने साढ़े तीन साल बिताए। उसकी रिहाई के बाद उसने उत्साही रूप से फिर प्रचार कार्य शुरू किया, और आज भी वह एक वफ़ादार प्राचीन है। लिम्बर्ग की १२ साक्षियों की वह छोटी कलीसिया अब बढ़कर १७ कलीसियाएँ बन गयी हैं, जिनमें कुछ १,५५० प्रकाशक हैं!
नात्सी की एड़ी तले
मई १९४० में नात्सियों ने नॆदरलैंडस् पर धावा बोला। मुझे वॉच टावर संस्था के एम्सटरडैम के शाखा दत्नतर में एक कार्य-नियुक्ति मिली। हमें अपना कार्य अत्यधिक सतर्कता से करना था, जिससे हमने बाइबल नीतिवचन का मूल्यांकन किया: “[सच्चा] मित्र . . . विपत्ति के दिन भाई बन जाता है।” (नीतिवचन १७:१७) एकता के उस मीठे बन्धन का, जो तनाव के उस समय के दौरान फल-फूल रहा था, मेरे आध्यात्मिक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ा, और इसने मुझे आगे आनेवाले और भी कठिन दिनों के लिए तैयार किया।
मेरी कार्य-नियुक्ति थी कलीसियाओं को साहित्य पहुँचाने का निरीक्षण करना, जो साधारणतया सन्देशहरों द्वारा किया जाता था। जर्मनी में बेगार के तौर पर कार्य करने के लिए गॆस्टापो निरन्तर युवा पुरुषों की ताक में थे, सो हमने मसीही बहनों को सन्देशहरों के तौर पर इस्तेमाल किया। कुछ समय बाद विलहॆलमीना बॉकर को, जो हमेशा नोनी के नाम से जानी जाती थी, द हेग से हमारे पास भेजा गया, और मैं उसे वहाँ ले गया जहाँ हमारा शाखा ओवरसियर, ऑरतूर विंक्लर छिपा था। यथासंभव अप्रत्यक्ष होने की कोशिश में, मैंने एक डच कृषक के कपड़े पहने। मैंने लकड़ी के जूते और अन्य चीज़ें भी पहनीं जो एक कृषक पहनता है, और ट्रामगाड़ी से नोनी को छोड़ने गया। बाद में मुझे पता चला कि वह अपनी हँसी रोके नहीं रोक पा रही थी, क्योंकि उसे लगा कि मैं अप्रत्यक्ष छोड़ सब कुछ था।
अक्तूबर २१, १९४१ के दिन, एम्सटरडैम के साहित्य और काग़ज़ के गोदाम के बारे में दुश्मनों को बता दिया गया। गॆस्टापो के छापे के दौरान, विंक्लर और नोनी को गिरत्नतार किया गया। जब उन्हें क़ैदखाने को सौंपा गया, तब उन्होंने दो गॆस्टापो एजेन्ट्स् को यह बात करते हुए सुना कि किस तरह वे “एक छोटे काले-बालोंवाले व्यक्ति” का पीछा करते रहे थे, जो भीड़वाली सड़कों पर गुम हो गया। यह स्पष्ट था कि वे मेरे बारे में बात कर रहे थे, सो विंक्लर बाहर भाइयों तक सन्देश पहुँचाने में सफल हो गया। तुरन्त, मुझे द हेग में स्थानांतरित किया गया।
इस दरमियान नोनी को क़ैद से रिहा किया गया, और वह पायनियर-कार्य करने के लिए द हेग लौटी। वहाँ मैं उससे फिर मिला। लेकिन जब रॉटरडैम के कलीसिया सेवक को गिरत्नतार किया गया, तब मुझे उसकी जगह लेने के लिए भेजा गया। बाद में गउडा कलीसिया के कलीसिया सेवक को गिरत्नतार किया गया, और मुझे उसकी जगह लेने के लिए वहाँ स्थानांतरित किया गया। अंततः, मार्च २९, १९४३ को मैं पकड़ा गया। बाइबल साहित्य के हमारे स्टाक की जाँच करते वक़्त, मैं गॆस्टापो के छापे से चकित हो गया।
मेज़ पर फैले हुए बाइबल साहित्य के अलावा, मसीही भाई-बहनों के नामों की एक सूची भी थी, हालाँकि वह सांकेतिक भाषा में थी। मनोव्यथा में, मैंने प्रार्थना की कि उन लोगों की रक्षा करने के लिए जो अब भी प्रचार करने के लिए मुक्त हैं, यहोवा मेरे लिए कोई रास्ता निकालेगा। उनको पता लगे बिना, मैं नामों की उस सूची के ऊपर अपना खुला हाथ रखकर उसे अपनी हथेली के अन्दर सिकोड़ने में सफल हो गया। फिर मैंने शौचालय जाने की अनुमति माँगी, जहाँ मैंने सूची को टुकड़े-टुकड़े कर पानी से बहा दिया।
ऐसे कठिन संकट में होते वक़्त, मैंने अतीत में अपने लोगों के साथ यहोवा के व्यवहार से और छुटकारे की उसकी प्रतिज्ञाओं से बल प्राप्त करना सीख लिया। यह एक ऐसा उत्प्रेरित आश्वासन है जिसे मैं हमेशा अच्छी तरह याद रखता हूँ: “यदि यहोवा उस समय हमारी ओर न होता जब मनुष्यों ने हम पर चढ़ाई की, तो वे हम को उसी समय जीवित निगल जाते।”—भजन १२४:२, ३.
