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  • 2 | ‘शास्त्र से दिलासा’ पाइए
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2023
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (जनता के लिए)—2023
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एक बुज़ुर्ग आदमी बाइबल में कुछ पढ़कर गहराई से सोच रहा है।

2 | ‘शास्त्र से दिलासा’ पाइए

पवित्र शास्त्र में लिखा है, “जो बातें पहले से लिखी गयी थीं, वे इसलिए लिखी गयीं कि हम उनसे सीखें और हमें धीरज धरने में मदद मिले और हम दिलासा पाएँ ताकि हमारे पास आशा हो।”​—रोमियों 15:4.

इसका क्या मतलब है?

जब हमारे मन में रह-रहकर बुरे खयाल आने लगें, तब बाइबल में लिखी बातें पढ़कर हमें दिलासा मिल सकता है और हम उन बुरे खयालों को अपने मन से निकाल सकते हैं। यही नहीं, बाइबल में यह आशा भी दी गयी है कि बहुत जल्द एक ऐसा वक्‍त आएगा जब डर, निराशा और चिंताएँ जैसी बुरी भावनाएँ नहीं रहेंगी।

क्या कदम उठाएँ?

हम सब कभी-कभी उदास या निराश हो जाते हैं। पर जिन लोगों को एंज़ाइटी या डिप्रेशन है, वे शायद हर रोज़ ऐसा महसूस करें। उन्हें बाइबल से कैसे मदद मिल सकती है?

  • बाइबल में ऐसी कई अच्छी-अच्छी बातें लिखी हैं, जिन्हें पढ़ने से हम बुरी बातों के बजाय अच्छी बातों पर अपना मन लगा पाएँगे। (फिलिप्पियों 4:8) इनसे हमें दिलासा और सुकून भी मिलता है जिससे हम अपनी भावनाओं पर काबू रख पाएँगे।​—भजन 94:18, 19.

  • कई बार शायद हम खुद को बेकार समझें, लेकिन बाइबल की मदद से हम अपनी यह सोच बदल सकते हैं।​—लूका 12:6, 7.

  • बाइबल की कई आयतों में हमें यकीन दिलाया गया है कि हम अकेले नहीं हैं। हमारा बनानेवाला परमेश्‍वर हमारे साथ है। वह हमारी भावनाएँ पूरी तरह समझता है।​—भजन 34:18; 1 यूहन्‍ना 3:19, 20.

  • बाइबल में बताया गया है कि परमेश्‍वर हमारी बुरी यादें हमेशा के लिए मिटा देगा। (यशायाह 65:17; प्रकाशितवाक्य 21:4) इस वादे से हमें ऐसी सोच और भावनाओं से लड़ने की हिम्मत मिल सकती है, जो हमें बार-बार परेशान करती हैं।

जैसिका को मिल रही है बाइबल से मदद

डिप्रेशन का मुझ पर असर

जैसिका सो रही है और उसके हाथ में एक बाइबल है जो खुली है।

“जब मैं 25 साल की थी, तो अचानक मेरे लिए हर दिन का काम करना मुश्‍किल हो गया। डॉक्टर के पास जाने पर मुझे पता चला कि मुझे गंभीर डिप्रेशन है। मेरी ज़िंदगी में कई बुरे हादसे हुए थे, जिनकी तसवीरें मेरी आँखों के सामने बार-बार आ जाती थीं। मैं चाहकर भी उन्हें नहीं भुला पा रही थी। डॉक्टरों ने मुझे समझाया कि इसी वजह से मैं बुरा सोचने लगी हूँ और इसलिए मुझे डिप्रेशन है। मैं इसके लिए दवाइयाँ लेने लगी। इसके अलावा, मुझे लगातार एक डॉक्टर से बात करने की ज़रूरत थी ताकि मैं जान सकूँ कि मेरी कौन-सी सोच गलत है और मैं उस तरह सोचना बंद कर सकूँ।”

बाइबल से मिल रही मुझे मदद

“जब मुझे बहुत ज़्यादा डिप्रेशन था, तो मुझे पैनिक अटैक (बहुत ही ज़्यादा घबराहट) होते थे, मैं हद-से-ज़्यादा चिंता करती थी और बिलकुल भी नहीं सो पाती थी। अकसर रात को मेरे दिमाग में इतने सारे बुरे खयाल घूमने लगते हैं कि मेरा हाल बेहाल हो जाता है। पर जैसे भजन 94:19 में बताया गया है, जब चिंताएँ हम पर हावी होती हैं तो परमेश्‍वर हमें दिलासा दे सकता है, सुकून दे सकता है। इसलिए मैं हमेशा अपनी बाइबल और एक नोटबुक अपने बिस्तर के पास रखती हूँ, जिसमें हौसला देनेवाली आयतें लिखी हैं। जब भी मुझे नींद नहीं आती, मैं बाइबल की कुछ आयतें पढ़ लेती हूँ। इस तरह जब मैं परमेश्‍वर की बातों पर सोचती हूँ तो मेरा बेचैन मन शांत हो जाता है।

बाइबल पढ़ने से हम अपनी सोच भी बदल पाते हैं। जैसे, पहले मेरा मानना था कि मैं एकदम बेकार हूँ, कोई कभी मुझसे प्यार नहीं कर सकता। लेकिन बाद में मैंने जाना कि ऐसी सोच रखना बाइबल के मुताबिक गलत है। उसमें बताया गया है कि यहोवा प्यार करनेवाला परमेश्‍वर है और करुणा से भरा है। वह एक पिता की तरह हममें से हरेक की परवाह करता है। धीरे-धीरे मैं खुद को गलत बातें सोचने से रोक पायी। मैं खुद को याद दिलाने लगी कि मैं यहोवा की नज़र में अनमोल हूँ। यह एक बहुत बड़ा कदम था जिससे मैं खुद के बारे में अपना नज़रिया बदल पायी।

मुझे उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार है जब कोई भी मानसिक बीमारी नहीं रहेगी। मेरे मन में दोबारा बुरे-बुरे खयाल नहीं आएँगे और मैं फिर कभी डर, निराशा, चिंताओं से घिरी नहीं रहूँगी। इसी आशा से मुझे आज अपनी बीमारी से लड़ने की हिम्मत मिलती है। मुझे यकीन है कि मेरी यह लड़ाई ज़रूर खत्म होगी।”

कुछ और सुझाव:

अक्टूबर-दिसंबर 2009 की सजग होइए!  में दिया लेख, “‘दिलासा देनेवाले परमेश्‍वर’ से मदद” पढ़ें। यह लेख jw.org पर उपलब्ध है।

jw.org पर बाइबल में भजन नाम की किताब की ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनें।

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