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वापस ज़रूर जाइए!

“अरे वाह! मज़ा आ गया, इतनी बढ़िया बातचीत हुई कि उसके पास तो मैं ज़रूर वापस जाऊँगा।” क्या आप भी कभी-कभार ऐसा कहते हैं, और फिर भूल जाते हैं कि वह व्यक्‍ति कहाँ रहता है? अगर आपका जवाब हाँ है, तो फिर बगैर चूके वापस जाने के लिए क्या करना है यह आपको पता है, जी हाँ उस व्यक्‍ति का पता लिख लीजिए।

2 सारी बात लिख लीजिए: इससे पहले कि आप उस व्यक्‍ति के साथ हुई मज़ेदार बातचीत भूल जाएँ, जल्दी से उस व्यक्‍ति के बारे में सारी जानकारी लिख लीजिए। उस व्यक्‍ति के नाम और पते के साथ-साथ उसे आप कैसे पहचानोगे यह भी लिख लीजिए। आप जो भी जानकारी लिखते हैं वह सही होनी चाहिए, और आपने जो कुछ लिखा है वह सही है या नहीं यह उसी व्यक्‍ति से पूछिए जिसका पता है। उस व्यक्‍ति से आपने जिस विषय पर बातचीत की, उसे जो वचन दिखाया, और जो किताब दी, यह सब भी लिखिए।

3 अगर आपने उस व्यक्‍ति को किसी सवाल पर सोचने के लिए कहा है, और अगली मुलाकात में आप जवाब देनेवाले हैं तो उस सवाल को भी लिख लीजिए। क्या आप उस व्यक्‍ति के परिवार या धर्म के बारे में कुछ जान सके हैं? अगर हाँ, तो इसके बारे में भी थोड़ा-सा लिख लीजिए। आखिर में पहली बार आप उस व्यक्‍ति से किस दिन और कब मिले यह भी लिखिए और अगली बार आप कब वहाँ जाएँगे यह भी लिखिए। फिर अगली बार जब आप उस व्यक्‍ति के पास जाएँगे, तो उसके बारे में जो कुछ जानकारी आपने ली है उसके आधार पर बातचीत करेंगे तो इससे ज़ाहिर होगा कि आप उस व्यक्‍ति को महत्त्व देते हैं। इस तरह के नोट्‌स्‌ लेने से आपके पास सही जानकारी भी होगी और आपको याद भी रहेगा कि आपने किसी से वापस आने का वादा किया है।—1 तीमु. 1:12.

4 आप जब पूरी जानकारी लिख लेते हैं तो उस कागज़ को अपने फिल्ड-सर्विस बैग में ही रखिए जिसमें आप बाइबल, रीज़निंग बुक और दूसरी किताबें-पत्रिकाएँ रखते हैं, इससे यह कहीं खोएगा भी नहीं। जो लोग घर-पर-नहीं हैं उनका नाम-पता अलग हाउस-टू-हाउस रिकॉर्ड पर लिखिए और जिन दिलचस्पी दिखानेवालों के पास आपको वापस जाना है उनका नाम-पता अलग लिखिए। बेशक, कहाँ-कहाँ वापस जाना है इसका रिकॉर्ड रखने की मेहनत तभी सफल होगी जब आप वक्‍त निकालकर उनके पास ज़रूर जाएँ!

5 उस व्यक्‍ति के बारे में सोचिए: जब आप प्रचार की तैयारी करते हैं तो वापस जाने के लिए आपने जो जानकारी लिखी है उसे एक बार पढ़ लीजिए। और अपने मन में सोचिए कि अलग-अलग व्यक्‍ति से दोबारा मिलने पर क्या कहना सबसे बेहतर होगा। यह सोचिए कि उस व्यक्‍ति की रुचि को कैसे बढ़ाया जा सकता है ताकि वह बाइबल सीखना चाहे। ऐसी तैयारी, आपको सुसमाचार के प्रचारक के नाते ज़्यादा फल पैदा करने में मदद देगी और इससे आपको खुशी भी मिलेगी।—नीति. 21:5क.

6 तो फिर अगली बार जब कोई सच्चाई में दिलचस्पी दिखानेवाला व्यक्‍ति आपको मिले तो ऐसा मत सोचिए कि मेरे लिए ये सब बातें याद रखना तो बाएँ हाथ का खेल है। इसके बजाए, लिख डालिए सारी जानकारी को, वापस जाने से पहले वे नोट्‌स्‌ पढ़िए, उस व्यक्‍ति के बारे में सोचते रहिए, और ज़रूर वापस जाइए!

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