क़ैदखाने और नज़रबन्दी शिविर
मुझे रॉटरडैम क़ैदखाने को ले जाया गया, जहाँ मेरे पास अपनी बाइबल होने के लिए मैं कृतज्ञ था। मेरे पास उद्धार (अंग्रेज़ी) पुस्तक, बच्चे (अंग्रेज़ी) पुस्तक के अंश, और इस सारे साहित्य को पढ़ने के लिए काफ़ी समय भी था। छः महीने बाद मैं गम्भीर रूप से बीमार हो गया और मुझे अस्पताल जाना पड़ा। क़ैदखाना छोड़ने से पहले, मैंने साहित्य को मेरी गद्दी के नीचे छुपा दिया। बाद में मुझे पता चला कि एक और साक्षी, पीट ब्रूरटजॆस को मेरी कोठरी में स्थानांतरित किया गया और उसने उसे पाया। इस प्रकार विश्वास में और भी अन्य लोगों को बल प्रदान करने के लिए साहित्य का इस्तेमाल किया जा रहा था।
जब मैं ठीक हो गया तो मुझे द हेग के एक क़ैदखाने में स्थानांतरित किया गया। जब मैं वहाँ था तो मेरी मुलाक़ात लेओ सी. वॉन डर टॉस से हुई, जो कानून की पढ़ाई करनेवाला एक विद्यार्थी था और नात्सी अधिकार का विरोध करने के लिए क़ैद में था। उसने यहोवा के साक्षियों के बारे में कभी नहीं सुना था, और उसे साक्षी देने का मुझे मौक़ा मिला। कभी-कभार वह मुझे मध्य-रात्रि में उठाकर सवाल पूछता। वह साक्षियों के लिए अपनी प्रशंसा छुपा न सका, ख़ासकर यह जानने के बाद कि यदि हम अपने विश्वास को त्यागते हुए एक काग़ज़ात पर दस्तख़त भर कर दें तो हम रिहा हो सकते थे। युद्ध के बाद, लेओ एक वकील बना और वॉच टावर संस्था के लिए दर्जनों ऐसे कानूनी मुक़दमे लड़े जिनमें उपासना की स्वतंत्रता शामिल थी।
अप्रैल २९, १९४४ के दिन, जर्मनी तक के १८ दिन के पीड़ादायक सफ़र के लिए मुझे एक रेलगाड़ी में लादा गया। मई १८ के दिन बूकनवॉल्ड नज़रबन्दी शिविर के फाटक मेरे पीछे बन्द हो गए। तक़रीबन एक साल बाद संश्रित शक्तियों द्वारा मुक्त किए जाने तक, जीवन वर्णातीत रूप से भयंकर था। हज़ारों मर गए, अनेक हमारी नज़रों के सामने। चूँकि मैंने पास की फ़ैक्टरी में काम करने से इनकार कर दिया जो युद्ध सामग्री उत्पन्न करती थी, मुझे मलप्रणाल में काम में डाला गया।
एक दिन फ़ैक्टरी पर बम गिराया गया। अनेक लोग सुरक्षा के लिए बैरकों में भागे, जबकि दूसरे जंगलों में भागे। इक्के-दुक्के बम बैरकों पर गिरे, और दाहक बमों ने जंगलों को आग लगा दी। वह एक भयंकर दृश्य था! अनेक लोग ज़िन्दा जल गए! मैंने छुपने का एक सुरक्षित स्थान पाया था, और जब आग थम गयी, तो मैं अनगिनत लाशों से गुज़रते हुए शिविर को लौट गया।
आज अनेक लोग नात्सी विध्वंस के संत्रासों से अवगत हैं। मैं यहोवा के प्रति आभारी हूँ कि उसने मेरी सोच-विचार की क्षमता को मज़बूत किया, ताकि जो संत्रास मैंने अनुभव किए, वे वर्षों के दौरान मेरे विचारों पर हावी नहीं हुए हैं। जब मैं क़ैद की अपनी अवधि के बारे में सोचता हूँ, तब मेरी सर्वप्रथम भावना, उसके नाम की महिमा के वास्ते यहोवा के प्रति खराई बनाए रखने के लिए आनन्द की होती है।—भजन १२४:६-८.
