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यिर्मयाह का सारांश

      • मोआब के खिलाफ भविष्यवाणी (1-47)

यिर्मयाह 48:1

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    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 5/2017, पेज 4

यिर्मयाह 48:14

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फुटनोट

  • *

    या शायद, “सूखी ज़मीन पर।”

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यिर्मयाह 48:25

फुटनोट

  • *

    या “ताकत।”

यिर्मयाह 48:26

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यिर्मयाह 48:36

फुटनोट

  • *

    यानी किसी की मौत पर मातम में बजायी जानेवाली बाँसुरी।

  • *

    या “होहल्ला मचाएगा।”

  • *

    यानी किसी की मौत पर मातम में बजायी जानेवाली बाँसुरी।

  • *

    या “होहल्ला मचाएगा।”

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यिर्म. 48:21गि 21:23; यश 15:4
यिर्म. 48:21यह 13:15, 18
यिर्म. 48:22गि 32:34
यिर्म. 48:22गि 32:3, 4
यिर्म. 48:23गि 32:37; यिर्म 48:1
यिर्म. 48:23गि 32:37, 38; यह 13:15, 17; यहे 25:9
यिर्म. 48:24आम 2:2
यिर्म. 48:26यिर्म 25:15, 16
यिर्म. 48:26यिर्म 48:42
यिर्म. 48:27विल 2:15; सप 2:8
यिर्म. 48:29यश 16:6; 25:10, 11; सप 2:9, 10
यिर्म. 48:312रा 3:24, 25; यश 16:7
यिर्म. 48:32गि 32:37, 38; यह 13:15, 19
यिर्म. 48:32गि 21:32; 32:34, 35; यह 21:8, 39
यिर्म. 48:32यश 16:8, 9; यिर्म 48:8
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यिर्म. 48:34गि 32:37; यश 16:9
यिर्म. 48:34गि 21:23
यिर्म. 48:34यिर्म 48:2, 3
यिर्म. 48:34यश 15:4-6
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यिर्म. 48:42यिर्म 48:29
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यिर्म. 48:45गि 24:17; आम 2:2
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
यिर्मयाह 48:1-47

यिर्मयाह

48 मोआब+ के बारे में सेनाओं का परमेश्‍वर और इसराएल का परमेश्‍वर यहोवा कहता है,

“हाय, नबो+ का कितना बुरा हुआ है! उसे नाश किया गया है!

किरयातैम+ को शर्मिंदा किया गया है, उस पर कब्ज़ा कर लिया गया है।

ऊँचे गढ़ को शर्मिंदा किया गया है, उसे चूर-चूर किया गया है।+

 2 मोआब की अब और बड़ाई नहीं होती।

हेशबोन+ में दुश्‍मनों ने उसे गिराने की साज़िश रची है:

‘आओ, हम उस राष्ट्र को मिटा दें।’

हे मदमेन, तू भी चुप रह

क्योंकि तलवार तेरा पीछा कर रही है।

 3 होरोनैम+ से चीख-पुकार सुनायी दे रही है,

नाश और बड़ी तबाही का शोर सुनायी दे रहा है।

 4 मोआब नाश कर दी गयी है।

उसके बच्चे चिल्ला रहे हैं।

 5 वे रोते हुए लूहीत की चढ़ाई चढ़ रहे हैं।

होरोनैम से नीचे उतरते वक्‍त उन्हें विनाश का हाहाकार सुनायी दे रहा है।+

 6 भागो! अपनी जान बचाकर भागो!

तुम वीराने के सनोवर जैसे बन जाओगे।

 7 तुम अपने कामों और खज़ानों पर भरोसा रखते हो,

इसलिए तुम पर भी कब्ज़ा कर लिया जाएगा।

कमोश+ बँधुआई में चला जाएगा,

उसके साथ-साथ उसके पुजारी और हाकिम भी जाएँगे।

 8 नाश करनेवाला हर शहर पर हमला करेगा,

एक भी शहर नहीं बचेगा।+

घाटी नाश हो जाएगी,

पठारी इलाका मिट जाएगा, ठीक जैसे यहोवा ने कहा है।

 9 मोआब को रास्ता दिखानेवाली निशानी खड़ी करो,

क्योंकि जब वह नाश होकर खंडहर बन जाएगी तो उसके लोग भागेंगे,

उसके शहरों का ऐसा हश्र होगा कि देखनेवालों का दिल दहल जाएगा,

उनमें एक भी निवासी नहीं रहेगा।+

10 शापित है वह जो यहोवा का दिया काम करने में ढिलाई बरतता है!

शापित है वह जो अपनी तलवार को खून बहाने से रोकता है!

