पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“ऐसा लगता है कि बहुत-से लोग पुलिस को पसंद नहीं करते। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि अगर पुलिस ना होती तो इस देश का क्या होता? [जवाब के लिए रुकिए।] आज तो हमें पुलिस की ज़रूरत है लेकिन जल्द ही एक वक्त आएगा जब हमें इनकी ज़रूरत नहीं होगी। इसकी वजह क्या है, यह इस आयत में देखिए। [2 पतरस 3:13 पढ़िए।] अगर आप जानना चाहते हैं कि बिना अपराध के संसार कैसा होगा तो सजग होइए! का यह अंक पढ़ना आपको बहुत अच्छा लगेगा।”
प्रहरीदुर्ग नवं. 15
“कुछ लोग सोचते हैं कि क्या परमेश्वर की उपासना करने के लिए हमें सचमुच गिरजाघरों और मंदिरों में जाने की ज़रूरत है? आपकी क्या राय है? [जवाब के लिए रुकिए।] ध्यान दीजिए कि बाइबल इस बारे में क्या कहती है। [प्रेरितों 17:24 पढ़िए।] तो फिर उपासना की जगहों का मकसद क्या है? यह पत्रिका, बाइबल से इस सवाल का जवाब देती है।”
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“आज बहुत-से लोग कार और स्कूटर खरीद रहे हैं, मगर जानलेवा दुर्घटनाओं की वारदातें भी उतनी ही बढ़ रही हैं। क्या दुर्घटनाओं से बचना मुमकिन है? [जवाब के लिए रुकिए।] बाइबल कबूल करती है कि विपत्ति किसी पर भी आ सकती है। [सभोपदेशक 9:11 पढ़िए। पेज 22 पर ध्यान दिलाइए।] सजग होइए! का यह अंक बताता है कि गाड़ी चलाते वक्त आप कैसे और भी एहतियात बरत सकते हैं।”
प्रहरीदुर्ग दिसं. 1
“आज, लगभग हर कोई पैसे की तंगी से जूझ रहा है। यही हाल गिरजाघरों का भी है। और उनकी देखरेख के लिए पहले से ज़्यादा चंदे की माँग की जा रही है। क्या आपको ऐसी बातें परेशान करती हैं? [जवाब के लिए रुकिए। उसके बाद 1 थिस्सलुनीकियों 2:9 पढ़िए।] यह प्रहरीदुर्ग बताती है कि इस बारे में बाइबल क्या कहती है।”