युद्धोत्तर गतिविधि
मेरी मुक्ति और एम्सटरडैम को लौटने के बाद, मैंने कार्य-नियुक्ति के लिए सीधे शाखा दत्नतर को रिपोर्ट किया। मेरी अनुपस्थिति के दौरान जो घटा था उसके बारे में दिनाप्त किए जाने के लिए मैं उत्सुक था। नोनी वहाँ पहले से काम कर रही थी। युद्ध के अन्तिम साल के दौरान, उसने कलीसियाओं तक बाइबल साहित्य पहुँचाने के लिए सन्देशहर के तौर पर कार्य किया था। वह फिर से गिरत्नतार नहीं हुई थी, हालाँकि उसने दर्जनों बार बाल-बाल बचने का अनुभव किया।
मैंने हारलॆम में थोड़े समय के लिए पायनियर कार्य किया, लेकिन १९४६ में मुझे प्रेषण विभाग में काम करने के लिए एम्सटरडैम की शाखा में जाने के लिए कहा गया। १९४८ का अन्त होते-होते, नोनी और मेरा विवाह हुआ, और हमने एकसाथ पायनियर-कार्य करने के लिए शाखा छोड़ी। हमारी पायनियर कार्य-नियुक्ति ऑसन में थी। बारह वर्ष पहले रिकॉर्ट ब्राउनिंग और मैंने वहाँ तम्बू में रहते हुए और प्रचार करते हुए ग्रीष्म बिताया था। मुझे पता चला कि नज़रबन्दी शिविर को ले जाते वक़्त रास्ते में रिकॉर्ट की गोली मार कर हत्या कर दी गयी।
क़ैद की मेरी अवधि ने प्रत्यक्षतः मेरे स्वास्थ्य को हानि पहुँचायी थी। बूकनवॉल्ड से रिहा किए जाने के छ: साल बाद, बीमारी ने मुझे चार महीनों के लिए बिस्तर पर लिटा दिया। सालों बाद, १९५७ में, मैं पूरे साल के लिए तपेदिक से बीमार था। मेरे शरीर की शक्ति क्षीण हो गयी थी, लेकिन मेरी पायनियर आत्मा अब भी बुलन्द थी। मेरी बीमारी के दौरान मैंने साक्षी देने के हर मौक़े का फ़ायदा उठाया। मुझे लगता है कि यह पायनियर आत्मा एक महत्त्वपूर्ण तत्व था जिसने मेरी बीमारियों को मुझे निकम्मा बीमार व्यक्ति बना देने से रोका। जब तक हमारा स्वास्थ्य अनुमति देता है, तब तक नोनी और मैं पूर्ण-समय सेवा में टिके रहने के लिए दृढ़संकल्प हैं।
मेरे ठीक हो जाने के बाद, हमें ब्रेडॉ शहर में नियुक्त किया गया। यह ज़ोन सेवक के तौर पर उस शहर को मेरी पहली भेंट के २१ साल बाद था। १९५९ में जब हम पहुँचे, तो वहाँ ३४ साक्षियों की एक छोटी-सी कलीसिया थी। आज, ३७ साल बाद, वह बढ़कर ५०० से ज़्यादा साक्षियों की छ: कलीसियाएँ हो गयी है, जो तीन राज्यगृहों में इकट्ठा होती हैं! हमारी स्थानीय सभाओं और सम्मेलनों में, हम ऐसे अनेक जनों को देखते हैं जिन्होंने हमारे कुछ प्रयासों के परिणामस्वरूप बाइबल सच्चाई का ज्ञान प्राप्त किया है। हम अकसर प्रेरित यूहन्ना की तरह महसूस करते हैं जब उसने लिखा: “मुझे इस से बढ़कर और कोई आनन्द नहीं, कि मैं सुनूं, कि मेरे लड़के-बाले सत्य पर चलते हैं।”—३ यूहन्ना ४.
अब हम बूढ़े हो गए हैं। मैं ८६ का और नोनी ७८ की है, लेकिन मुझे कहना होगा कि पायनियर कार्य एक स्वास्थकर पेशा है। जब से मैं ब्रेडॉ में हूँ, तब से मेरी अधिकांश स्वास्थ्य समस्याएँ ठीक हो गयी हैं जिनसे मैं अपनी क़ैद के दौरान संक्रमित हुआ था। मैंने यहोवा की सेवा में अनेक फलदायी सालों का आनन्द भी उठाया है।
फलदायी सेवा के अनेक सालों को मुड़कर देखना हम दोनों के लिए आनन्द का स्रोत है। हमारी रोज़ की प्रार्थना है कि यहोवा हमें तब तक उसकी सेवा में जारी रहने की आत्मा और बल देगा जब तक कि हमारे शरीर में साँस है। विश्वस्त होकर हम अपने आपको भजनहार के शब्दों में व्यक्त करते हैं: “देखो, परमेश्वर मेरा सहायक है; प्रभु मेरे प्राण के सम्भालनेवालों के संग है।”—भजन ५४:४.
[पेज 23 पर तसवीरें]
१९३० के दशक में पायनियर कार्य करते वक़्त इस्तेमाल किए गए तम्बू की बग़ल में खड़े
[पेज 23 पर तसवीरें]
पृथक् क्षेत्र तक पहुँचने के लिए इस्तेमाल की गयी नाव
[पेज 23 पर तसवीरें]
१९५७ में अधिवेशन कार्यक्रम में साक्षात्कार लिए जाते वक़्त
[पेज 24 पर तसवीरें]
आज मेरी पत्नी के साथ