गम्भीरता से बाइबल अध्ययनों की खोज कीजिए
बढ़ता हुआ प्रमाण है कि इस पुराने संसार का समय कम होता जा रहा है। (२ तीमु. ३:१-५) इसका अर्थ क्या है? इसका अर्थ है कि लोगों के जीवन ख़तरे में हैं। लेकिन, कुछ लोगों को बचने के लिए सहायता करना हमारी शक्ति में है। (नीति. ३:२७) इस उद्देश्य के लिए हमें बाइबल अध्ययन शुरू करने और संचालित करने के लिए गम्भीरता से प्रयास करना चाहिए।
२ हमारे बाइबल-आधारित साहित्य के वितरण से बहुत कुछ अच्छा निष्पन्न किया गया है। लेकिन लोगों को नियमितता से संचालित गृह बाइबल अध्ययन द्वारा व्यक्तिगत सहायता की अत्यधिक ज़रूरत है। इसकी क़द्र करने में हम उनकी सहायता कैसे कर सकते हैं?
३ हम ऐसे सवाल उठा सकते हैं जो अनेक लोगों के लिए महत्त्व रखते हैं। नीतियों में प्रचंड अवनति क्यों हुई है, क्यों पारिवारिक जीवन इतना अस्थिर है, हिंसा और गुनाह एक ऐसा ख़तरा क्यों बन गए हैं, एक स्नेही परमेश्वर वर्तमान परिस्थितियों को अनुमति क्यों देता है, इत्यादि विषयों पर ऐसे सवाल केन्द्रित कर सकते हैं। अपने क्षेत्र के लोगों की विशेष दिलचस्पी के विषयों और घटनाओं के प्रति सचेत रहिए। इन सवालों के बाइबल में दिए स्पष्ट जवाबों की ओर ध्यान दिलाइए। यह दिखाइए कि किस तरह हमारा साहित्य, जो हम वितरित करते हैं, उन्हें यह सीखने के लिए मदद कर सकता है कि हम सब को प्रभावित करनेवाले ये और अन्य अत्यावश्यक मसलों के बारे में बाइबल को क्या कहना है।
४ यह महत्त्वपूर्ण है कि हम गृहस्वामी को वार्तालाप में खींच लाएँ। उसकी क्या दिलचस्पी है यह समझने में सचेत रहिए। अपने वार्तालाप को उसकी रुचियों या चिंताओं के इर्द-गिर्द विकसित कीजिए। एक पुस्तक, ब्रोशर, पत्रिका, या ट्रैक्ट में दी गयी जानकारी की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए, जो मानवजाति की समस्याओं के बाइबल के हल के बारे में समझाता है। जाने से पहले, एक या दो सवाल उठाइए जो आपको लगता है कि आपकी अगली भेंट के लिए उसकी प्रत्याशा को बढ़ाएगा। जब आप लौटते हैं, निश्चित रूप से ये सवाल उसे याद दिलाइए, और फिर साहित्य के उपयोग द्वारा बाइबल के जवाब पाने में उसकी सहायता कीजिए।
५ हमारा बाइबल अध्ययन आरंभ करना और नियमित संचालन करना लोगों का जीवन बदल सकता है। क्षेत्र में या अनौपचारिक स्थितियों में हम जिन्हें मिलते हैं उनकी रुचियों में वास्तविक दिलचस्पी दिखाने की ज़रूरत है। प्रगतिशील रूप से उनकी दिलचस्पी को उत्तेजित करने के लिए अच्छी तैयारी की आवश्यकता है। आध्यात्मिक आहार लेने के नियमित नमूने में उनको लाने तक निरंतर लौटते रहने के लिए धीरज की आवश्यकता है। स्वयं लोगों में प्रेमपूर्ण दिलचस्पी लेने की आवश्यकता है। सन्निकट विनाश से उनके उद्धार के लिए हमें निष्कपटता से उनकी सहायता करनी चाहिए। हमारे बाइबल अध्ययन कार्य को नियमित और गम्भीर प्रार्थना का एक विषय बनाया जाना चाहिए।—१ थिस्स. ५:१७.
६ यह बहुत ही प्रोत्साहक है कि लगभग दस लाख लोग पिछले तीन वर्षों में बपतिस्मा-प्राप्त चेले बने हैं। (मत्ती २८:१९, २०) अब हम हर महीने लगभग पैंतालीस लाख बाइबल अध्ययन संचालित कर रहे हैं, और यह दूसरों के जीवन के लिए हमारी चिन्ता को सूचित करता है। आपके बारे में क्या? गृह बाइबल अध्ययन कार्य में हिस्सा लेने के लिए क्या आप गम्भीरता से प्रयास करते रहे हैं? याद रखिए, इस संदर्भ में हमारी वफ़ादारी पर हमारे और अन्य लोगों के जीवन निर्भर हैं।—यहे. ३:१७-१९.