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हमारी राज-सेवा—2003
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प्यारे राज्य प्रचारको:

“परमेश्‍वर ने बढ़ाया।” (1 कुरि. 3:6) भारत में परमेश्‍वर के काम में हुई बढ़ोतरी देखकर सचमुच हमारा दिल गद-गद हो उठता है! सन्‌ 2003 के सेवा साल में बाइबल अध्ययनों में हमें एक नया शिखर हासिल हुआ क्योंकि अब 17,000 से ज़्यादा बाइबल अध्ययन चलाए जा रहे हैं। यह वाकई काबिले-तारीफ है। हमने स्मारक की हाज़िरी में नया शिखर हासिल किया है। इस बार स्मारक में 56,856 लोग हाज़िर हुए। पिछले साल से इस बार 2,226 ज़्यादा लोग हाज़िर हुए और यह भारत में प्रचारकों की कुल गिनती से करीब 33 हज़ार ज़्यादा है। इससे पता चलता है कि भविष्य में बहुत बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी हो सकती है।

अब सिर्फ भारत की शाखा ही सभी भारतीय भाषाओं में पत्रिकाएँ छापकर 25 से ज़्यादा देशों में भेजती है। इस वजह से पत्रिकाओं की छपाई में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह ज़्यादा काम, प्रिंटरी में काम करनेवाले कम स्टाफ की मेहनत से मुमकिन हो रहा है। पत्रिकाओं की बढ़ती माँग पूरी करने के लिए चार रंगों में छापनेवाली एक और प्रेस लगायी गयी है। ये प्रेस एक मिनट में 60 पत्रिकाएँ छापती हैं। संसार भर में भेजी जानेवाली पत्रिकाओं और दूसरे साहित्य की क्वालिटी बढ़ाने के लिए, बेहतरीन कागज़ का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अब क्योंकि 2004 का सेवा साल शुरू हो गया है, तो हम दिसंबर 7, 2003 को होनेवाले बैंगलोर के नए शाखा दफ्तर के समर्पण कार्यक्रम का इंतज़ार कर रहे हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि जो उस मौके पर हाज़िर होंगे उनके लिए यह आध्यात्मिक मायने में एक यादगार मौका हो और इससे यहोवा के नाम की जयजयकार दूर-दूर तक हो। जी हाँ, हमें पूरा भरोसा है कि यहोवा हमारे इस नए शाखा दफ्तर के ज़रिए काम को आगे ‘बढ़ाता रहेगा।’

आपके भाई,

भारत का शाखा दफ्तर

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