क्या आप रविवार को प्रचार में जा सकते हैं?
1. फिलिप्पी में पौलुस और उसके साथियों के व्यवहार से हम क्या सीखते हैं?
सब्त का दिन था और फिलिप्पी के ज़्यादातर यहूदी विश्राम कर रहे थे। उस समय अपने मिशनरी दौरे में पौलुस और उसके साथी उस शहर में आए थे। अगर वे चाहते तो सब्त के दिन विश्राम कर सकते थे और कोई उनकी बुराई न करता। लेकिन यह जानकर कि उस दिन शहर के बाहर प्रार्थना करने के लिए यहूदी इकट्ठा होंगे, उन्होंने प्रचार करने के इस मौके का फायदा उठाया। और जब लुदिया ने खुशखबरी सुनी साथ ही उसके पूरे परिवार ने बपतिस्मा लिया तब हम अंदाज़ा लगा सकते हैं कि पौलुस और उसके साथियों को कितनी खुशी मिली होगी! (प्रेषि. 16:13-15) आज भी कई लोग रविवार को आराम करते हैं, तो क्यों न आप भी इस दिन कुछ समय के लिए लोगों को प्रचार करें?
2. यहोवा के लोगों ने किन चुनौतियों का सामना किया ताकि वे रविवार को प्रचार कर सकें?
2 रविवार को प्रचार की चुनौती: सन् 1927 में यहोवा के लोगों को बढ़ावा दिया गया कि वे हर रविवार को अपना कुछ समय प्रचार में बिताएँ। लेकिन यह शुरू करते ही विरोध होने लगा। अमरीका में रविवार के सब्त के नियम को तोड़ने, शांति भंग करने और बिना लाइसेंस के साहित्य बेचने का इलज़ाम लगाकर कई भाई-बहनों को गिरफ्तार किया गया। लेकिन यहोवा के लोगों ने हिम्मत नहीं हारी। सन् 1930 के दौरान प्रचार का खास अभियान शुरू किया गया, जिसे “विभाजन अभियान” कहा गया। इसमें आस-पास की मंडलियों के प्रचारकों के बड़े-बड़े समूह बनाए जाते थे, जो मिलकर एक खास इलाके में प्रचार करते थे। जब कभी प्रचारकों को गिरफ्तार किया जाता, तो वे इतने सारे होते थे कि अधिकारी परेशान हो उठते थे। क्या आप उन भाई-बहनों के त्याग की कदर करते हैं, और क्या आप उनकी तरह जोश दिखाना चाहते हैं?
3. रविवार को प्रचार करना क्यों अच्छा होता है?
3 प्रचार के लिए सबसे बढ़िया दिन: रविवार के दिन छुट्टी की वजह से कई लोग घर में रहते हैं और अकसर फुरसत में होते हैं। चर्च जानेवाले कुछ लोग शायद इस दिन परमेश्वर के बारे में बात करना ज़्यादा पसंद करें। अगर हमारी सभा रविवार को होती है तो हम सभा के लिए वैसे भी तैयार होकर आते हैं, तो क्यों न सभा से पहले या बाद में प्रचार में भी जाने की योजना बनाएँ? ज़रूरत हो तो आप हल्का-फुल्का भोजन साथ ला सकते हैं।
4. अगर हम रविवार को प्रचार में कुछ समय बिताएँ तो हमें किस खुशी का अनुभव होगा?
4 रविवार के दिन अपना कुछ समय प्रचार में बिताने के बाद भी हमें आराम करने के लिए उतना वक्त मिलता है, जितना हमें चाहिए। और उस आराम से हमें बड़ी संतुष्टि मिलेगी क्योंकि हमने उस दिन परमेश्वर की सेवा में वक्त जो बिताया होगा। (नीति. 19:23) हो सकता है, हमें लुदिया जैसे किसी नेकदिल इंसान को खोज निकालने की भी खुशी मिले!