सेवा सभा हमें हरेक भले काम के लिए सुसज्जित करती है
सेवा सभा का उद्देश्य है प्रचार कार्य और शिष्य बनाने के कार्य में हमें और पूर्ण रूप से भाग लेने के लिए प्रेरणा देना और सुसज्जित करना। (२ तीमु. ३:१७) तथापि, अगर हम सही तरह से सभा के लिए तैयारी न करें या सीखी हुई बातों को लागू करने से चूक जाएँ, तो फ़ायदे बहुत कम होंगे।
२ पहले से तैयारी आपको और पूर्ण रूप से उपदेश को आत्मसात् करने के लिए मदद करेगी। इस्तेमाल किए जानेवाले प्रकाशनों पर पुनर्विचार कीजिए, और इन्हें अपने साथ लाइए ताकि आप साथ-साथ देख सकें और भाग ले सकें। एक एकाग्र श्रोता बनिए, और बाद में इस्तेमाल करने के लिए नोट्स लीजिए।
३ प्रिसाइडिंग ओवरसियर सभा के भागों की तालिका पर ध्यानपूर्वक पुनर्विचार करता है। समर्थ, योग्य प्राचीन और सहायक सेवक इन्हें तैयार करने के लिए नियत किए जाते हैं। (om p. 70) उन कलीसियाओं में, जहाँ प्राचीन और सहायक सेवक कम हैं, इन भाइयों की मदद करने के लिए शायद अन्य योग्य भाइयों को नियत किया जाए। (km ११/७६, प्रश्न बक्स) हर वक्ता को अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए, प्रदान किए गए निर्देशन का नज़दीकी रूप से पालन करना चाहिए, और यह निश्चित कर लेना चाहिए कि वह निर्धारित समय से अधिक समय नहीं लेता है।
४ सभा सामान्यतः घोषणाओं से शुरू होती है। यह जानने के लिए कि कौनसी बातों को बताने की ज़रूरत है, नियत किए गए भाई को प्रिसाइडिंग ओवरसियर से पहले ही मिलना चाहिए। इन बातों में सोसाइटी से पत्र या सेवा प्रबंधों या मासिक रिपोर्ट के बारे में अनुस्मारक सम्मिलित हो सकते हैं। शायद हमें यह पता लगे कि बीमार व्यक्तियों को भेंट करने की ज़रूरत है या भविष्य के लिए योजित कलीसिया गतिविधियों की तफ़सील सुनें। पूरा ध्यान दीजिए ताकि आप इन बातों को जान सकें और अपना भाग करने के लिए तैयार रह सकें।
५ जब सभा का एक भाग श्रोतागण की सहभागिता की माँग करता है, तब विषय को पढ़ने और शास्त्रवचनों को देखने के द्वारा तैयारी कीजिए। इस बात पर विचार कीजिए कि आप सुझावों को किस तरह लागू करने की योजना बनाते हैं और दूसरों को प्रोत्साहित करने के लिए आप किस प्रकार की टिप्पणियाँ दे सकते हैं। एक संक्षिप्त अनुभव बताने के द्वारा शायद आप उपदेश के व्यावहारिक मूल्य को चित्रित करेंगे।
६ जब एक प्रदर्शन होता है, तो समान परिस्थितियों में स्वयं अपनी कल्पना करने की कोशिश कीजिए, और सोचिए कि आप क्या कहेंगे। प्रयोग किए गए तर्क और तर्क-पद्धति पर ध्यान दीजिए। याद करने की कोशिश कीजिए कि जब आप इसी प्रकार की स्थिति में पिछली बार थे तब आपने क्या कहा था। और विचार कीजिए कि किस तरह प्रदर्शित किए गए मुद्दे भविष्य में बेहतर परिणाम पाने के लिए आपकी मदद कर सकते हैं।
७ प्रदर्शन और इन्टरव्यू में भाग लेनेवालों को अच्छी तरह पूर्वाभ्यास करना चाहिए। हर व्यक्ति को यह जानना चाहिए कि वह क्या कहनेवाला है और उसे मंच पर क्या करना है। बिना पूर्वाभ्यास के भाग मुश्किल से श्रोतागण को प्रेरित या प्रोत्साहित करते हैं। कुछ भाग लेनेवाले प्रहरीदुर्ग अध्ययन की समाप्ति पर अपने भाग का पूर्वाभ्यास करने के लिए तैयार होकर आते हैं ताकि वे मंच पर अभ्यास कर सकें और माइक सँभालनेवाले भाइयों को अपनी ज़रूरत बता सकें।
८ कार्यक्रम में कभी-कभी कलीसिया की विशिष्ट ज़रूरत या समयोचित प्रहरीदुर्ग लेख पर एक भाषण सम्मिलित होगा। ध्यानपूर्वक सुनिए, सलाह पर गंभीरतापूर्वक विचार कीजिए, और उसे लागू करने की कोशिश कीजिए।
९ हम “हर भले काम के लिये तैयार” होना चाहते हैं। (२ तीमु. २:२१) ऐसा करने में सेवा सभा हमारी सहायता करने के लिए यहोवा के प्रबंधों में से एक है। उपस्थित होने में वफ़ादारी और सीखी हुई बातों को इस्तेमाल करने का सच्चा प्रयास निश्चित रूप से हमारी मदद करेगा ताकि हम “[अपनी] सेवकाई पूरी तरह निष्पन्न” कर सकें।—२ तीमु. ४:५, NW.