पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग जुलाई से सितंबर
“जब लोग हम पर गलत काम करने के लिए दबाव डालते हैं, तो सही काम करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आप क्या सोचते हैं, क्या बात हमारी मदद कर सकती है ताकि हम गलत काम में न फँसें? [जवाब के लिए रुकिए। फिर पूछिए कि क्या आप एक किताब से दिखा सकते हैं कि सबसे बढ़िया मदद हमें कहाँ से मिल सकती है। अगर घर-मालिक ‘हाँ’ कहता है, तो नीतिवचन 29:25 पढ़िए।] यह लेख वे पाँच वजह बताता है कि क्यों हमें इंसानों के डर के आगे झुकने के बजाय सही काम करने चाहिए।” पेज 28 पर दिया लेख दिखाइए।
सजग होइए! जुलाई से सितंबर
“स्कूल जानेवाले कई बच्चों के ऊपर आज बहुत तनाव है। इस तनाव का सामना करने के लिए आपके हिसाब से क्या बात उनकी मदद कर सकती है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं इस मामले में एक बढ़िया सलाह दिखा सकता हूँ? [अगर घर-मालिक आगे बात करने में दिलचस्पी दिखाता है, तो नीतिवचन 12:25 पढ़िए।] यह पत्रिका बताती है कि बच्चों की मदद करने के लिए बड़े लोग क्या कर सकते हैं।”
प्रहरीदुर्ग अक्टूबर से दिसंबर
“कुछ लोग मानते हैं कि हम तकदीर के चलाए चलते हैं, तो दूसरे मानते हैं कि हम खुद अपनी तकदीर लिखते हैं। आपका क्या मानना है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं बाइबल में लिखी एक दिलचस्प बात आपको पढ़कर सुना सकता हूँ? [अगर घर-मालिक ‘हाँ’ कहता है, तो सभोपदेशक 9:11 पढ़िए।] यह लेख इस सवाल का जवाब देता है कि ‘क्या हमारी तकदीर पहले से लिखी है?’” पेज 4 पर दिया लेख दिखाइए।
सजग होइए! अक्टूबर से दिसंबर
“कुछ लोग सोचते हैं कि अगर हम परमेश्वर को खुश करेंगे, तो वह हमें अमीर बना देगा। लेकिन शायद आप ऐसे लोगों को जानते हों, जो साफ दिल के हैं मगर फिर भी गरीब हैं। क्या आपको लगता है कि परमेश्वर चाहता है कि हम अमीर बन जाएँ? [जवाब के लिए रुकिए। अगर घर-मालिक आगे बातचीत करना चाहता है तो उससे पूछिए कि क्या आप उसे एक आयत पढ़कर सुना सकते हैं। अगर वह ‘हाँ’ कहता है, तो इब्रानियों 13:5 पढ़िए।] यह लेख बताता है कि परमेश्वर कैसे हमें आशीष देता है।” पेज 24 पर दिया लेख दिखाइए।