‘प्रभु में परिश्रम करनेवाली स्त्रियाँ’
ऊपर दिए गए शब्दों में पौलुस ने त्रूफैना और त्रूफोसा की तारीफ की। रोम की कलीसिया की ये दोनों बहनें बहुत मेहनती थीं। एक और बहन, पिरसिस के बारे में पौलुस ने कहा कि उसने “प्रभु में बहुत परिश्रम किया” है। इसी तरह उसने फीबे की तारीफ करते हुए कहा कि वह ‘बहुतों की उपकारिणी’ थी। (रोमि. 16:2, 12) बाइबल दोरकास नाम की एक स्त्री की खूबियाँ बताते हुए कहती है कि दोरकास “बहुतेरे भले भले काम और दान किया करती थी।” (प्रेरितों 9:36) सच! जब कलीसिया में ऐसी स्त्रियाँ होती हैं, जो आध्यात्मिक बातों में बहुत जोशीली होती हैं, तो कलीसिया को बहुत-सी आशीषें मिलती हैं।
2 क्या हम अपनी कलीसिया की उन बहनों की कदर करते हैं जो बहुत मेहनती हैं? प्रचार का अधिकतर काम बहनें ही करती हैं, वे ही ज़्यादातर बाइबल स्टडियाँ चलाती हैं और बहुत-से नए लोगों की मदद करती हैं। वे बच्चों को भी परमेश्वर की सेवा में आगे बढ़ाने में अपना काफी समय देती हैं। कलीसिया में प्यार, खुशी, मेल-मिलाप और जोश बनाए रखने में हमारी बहनें दिलो-जान से मेहनत करती हैं। वे कई तरीकों से मददगार होती हैं और इसलिए उनके पति और परिवार के बाकी सदस्य भी यहोवा की सेवा अच्छी तरह कर पाते हैं।
3 पूरे-समय सेवा करनेवाली बहनें: सफरी ओवरसियरों की पत्नियाँ प्रभु में कड़ी मेहनत करती हैं। उनके इलाके में जो तरक्की हुई है, उसमें उनका काफी हाथ रहा है। उनके पति जिन कलीसियाओं से भेंट करते हैं, वहाँ वे प्रचार काम में व्यस्त रहती हैं और बहनों का हौसला बढ़ाती हैं। साथ ही हम उन बहनों को भूल नहीं सकते जो बेथेल में सेवा कर रही हैं। ये बहनें पवित्र सेवा करते हुए, यहोवा के संगठन की मदद कर रही हैं। और रेगुलर पायनियरिंग करनेवाली बहनें परमेश्वर की स्तुति करने में बहुत मेहनत करती हैं जिससे हज़ारों नए लोगों को सच्चाई सीखने का मौका मिलता है।
4 इन वफादार स्त्रियों ने ज़िंदगी में बहुत बड़े-बड़े त्याग किए हैं और वे बहुत खुशी पा रही हैं। (1 तीमु. 6:6, 8) वे वाकई तारीफ के काबिल हैं। उनकी हिम्मत बढ़ाने और मदद करने में हमें अपनी तरफ से पूरी कोशिश करनी चाहिए।
5 मसीही स्त्रियाँ, यहोवा के संगठन में बहुत ही अनमोल हैं। वे वफादारी से जो सेवा करती हैं उससे सभी लोगों को आशीष मिलती है। इसलिए आइए हम इनकी हमेशा कदर करते रहें और प्रार्थना करें कि यहोवा इन्हें आशीष देता रहे ताकि ये आगे भी “प्रभु में परिश्रम” करती रहें।