तरक्की करनेवाले बाइबल अध्ययन चलाना
भाग 4: विद्यार्थी को तैयारी करना सिखाना
जो विद्यार्थी अध्ययन का पाठ पहले से पढ़कर रखता, जवाब पर निशान लगाता और उन्हें अपने शब्दों में बताने की सोचता है, उसे आध्यात्मिक बातों में अच्छी तरक्की करने में देर नहीं लगती। लिहाज़ा, नियमित अध्ययन शुरू होने पर विद्यार्थी के साथ बैठकर एक पाठ तैयार कीजिए ताकि वह अध्ययन की तैयारी करना सीख जाए। ज़्यादातर मामलों में देखा गया है कि विद्यार्थी के साथ पूरा पाठ या अध्याय तैयार करना फायदेमंद होता है।
2 निशान लगाना और हाशिए में लिखना: विद्यार्थी को समझाइए कि पाठ में दिए सवालों का सीधा जवाब कैसे ढूँढ़े। उसे अध्ययन की अपनी किताब दिखाइए जिसमें आपने सिर्फ खास शब्दों और वाक्य के ज़रूरी हिस्सों पर निशान लगाए हैं। जैसे-जैसे आप उसके साथ जानकारी पढ़ेंगे, हो सकता है वह भी आपकी तरह अपनी किताब में निशान लगाना चाहे ताकि जवाब देने में उसे आसानी हो। (लूका 6:40) फिर उसे अपने शब्दों में जवाब देने को कहिए। इससे आप देख पाएँगे कि उसने जानकारी को कितना समझा है।
3 विद्यार्थी के लिए शास्त्र के हवालों को खोलकर पढ़ना और उन्हें जाँचना भी अध्ययन की तैयारी करने का एक अहम हिस्सा है। (प्रेरि. 17:11) यह समझने में उसकी मदद कीजिए कि शास्त्र का हर हवाला, पैराग्राफ में दिए मुद्दे को पुख्ता करता है। उसे दिखाइए कि वह अपनी अध्ययन की किताब के हाशिए में कैसे इन आयतों के खास शब्द लिख सकता है। इस सच्चाई का एहसास दिलाते रहिए कि वह जो कुछ सीख रहा है वह बाइबल से है। उसे अपने जवाब में ज़्यादा-से-ज़्यादा हवालों का इस्तेमाल करने का बढ़ावा दीजिए।
4 सरसरी नज़र और दोबारा विचार: इससे पहले कि विद्यार्थी अध्ययन की बारीकी से तैयारी करे, अच्छा होगा कि वह विषय पर सरसरी नज़र डाले। उसे बताइए कि वह चंद मिनटों के लिए अध्याय के शीर्षक, उपशीर्षकों और दी गयी तसवीरों की जाँच करे। यह भी समझाइए कि अध्ययन की तैयारी करने के बाद, अध्याय के मुख्य मुद्दों पर दोबारा विचार करना अच्छा होगा। अगर अध्याय में इसके लिए एक बक्स दिया गया है, तो वह उसका इस्तेमाल कर सकता है। इस तरह मुद्दों को दोहराने से वह जानकारी को याद रख पाएगा।
5 विद्यार्थी को अध्ययन की अच्छी तैयारी करना सिखाने से, वह कलीसिया की सभाओं में सोच-समझकर, बढ़िया जवाब दे पाएगा। यही नहीं, उसमें अध्ययन करने की ऐसी आदत बन जाएगी जो ज़िंदगी भर रहेगी। जी हाँ, यह आदत बाइबल अध्ययन खत्म होने के सालों बाद भी बरकरार रहेगी।