उन्हें सिखाना जो ठीक से पढ़ नहीं पाते
1. प्रचार काम में हमें किस चुनौती का सामना करना पड़ सकता है?
प्रचार काम में कभी-कभी हमें ऐसे लोगों को भी सिखाना पड़ सकता है, जिन्हें ठीक से पढ़ना नहीं आता। यह एक चुनौती हो सकती है। ऐसे में हम क्या कर सकते हैं?
2. जो लोग ठीक से पढ़ नहीं सकते, उन्हें क्यों और कैसे इज़्ज़त दी जानी चाहिए?
2 उनकी गरिमा बनाए रखें: यहोवा एक इंसान का दिल देखता है, उसकी पढ़ाई-लिखाई नहीं। (1 शमू. 16:7; नीति. 21:2) इसलिए अगर एक व्यक्ति ठीक से पढ़ नहीं पाता तो हम उसे नीची नज़र से नहीं देखते। दरअसल ऐसा व्यक्ति खुशी-खुशी हमारी मदद लेने के लिए तैयार होता है, बशर्ते हम उसके साथ इज़्ज़त से पेश आएँ और धीरज दिखाएँ। (1 पत. 3:15) तो जब हम ऐसे व्यक्ति के साथ अध्ययन करते हैं, तब हमें उससे कोई पाठ या पैराग्राफ पढ़ने की ज़िद्द नहीं करनी चाहिए। जैसे-जैसे वह बाइबल की अनमोल सच्चाइयाँ सीखता जाएगा, वह खुद ही अपनी पढ़ने की क्षमता बढ़ाने की कोशिश करेगा, ताकि वह खुद परमेश्वर के वचन का ‘दिन-रात पाठ करने’ की खुशी का अनुभव कर सके।—भज. 1:2,3, नयी हिन्दी बाइबिल।
3. पढ़ने में कमज़ोर लोगों को सिखाने के लिए कौन-से तरीके अपनाए जा सकते हैं?
3 बाइबल अध्ययन के दौरान सिखाने के तरीके: सिखाने और सीखी हुई बातों को याद रखने में तसवीरें बढ़िया मदद साबित होती हैं। आप अध्ययन के लिए जो साहित्य इस्तेमाल करते हैं, उसकी तसवीरों के बारे में अपने विद्यार्थी को बताने के लिए कह सकते हैं। उसके बाद कुछ ऐसे सवाल पूछिए जिससे वह समझ सके कि वह तसवीर क्या सिखाती है। तसवीर से जुड़ा कोई खास मुद्दा समझाने के लिए एक आयत पढ़िए। अध्ययन किए गए पाठ को दोहराने के लिए भी तसवीरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक बार में ढेर-सारी बातें मत सिखाइए। पाठ के विषय और खास मुद्दों पर ज़ोर दीजिए और ऐसी जानकारी देने से बचिए जो पाठ में नहीं दी गयी है। आयतें सीधे बाइबल से पढ़िए, फिर कुछ सवाल पूछिए ताकि पढ़ी हुई बात विद्यार्थी के मन में बैठ जाए। ऐसा करने से शायद विद्यार्थी को अपनी पढ़ने की क्षमता सुधारने का मन करे ताकि वह खुद ही खोजबीन करके और भी बाइबल की सच्चाइयाँ जान सके।
4. हम कैसे अपने विद्यार्थी को उनकी पढ़ने की क्षमता सुधारने में मदद दे सकते हैं?
4 पढ़ाई सुधारने के लिए मदद: भले ही एक इंसान ठीक से पढ़ना न जानता हो या उसे पढ़ना सीखने के बहुत कम मौके मिले हों, मगर वह बातों को अच्छी तरह समझ सकता है और याद रख सकता है। ऐसे व्यक्ति को आप हमारे साहित्य की ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनने का बढ़ावा दे सकते हैं। किसी साहित्य की रिकॉर्डिंग सुनने के साथ-साथ जब वह अपने साहित्य में भी देखता जाता है और धीरे-धीरे उन शब्दों को दोहराता है तो इससे वह अपनी पढ़ने की क्षमता सुधार सकता है। इसके अलावा, अपने आपको पढ़ना-लिखना सिखाइए ब्रोशर भी मददगार हो सकता है, अगर यह उसकी भाषा में मौजूद है। कुछ इलाकों में प्राचीन चाहें तो मंडली में ही अलग से पढ़ाई की क्लास का प्रबंध कर सकते हैं। इस तरह कारगर कदम उठाने से हम उन लोगों की मदद कर सकेंगे, जो ठीक से पढ़ नहीं सकते। नतीजा, वे “पवित्र शास्त्र के लेख” अच्छी तरह समझ सकेंगे, जो उन्हें उद्धार पाने के लिए बुद्धिमान बना सकते हैं।—2 तीमु. 3:15.