नया सर्किट सम्मेलन कार्यक्रम
यह संसार हमें यकीन दिलाना चाहता है कि यह मौजूदा व्यवस्था कभी नहीं मिटेगी। मगर परमेश्वर का वचन हमें बिलकुल अलग बात बताता है। (1 यूह. 2:15-17) बाइबल हमें यह समझने में मदद देती है कि “पृथ्वी पर धन इकट्ठा” करना व्यर्थ है। इसलिए परमेश्वर के लोगों को आध्यात्मिक तौर से मज़बूत करने के लिए, सन् 2007 के सेवा साल के सर्किट सम्मेलन में इस विषय को खुलकर समझाया जाएगा: “स्वर्ग में धन इकट्ठा करो।”—मत्ती 6:19,20.
इफिसियों 2:2 ‘आकाश [“हवा,” हिन्दुस्तानी बाइबल] के अधिकार अर्थात् वह आत्मा जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य्य करती है,’ उसके बारे में बताता है। इस आत्मा में धन-दौलत का लालच भी शामिल है। जिस तरह हम अपने चारों तरफ हवा को महसूस करते हैं, उसी तरह हम यह भी महसूस करते हैं कि हर तरफ “संसार की आत्मा” फैली हुई है। (1 कुरि. 2:12) इस आत्मा का असर इतना ज़बरदस्त है कि यह लोगों पर “अधिकार” चलाती है। नया सर्किट सम्मेलन कार्यक्रम हमें धन-दौलत के लालच से बचने और ज़रूरी बातों पर अपना ध्यान लगाए रखने में मदद देगा। (मत्ती 6:33) इसके अलावा, यह कार्यक्रम हमें मदद देगा कि हम प्रचार करते वक्त यहोवा पर भरोसा रखना सीखें, फिर चाहे हमें दबावों और परीक्षाओं का सामना क्यों न करना पड़े।
ध्यान रखिए कि आप, दोनों दिन हाज़िर रहें और कार्यक्रम में “और भी मन लगाएं।” (इब्रा. 2:1) चंद शब्दों में उन मुद्दों को लिख लें जिन्हें आप अपनी निजी ज़िंदगी और प्रचार में लागू करना चाहेंगे। इस बढ़िया आध्यात्मिक दावत में शुरू से लेकर आखिर तक हाज़िर रहने से आपका हौसला बढ़ेगा और “स्वर्ग में धन इकट्ठा” करते रहने का आपका इरादा बुलंद होगा!