ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचाना
1. शुरू के मसीहियों ने ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने के लिए क्या किया?
यीशु के शुरू के चेलों ने राज्य का संदेश फैलाने के लिए जी-जान से मेहनत की। ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने के लिए उन्होंने कई कारगर तरीके अपनाए। एक तरीका यह था कि बाइबल के मसीही लेखकों ने परमेश्वर का वचन, बोलचाल की यूनानी भाषा में लिखा, जो उस वक्त रोम साम्राज्य की भाषा थी और सारी दुनिया में बोली जाती थी। इसके अलावा, सा.यु. दूसरी और तीसरी सदी के जोशीले मसीही प्रचारक शायद उन लोगों में सबसे पहले थे जिन्होंने कोडेक्स यानी किताब के रूप में लिखे शास्त्र का इस्तेमाल शुरू किया, जिसे चर्मपत्रों के मुकाबले ज़्यादा आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता था।
2, 3. (क) आज के ज़माने में यशायाह 60:16 की भविष्यवाणी कैसे पूरी हो रही है? (ख) आज शुद्ध उपासना को बढ़ाने के लिए टेकनॉलजी का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है?
2 टेकनॉलजी का इस्तेमाल: यशायाह नबी के ज़रिए यहोवा ने भविष्यवाणी की थी: “तू अन्यजातियों का दूध पी लेगी।” (यशा. 60:16) आज यह भविष्यवाणी पूरी हो रही है, क्योंकि यहोवा के सेवक सभी देशों के कीमती साधनों को इस्तेमाल में लाकर प्रचार के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। मिसाल के लिए, सन् 1914 में जब व्यापार जगत में चलचित्रों ने अभी कामयाबी हासिल नहीं की थी, उस वक्त बाइबल विद्यार्थियों ने “फोटो-ड्रामा ऑफ क्रिएशन” दिखाना शुरू किया। आठ घंटे चलनेवाले इस रंगीन चलचित्र के ज़रिए, जिसमें आवाज़ और चित्र भी थे, करोड़ों लोगों को ज़बरदस्त गवाही दी गयी।
3 आज परमेश्वर के लोग, सैकड़ों भाषाओं में बाइबलें और बाइबल की समझ देनेवाला साहित्य छापने के लिए तेज़ रफ्तार से चलनेवाली प्रिंटिंग प्रेस और कंप्यूटर से चलनेवाली दूसरी मशीनें इस्तेमाल करते हैं। आज तेज़ रफ्तार से चलनेवाले वाहनों की बदौलत, थोड़े ही वक्त में चीज़ें एक जगह से दूसरी जगह पहुँचायी जा सकती हैं, इसलिए बाइबल का साहित्य धरती के कोने-कोने में, 235 देशों के लोगों तक पहुँचाया जा रहा है। अपनी आत्मा से यहोवा ने अपने सेवकों को उभारा है कि वे टेकनॉलजी का बढ़िया इस्तेमाल करें और बाइबल की सच्चाई को इतने बड़े पैमाने पर ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक पहुँचाएँ, जितने पैमाने पर पहले कभी नहीं किया गया।
4. कुछ प्रचारकों ने ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने के लिए अपनी ज़िंदगी में क्या-क्या बदलाव किए हैं?
4 अपनी ज़िंदगी में बदलाव: सच्चे उपासकों ने ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने के लिए अपनी ज़िंदगी में भी बदलाव किया है। बहुत-से प्रचारकों ने अपने जीने के तरीके में सादगी लायी है ताकि वे प्रचार के काम में और ज़्यादा हिस्सा ले सकें। कई लोग ऐसी जगहों पर जाकर बस गए हैं जहाँ राज्य का प्रचार करनेवालों की ज़्यादा ज़रूरत है। दूसरों ने नयी भाषा सीखकर अपनी सेवा बढ़ायी है।
5, 6. अपने इलाके में ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने के लिए क्या किया जा सकता है?
5 इसके अलावा, हम एक और तरीके से ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचा सकते हैं। वह है, तब प्रचार करना जब लोग घर पर हों और वहाँ प्रचार करना जहाँ उनसे मिला जा सके। अगर आपके इलाके में ज़्यादातर लोग दिन के वक्त घर पर नहीं होते, तो क्या आप अपने कार्यक्रम में फेरबदल करके देर दोपहर के वक्त या शाम को प्रचार कर सकते हैं? क्या ऐसी सार्वजनिक जगहें हैं जहाँ गवाही दी जा सके? क्या आपने टेलिफोन के ज़रिए और बिज़नेस इलाकों में गवाही देने की कोशिश की है? क्या आप मौका ढूँढ़कर कहीं भी, किसी भी वक्त गवाही देने की कोशिश करते हैं?
6 यहोवा के नाम और राज्य के बारे में शानदार गवाही दी जा रही है और इसमें हिस्सा लेना हमारे लिए कितने बड़े सम्मान की बात है! इसलिए आइए हम ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को परमेश्वर के वचन से सच्चाई बताते रहें, जिससे उन्हें ज़िंदगी मिल सके।—मत्ती 28:19, 20.