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  • हर घड़ी यहोवा का भय मानिए
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हमारी राज-सेवा—2000
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हर घड़ी यहोवा का भय मानिए

“यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है।” (भज. 111:10, NHT) यहोवा का भय हमें भले काम करने के लिए उकसाता है और बुराई से दूर हटने में मदद करता है। (नीति. 16:6) हमारे दिल में यह भय अपने सिरजनहार के लिए ऐसी गहरी श्रद्धा है जो हमें उसे नाराज़ करने और उसकी आज्ञाओं को तोड़ने से बचाए रखती है। इस भय को बढ़ाने और अपने कामों के ज़रिए इसे हर घड़ी ज़ाहिर करना बहुत ज़रूरी है।—नीति. 8:13.

2 शैतान के इस संसार की आत्मा, हर दिन हम पर ज़बरदस्त दबाव डालती है ताकि हम उसके साँचे में ढलकर बुराई करने लगें। (इफि. 6:11, 12) इसके अलावा हमारा असिद्ध शरीर पापी है और स्वाभाविक रूप से इसका झुकाव बुराई की तरफ होता है। (गल. 5:17) इसलिए अगर हम यहोवा की आज्ञाओं का पालन करना चाहते हैं, खुश रहना और जीवन पाना चाहते हैं तो हमें हर घड़ी उसका भय मानना चाहिए।—व्यव. 10:12, 13.

3 इब्रानियों 10:24, 25 में हमें यह सलाह दी गई है कि हम एक-दूसरे का हौसला बढ़ाने के लिए इकट्ठा होना न छोड़ें, खासकर हम जिस समय में आज जी रहे हैं उसमें “और भी अधिक” यह किया करें। इस दुष्ट दुनिया के अंतिम दिनों से बच निकलने के लिए, लगातार सभाओं में हाज़िर होना बेहद ज़रूरी है। अगर हम परमेश्‍वर का भय मानते हैं और उसे नाराज़ नहीं करना चाहते, तो जिस मकसद से सभाओं का प्रबंध किया है, उसकी हम कदर करेंगे और सभाओं में हाज़िर होंगे। जो परमेश्‍वर का भय मानते हैं, उनकी नज़र में मसीही सभाओं में भाग लेना परमेश्‍वर से मिला एक सम्मान है।

4 परमेश्‍वर के प्रति भय दिखाने का एक और तरीका है, राज्य के सुसमाचार का प्रचार करने की आज्ञा को मानना। (मत्ती 28:19, 20; प्रेरि. 10:42) प्रचार करने का हमारा मुख्य उद्देश्‍य है, यहोवा का भय पैदा करने और उसकी इच्छा पर चलने के लिए दूसरों की मदद करना। इस उद्देश्‍य को हासिल करने के लिए हम रिटर्न विज़िट और बाइबल स्टडी शुरू करते हैं, और फिर लोगों को परमेश्‍वर की सभी आज्ञाओं को मानना सिखाते हैं। ऐसा करने से हम यहोवा के लिए भय और पड़ोसी के लिए अपना प्रेम दिखाते हैं।—मत्ती 22:37-39.

5 जो परमेश्‍वर का भय नहीं मानते, वे आध्यात्मिक बातों के लिए कदरदानी विकसित नहीं कर पाते और उन्हें इस संसार की जानलेवा हवा लग जाती है या उनका रवैया इस संसार के जैसा हो जाता है। (इफि. 2:2) आइए हम सभी यह संकल्प करें कि ‘हम आदर और भय सहित परमेश्‍वर की उपासना करें।’ (इब्रा. 12:28, NHT) ऐसा करने से हमें वो आशीषें मिलेंगी जो हर घड़ी यहोवा का भय माननेवालों को मिलती हैं।

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