अपने बाइबल विद्यार्थी की खातिर “जान तक देने को तैयार” रहिए
1. बाइबल विद्यार्थी की मदद करने के लिए क्या ज़रूरी है?
अगर हम चाहते हैं कि हमारा बाइबल विद्यार्थी परमेश्वर को अपना जीवन समर्पित करे, तो उसके साथ सिर्फ नियमित तौर पर बाइबल अध्ययन करना काफी नहीं। प्रेषित पौलुस ने जिन लोगों को सच्चाई सिखायी, उनके साथ उसने अपने रिश्ते की तुलना दूध पिलानेवाली एक माँ से की, जो अपने नन्हे-मुन्नों से दुलार करती है। उसी तरह हम भी “अपनी जान” देकर यानी अपना समय और शक्ति लगाकर अपने बाइबल विद्यार्थी की मदद करते हैं ताकि वह आध्यात्मिक तरक्की कर सके।—1 थिस्स. 2:7-9.
2. हमें क्यों बाइबल विद्यार्थी में निजी दिलचस्पी दिखानी चाहिए और हम यह कैसे कर सकते हैं?
2 निजी दिलचस्पी लीजिए: जैसे-जैसे बाइबल विद्यार्थी सीखी हुई बातों को लागू करेगा, उसका ज़मीर उसे उन लोगों से दोस्ती तोड़ने के लिए उकसाएगा, जो बाइबल के उसूलों पर नहीं चलते। (1 पत. 4:4) हो सकता है, उसके परिवारवाले उससे नाता तोड़ लें और उसे अकेलापन महसूस हो। (मत्ती 10:34-36) ऐसे में, हम उसमें निजी दिलचस्पी दिखा सकते हैं। एक तजुरबेकार मिशनरी की यह सलाह है, “बाइबल अध्ययन खत्म होते ही तुरंत मत उठ जाइए। मुनासिब हो, तो कुछ देर रुकिए और अपने विद्यार्थी से बात कीजिए।” ज़रूरत के वक्त विद्यार्थी को कारगर मदद देने के लिए भी तैयार रहिए। मिसाल के लिए, जब विद्यार्थी बीमार होता है, तो क्या आप उसकी खैर-खबर जानने के लिए उसे एक फोन या फिर उससे मुलाकात कर सकते हैं? क्या आप सभाओं में उसके साथ बैठ सकते हैं? या अगर विद्यार्थी का कोई बच्चा है तो उसे सँभाल सकते हैं ताकि वह कार्यक्रम पर ध्यान दे सके?
3. हम अपने बाइबल विद्यार्थी के लिए क्या कर सकते हैं ताकि वह मंडली के भाई-बहनों से हौसला पा सके?
3 मंडली से मदद: अगर आप बाइबल विद्यार्थी के घर के पास ही प्रचार कर रहे हैं, तो क्या आप चंद मिनटों के लिए उससे जाकर मिल सकते हैं और अपने साथी भाई या बहन से उसे मिलवा सकते हैं? जब मुनासिब हो, आप अलग-अलग प्रचारकों को और प्राचीनों को भी अपने साथ अध्ययन पर ले जाइए। इसके अलावा, जब एक व्यक्ति के साथ बाइबल अध्ययन शुरू हो जाता है, तो उसे जल्द-से-जल्द सभाओं में आने के लिए उकसाइए। मंडली में आकर वह भाई-बहनों की संगति का मज़ा ले पाएगा, जो आगे चलकर उसका आध्यात्मिक परिवार बनेगा।—मर. 10:29, 30; इब्रा. 10:24, 25.
4. हमारी मेहनत और लगन का हमें क्या इनाम मिलेगा?
4 जो माँ-बाप अपने बच्चे की आध्यात्मिक तरक्की के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं, उन्हें तब बेहद खुशी होती है, जब उनका बच्चा यहोवा को अपना जीवन समर्पित करता है और सच्चाई की राह पर चलता है। (3 यूह. 4) हम भी ऐसी खुशी पा सकते हैं, अगर हम अपने बाइबल विद्यार्थी के लिए अपनी जान तक देने को तैयार रहें।