11 मोआबी लोगों को उनके बचपन से किसी ने हाथ नहीं लगाया है,

उस दाख-मदिरा की तरह जिसके नीचे मैल जम गया है।

उन्हें एक बरतन से दूसरे बरतन में नहीं उँडेला गया

और वे कभी बँधुआई में नहीं गए।

इसलिए उनका स्वाद वैसे-का-वैसा ही है

और उनकी गंध नहीं बदली है।

12 यहोवा ऐलान करता है, ‘इसलिए देख! वे दिन आ रहे हैं जब मैं उन्हें पलटने के लिए आदमी भेजूँगा। वे उन्हें पलट देंगे और उनके बरतन खाली कर देंगे और बड़े-बड़े मटके चूर-चूर कर देंगे। 13 मोआबियों को कमोश की वजह से शर्मिंदा होना पड़ेगा, जैसे इसराएल का घराना बेतेल की वजह से शर्मिंदा है, जिस पर उसे भरोसा था।+

14 तुमने यह कहने की हिम्मत कैसे की, “हम वीर योद्धा हैं, युद्ध के लिए तैयार हैं”?’+

15 वह राजा, जिसका नाम सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा है, ऐलान करता है,+

‘मोआब नाश कर दिया गया है,

दुश्‍मन उसके शहरों में घुस गए हैं,+

उसके सबसे काबिल जवानों का कत्ल कर दिया गया है।’+

16 मोआबियों पर बहुत जल्द मुसीबत आनेवाली है,

उनके गिरने का समय तेज़ी से पास आ रहा है।+

17 उनके आस-पासवालों और उनका नाम जाननेवालों को

उनके साथ हमदर्दी जतानी होगी।

उनसे कहो, ‘हाय, यह ताकतवर छड़ी, गौरवशाली लाठी कैसे तोड़ दी गयी है!’

18 दीबोन+ में रहनेवाली बेटी,

तू शोहरत की बुलंदियों से नीचे आ, प्यासी* बैठी रह,

क्योंकि मोआब को नाश करनेवाला तुझ पर हमला करने आ गया है,

वह तेरी किलेबंद जगहों को नाश कर देगा।+

19 अरोएर+ के रहनेवाले, सड़क किनारे खड़े होकर नज़र रख,

भागनेवाले आदमी और बचकर निकलनेवाली औरत से पूछ, ‘क्या हुआ?’

20 मोआब को शर्मिंदा किया गया है, उस पर खौफ छा गया है।

ज़ोर-ज़ोर से रोओ और चिल्लाओ।

अरनोन+ में ऐलान करो कि मोआब को नाश कर दिया गया है।

21 पठारी इलाके की इन जगहों को सज़ा सुनायी गयी है:+ होलोन, यहस+ और मेपात,+ 22 दीबोन,+ नबो+ और बेत-दिबलातैम, 23 किरयातैम,+ बेत-गामूल और बेत-मोन,+ 24 करियोत+ और बोसरा और मोआब देश के सभी शहर, फिर चाहे वे पास के हों या दूर के।

25 यहोवा ऐलान करता है, ‘मोआब का सींग* काट दिया गया है,

उसका बाज़ू तोड़ दिया गया है।’

26 ‘उसे खूब मदिरा पिलाकर मदहोश कर दो+ क्योंकि उसने यहोवा के खिलाफ जाकर खुद को ऊँचा किया है।+

मोआब अपनी उलटी में लोटता है,

उसकी खिल्ली उड़ायी जा रही है।

27 क्या तूने इसराएल की खिल्ली नहीं उड़ायी थी?+

क्या वह चोरों के बीच पकड़ा गया था,

जो तूने उसे नीचा दिखाते हुए सिर हिलाया और उसके खिलाफ बातें कीं?

28 मोआब के निवासियो, उसके शहर छोड़ दो और चट्टान पर जाकर रहो,

फाख्ते की तरह बन जाओ जो तंग घाटी के किनारों पर घोंसला बनाती है।’”

