प्रचलित घटनाओं का महत्त्व समझना
“इस संसार का दृश्य बदलता जा रहा है।” (१ कुरि. ७:३१, न्यू.व.) यह तेज़ गति से बदलनेवाली प्रचलित घटनाओं से प्रतिबिंबित है। इसके साथ-साथ यहोवा के संघटन में जो कुछ हो रहा है, इस से आपके लिए व्यक्तिगत रूप से क्या अर्थ होता है?—लूका २१:२८.
२ इस २०वीं शताब्दी में बाइबल भविष्यवाणी की पूर्ति से इस बात का प्रमाण मिलता है कि इस सम्पूर्ण दुष्ट रीति-व्यवस्था के आख़री दिन चल रहे हैं। (मत्ती २४:३-१४; लूका २१:७-११) यीशु ने कहा था कि “जब तक ये सब बातें न हो लें, तब तक इस पीढ़ी का कदापि अन्त न होगा।” (लूका २१:३२) क्या आप समझते हैं कि आपके इलाके में रहनेवाले उन लोगों के लिए इसका क्या अर्थ होगा, जिन्होंने अभी तक यहोवा के पक्ष में अपनी स्थिति नहीं ली है? अगर आप समझते हैं, तो इस से आपकी क्षेत्र सेवकाई पर क्या असर होता है?—लूका २१:३४-३६.
३ अब जबकि समय बाक़ी है, दूसरों की मदद करें: यीशु ने सुसमाचार सुनाने के वास्ते अनुकूल परिस्थितियों का फ़ायदा उठाने के लिए अपने शिष्यों को प्रोत्साहित किया। (यूहन्ना ९:४) प्रेरित पौलुस ने उसी प्रोत्साहन को दोहराया जब उसने कुलुस्से में रहनेवाले भाइयों को “अवसर को बहुमूल्य समझकर बाहरवालों के साथ बुद्धिमानी से बर्ताव” करने के लिए प्रोत्साहित किया।—कुलु. ४:५.
४ कुछ लोग प्रेरित के अवसर को बहुमूल्य समझने के प्रोत्साहन की ओर ध्यान देकर नियमित पायनियर बन गए हैं। अनेक युवकों ने पाठशाला में होते हुए भी नियमित पायनियर सेवा शुरू की है और ऐसा करके उन्होंने सफ़लता पायी है। पाठशाला जानेवाले युवक अपने सह-पाठियों को आज होनेवाली घटनाओं का महत्त्व और परमेश्वर के राज्य के अधीन भविष्य की उज्ज्वल आशा समझने की मदद करने के लिए अवसर को बहुमूल्य समझकर समय निकाल सकते हैं।—सभो. १२:१.
५ हम नवम्बर के दौरान हर अवसर पर अवेक! पत्रिका को विशिष्ट करके क्षेत्र सेवकाई में बिताए अपने समय का अच्छा उपयोग कर सकते हैं। यह प्रकाशन प्रचलित घटनाओं के असली अर्थ में अन्तर्दृष्टि देता है। इसे घर-घर की सेवकाई में कार्य करते समय सब को पेश करें। सह-पाठियों को और कार्य-स्थल पर आपके साथ काम करनेवाले लोगों को पेश करने में पहल करें। ऐसे विषयों को विशिष्ट करें जो उन लोगों को विशेष रूप से रोचक लगते हैं, जिन्हें आप जानते हैं। मिसाल के तौर पर, अक्तूबर ८, १९९१, के अवेक! अंक में बच्चों के दुरुपयोग के विषय पर लेख लिखे गए हैं। यह विषय अनेक लोगों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
६ चालू वार्तालाप के विषय को किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है? अपना परिचय देने के बाद, आप गृहस्थ से पूछ सकते हैं: “आपकी राय में आजकल हमें इतनी सारी कुण्ठित कर देनेवाली परिस्थितियों का सामना क्यों करना पड़ता है?” उसके जवाब के बाद, आप आगे कह सकते हैं: “बाइबल क़बूल करती है कि अनेक लोगों के लिए ज़िन्दगी निराशाजनक और कुण्ठित कर देनेवाली है। ग़ौर कीजिए कि यहाँ सभोपदेशक २:१७ में क्या कहा गया है। [पढ़ लें।] यहाँ जो बताया गया है क्या आप इस से सहमत हैं? [जवाब के लिए समय दें।] आप की राय में एक ऐसे व्यक्ति को किस बात से सान्त्वना मिलेगी जो कई समस्याओं से निपट रहा है? [टीका करने के लिए समय दें।] यह एक शास्त्रपद है जिस से हमें ज़िन्दगी पर एक सकारात्मक नज़रिया मिलता है। [भजन ३७:३९, ४० पढ़ें।] इसीलिए यहोवा के गवाह बाइबल शिक्षण को प्रोत्साहित करते हैं। मिसाल के तौर पर, ग़ौर करें कि हमारे सबसे नए अवेक! अंक में किस विषय पर विचार किया गया है।” फिर, अभिदान पेश करें। जहाँ अभिदान अस्वीकार किया जाता है, वहाँ दो पत्रिकाएँ देने की कोशिश करें।
७ इस बात का कोई शक नहीं कि यहोवा की सेवा करने का यह बहुत ही रोमांचक समय है। इस महीने, सच्चे दिलवालों को प्रचलित घटनाओं के पीछे का असली अर्थ समझने की मदद करने में हर मौक़े का अच्छा उपयोग करने के लिए हम इस तथ्य से प्रेरित हो जाएँ।