47 इसके बाद वह मुझे वापस मंदिर के प्रवेश पर ले गया।+ वहाँ मैंने देखा कि मंदिर की दहलीज़ के नीचे से पानी की एक धारा बहती हुई पूरब की तरफ जा रही है,+ क्योंकि मंदिर के आगे का हिस्सा पूरब की तरफ था। पानी की यह धारा मंदिर की दहलीज़ के नीचे से दायीं तरफ और वेदी के दक्षिण की तरफ बह रही थी।