29 “हमने मोआब के घमंड के बारे में सुना है, वह कितना मगरूर है,

वह हेकड़ीबाज़, घमंडी और मगरूर है, उसका मन घमंड से फूल गया है।”+

30 “यहोवा ऐलान करता है, ‘मैं उसका क्रोध जानता हूँ,

मगर उसकी खोखली बातें बेकार साबित होंगी।

वे कुछ नहीं करेंगे।

31 इसीलिए मैं मोआब के लिए बिलख-बिलखकर रोऊँगा,

पूरे मोआब के लिए चिल्ला-चिल्लाकर रोऊँगा,

कीर-हेरेस के लोगों के लिए मातम मनाऊँगा।+

32 हे सिबमा+ के अंगूर की बेल, मैं याजेर+ के लिए जितना रोया,

उससे कहीं ज़्यादा तेरे लिए रोऊँगा।

तेरी फलती-फूलती डालियाँ समुंदर पार तक फैल गयी हैं,

समुंदर तक, याजेर तक पहुँच गयी हैं।

नाश करनेवाला तेरे गरमियों के फलों और

तेरे अंगूर की फसलों पर टूट पड़ा है।+

33 तेरे बाग और मोआब देश से खुशियाँ छीन ली गयी हैं,

वहाँ जश्‍न मनाना बंद कर दिया गया है।+

मैंने तेरे अंगूर रौंदने के हौद से दाख-मदिरा का बहना बंद करा दिया है।

अब से कोई खुशी से चिल्लाता हुआ अंगूर नहीं रौंदेगा।

अब उनका चिल्लाना कुछ और ही चिल्लाना होगा।’”+

34 “‘हेशबोन+ से एलाले+ तक चीख-पुकार सुनायी दे रही है।

वे इतनी ज़ोर से चिल्लाते हैं कि यहस+ तक सुनायी देता है,

सोआर से होरोनैम+ और एगलत-शलिशीयाह तक सुनायी देता है।

निमरीम की धाराएँ भी सूख जाएँगी।’+

35 यहोवा ऐलान करता है, ‘मैं मोआब का ऐसा हाल कर दूँगा

कि वहाँ न तो ऊँची जगह पर चढ़ावा अर्पित करनेवाला कोई होगा,

न ही अपने देवता के लिए बलिदान चढ़ानेवाला कोई होगा।

36 इसलिए मेरा दिल एक बाँसुरी* की तरह मोआब के लिए रोएगा,*+

मेरा दिल एक बाँसुरी* की तरह कीर-हेरेस के लोगों के लिए रोएगा।*

क्योंकि उनकी पैदा की हुई दौलत नाश हो जाएगी।

37 हर किसी का सिर मुँड़ा हुआ है,+

दाढ़ी कटी हुई है।

हर किसी का हाथ चिरा हुआ है+

और उनकी कमर पर टाट बँधा हुआ है!’”+

38 “यहोवा ऐलान करता है, ‘मोआब की सभी छतों पर,

उसके सभी चौकों पर, रोने-बिलखने के सिवा कुछ नहीं है।

क्योंकि मैंने मोआब को ऐसे घड़े की तरह चूर-चूर कर दिया है,

जो किसी काम का नहीं।’

39 ‘देखो, वह कितना घबराया हुआ है! ज़ोर-ज़ोर से रोओ!

मोआब ने शर्म से अपनी पीठ फेर ली है!

मोआब मज़ाक बन गया है,

उसका ऐसा हश्र हुआ कि आस-पास के देखनेवाले डर गए हैं।’”

40 “यहोवा कहता है,

‘देखो! जैसे एक उकाब शिकार पर झपटता है,+

वैसे ही वह अपना पंख फैलाकर मोआब पर टूट पड़ेगा।+

41 उसके नगरों को जीत लिया जाएगा,

उसके मज़बूत गढ़ों पर कब्ज़ा कर लिया जाएगा।

उस दिन मोआब के योद्धाओं का दिल डर से ऐसे काँपेगा,

जैसे बच्चा जननेवाली औरत का दिल काँपता है।’”

42 “‘मोआब को ऐसे नाश कर दिया जाएगा कि वह एक राष्ट्र नहीं रहेगा,+

क्योंकि उसने यहोवा के खिलाफ जाकर खुद को ऊँचा किया।’+

43 यहोवा ऐलान करता है, ‘हे मोआब के निवासी,

तेरे आगे खौफ, गड्‌ढा और फंदा है।’

44 यहोवा ऐलान करता है, ‘जो कोई खौफ से भागेगा वह गड्‌ढे में जा गिरेगा,

गड्‌ढे से निकलकर जो ऊपर आएगा वह फंदे में फँस जाएगा।

क्योंकि वह साल आ रहा है जब मैं मोआब के लोगों को सज़ा दूँगा।’

45 ‘भागनेवाले, हेशबोन की परछाईं में लाचार खड़े रहेंगे।

क्योंकि हेशबोन से आग निकलेगी,

सीहोन के बीच से ज्वाला भड़केगी।+

यह आग मोआब का माथा जला देगी,

हुल्लड़ मचानेवालों की खोपड़ी जला देगी।’+

46 ‘हे मोआब, तेरा कितना बुरा हुआ!

कमोश के लोग नाश हो गए।+

तेरे बेटे बंदी बना लिए गए

और तेरी बेटियाँ बँधुआई में चली गयीं।+

47 मगर मैं आखिरी दिनों में मोआब के बंदी लोगों को इकट्ठा करूँगा।’ यहोवा का यह ऐलान है।

‘इसी से मोआब के लिए न्याय का संदेश खत्म होता है।’”+

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