सभी भाषाओं के लोगों को इकट्ठा करना
परमेश्वर का वचन पूरा हो रहा है! “भांति भांति की भाषा बोलनेवाली सब जातियों में से” लोग सच्ची उपासना को अपना रहे हैं। (जक. 8:23) भारत में, यहोवा के साक्षी किस तरह ‘हर एक कुल, और लोग और भाषा’ बोलनेवालों की मदद कर रहे हैं ताकि वे परमेश्वर के सामने शुद्ध ठहर सकें, और उन्हें “बड़े क्लेश” में से बच निकलने की आशा मिले?—प्रका. 7:9, 14.
2 परमेश्वर का संगठन मदद करता है: शासी निकाय ने 24 भारतीय भाषाओं में बाइबल समझानेवाले साहित्य उपलब्ध करवाने का इंतज़ाम किया है ताकि पूरे देश के लोग, सुसमाचार की अहमियत को अच्छी तरह समझ सकें। इतनी सारी भाषाओं में साहित्य तैयार करना और उन्हें प्रकाशित करना बहुत बड़ा काम है। इसमें काबिल अनुवादकों की टीम को इकट्ठा करना, इन भाषाओं में हमारे साहित्य का अनुवाद करने के लिए उन्हें ज़रूरी मदद देना, साथ ही इन साहित्यों को छापने और उन्हें जगह-जगह भेजने का इंतज़ाम करना शामिल है। मगर फिर भी, सबसे अहम भूमिका राज्य का हर प्रचारक निभाता है, क्योंकि वह लोगों तक बाइबल का जीवनदायी संदेश पहुँचाता है।
3 चुनौती को स्वीकार करना: कई बड़े-बड़े शहरों में दूसरी भाषा बोलनेवाले लोग भारी तादाद में हैं। क्या हम अपने साथ इन भाषाओं में साहित्य रखते हैं, ताकि हम इन लोगों को अच्छी तरह सुसमाचार सुना सकें? परमेश्वर के बहुत-से सेवक ऐसा ही करते हैं, यहाँ तक कि वे अपने इलाके में बोली जानेवाली आम भाषाओं में एक आसान-सी प्रस्तुति सीखने की कोशिश भी करते हैं। भारतीय साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल करनेवालों तक भी सुसमाचार पहुँचाया जा रहा है। कुछ लोग जिन्होंने कभी यहोवा के बारे में नहीं सुना था या बाइबल के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे, वे परमेश्वर के वचन की सच्चाई अपना रहे हैं।—रोमि. 15:21.
4 दूसरी भाषा बोलनेवाला कोई व्यक्ति अगर दिलचस्पी दिखाए तो हम उसकी मदद कैसे कर सकते हैं? अगर हमारे शहर में वह भाषा बोलनेवाली कलीसिया है तो हम दिलचस्पी दिखानेवाले का पता प्लीज़ फॉलो अप फॉर्म (S-43) पर लिखकर उस कलीसिया को दे सकते हैं। अगर ऐसी कोई कलीसिया मौजूद नहीं है, तो हम दिलचस्पी दिखानेवाले का पता ऐसे प्रकाशक को दे सकते हैं जो वह भाषा जानता हो। अगर हमसे किसी दिलचस्पी दिखानेवाले व्यक्ति के पास जाने की गुज़ारिश की जाती है, तब क्या हम उस तक पहुँचने और उससे मिलने के लिए पूरी मेहनत करने को तैयार हैं? इस तरीके से हम अपने इलाके के सभी समुदायों को उनकी भाषाओं में सुसमाचार अच्छी तरह सुना पाएँगे।—कुलु. 1:25.
5 राज्य का संदेश, हर संस्कृति और भाषा के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इसलिए आइए हम उनके साथ सुसमाचार बाँटने में, हर मौके का फायदा उठाएँ।