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गलातियों का सारांश

      • अब गुलाम नहीं, बेटे हैं (1-7)

      • गलातियों के लिए पौलुस की फिक्र (8-20)

      • हाजिरा और सारा; दो करार (21-31)

        • ऊपर की यरूशलेम आज़ाद है, हमारी माँ है (26)

गलातियों 4:3

संबंधित आयतें

  • +कुल 2:8, 20-22

गलातियों 4:4

संबंधित आयतें

  • +यूह 1:14; इब्र 2:14
  • +मत 5:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/1998, पेज 13-14

गलातियों 4:5

संबंधित आयतें

  • +1कुर 7:23; गल 3:13
  • +यूह 1:12; रोम 8:23

गलातियों 4:6

फुटनोट

  • *

    यह इब्रानी या अरामी भाषा का शब्द है जिसका मतलब है, “हे पिता!”

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:26
  • +रोम 5:5
  • +रोम 8:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    6/2019, पेज 1-2

गलातियों 4:7

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:17; गल 3:29; इफ 1:13, 14

गलातियों 4:9

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:3; इब्र 7:18, 19
  • +कुल 2:20-22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2018, पेज 8-9

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2013, पेज 13-14

गलातियों 4:10

संबंधित आयतें

  • +कुल 2:16

गलातियों 4:12

संबंधित आयतें

  • +गल 1:14

गलातियों 4:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 88-89

गलातियों 4:14

फुटनोट

  • *

    या “न ही मुझ पर थूका।”

गलातियों 4:15

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 23:5; गल 6:11

गलातियों 4:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2001, पेज 32

गलातियों 4:19

फुटनोट

  • *

    या “आकार नहीं लेता।”

संबंधित आयतें

  • +1कुर 4:15; 1थि 2:11; फिले 10

गलातियों 4:22

संबंधित आयतें

  • +उत 16:15
  • +उत 21:2, 3

गलातियों 4:23

संबंधित आयतें

  • +उत 16:1, 2
  • +उत 17:15, 16

गलातियों 4:24

फुटनोट

  • *

    या “यह एक लाक्षणिक नाटक है।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:20; 24:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2014, पेज 10

गलातियों 4:25

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:18

गलातियों 4:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2015, पेज 17-18

    यशायाह की भविष्यवाणी-II, पेज 216

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 117

गलातियों 4:27

संबंधित आयतें

  • +यश 54:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2006, पेज 11

    8/1/1995, पेज 11

गलातियों 4:28

संबंधित आयतें

  • +रोम 9:8; गल 3:29

गलातियों 4:29

संबंधित आयतें

  • +उत 21:9
  • +गल 5:11; 2ती 3:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2006, पेज 11-12

    8/15/2001, पेज 26

    युवाओं के प्रश्‍न, पेज 151

गलातियों 4:30

संबंधित आयतें

  • +उत 21:10

गलातियों 4:31

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2015, पेज 17-18

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

गला. 4:3कुल 2:8, 20-22
गला. 4:4यूह 1:14; इब्र 2:14
गला. 4:4मत 5:17
गला. 4:51कुर 7:23; गल 3:13
गला. 4:5यूह 1:12; रोम 8:23
गला. 4:6यूह 14:26
गला. 4:6रोम 5:5
गला. 4:6रोम 8:15
गला. 4:7रोम 8:17; गल 3:29; इफ 1:13, 14
गला. 4:9रोम 8:3; इब्र 7:18, 19
गला. 4:9कुल 2:20-22
गला. 4:10कुल 2:16
गला. 4:12गल 1:14
गला. 4:15प्रेष 23:5; गल 6:11
गला. 4:191कुर 4:15; 1थि 2:11; फिले 10
गला. 4:22उत 16:15
गला. 4:22उत 21:2, 3
गला. 4:23उत 16:1, 2
गला. 4:23उत 17:15, 16
गला. 4:24निर्ग 19:20; 24:12
गला. 4:25निर्ग 19:18
गला. 4:27यश 54:1
गला. 4:28रोम 9:8; गल 3:29
गला. 4:29उत 21:9
गला. 4:29गल 5:11; 2ती 3:12
गला. 4:30उत 21:10
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
गलातियों 4:1-31

गलातियों के नाम चिट्ठी

4 लेकिन मैं यह कहता हूँ कि जब तक वारिस बच्चा रहता है, उसमें और गुलाम में कोई फर्क नहीं होता इसके बावजूद कि वह सब चीज़ों का मालिक है। 2 वह अपने पिता के ठहराए दिन तक निगरानी करनेवालों और प्रबंधकों के अधीन रहता है। 3 उसी तरह, हम भी जब बच्चे थे तो दुनिया की मामूली बातों के गुलाम थे।+ 4 मगर जब वक्‍त पूरा हुआ तो परमेश्‍वर ने अपना बेटा भेजा जो एक औरत से पैदा हुआ+ और जो कानून के अधीन था।+ 5 परमेश्‍वर ने यह इसलिए किया कि जो कानून के अधीन हैं उन्हें खरीदकर छुड़ा सके+ और हमें बेटों के नाते गोद ले सके।+

6 तुम बेटे हो इसलिए परमेश्‍वर ने वही पवित्र शक्‍ति जो उसके बेटे को दी गयी थी,+ हमारे दिलों में भेजी है+ और यह “अब्बा,* पिता!” पुकारती है।+ 7 तो अब तुम गुलाम नहीं रहे बल्कि बेटे हो। और अगर बेटे हो तो परमेश्‍वर ने तुम्हें वारिस भी बनाया है।+

8 जब तुम परमेश्‍वर को नहीं जानते थे, तब तुम उनकी गुलामी करते थे जो ईश्‍वर हैं ही नहीं। 9 मगर अब जब तुम परमेश्‍वर को जान गए हो या यूँ कहें कि अब परमेश्‍वर तुम्हें जानता है, तो फिर तुम क्यों दुनिया की उन मामूली बातों की तरफ मुड़ रहे हो जो गयी-गुज़री और बेकार हैं+ और क्यों दोबारा उनकी गुलामी करना चाहते हो?+ 10 तुम बड़े ध्यान से खास दिन, महीने, समय और साल मनाते हो।+ 11 मुझे डर है कि मैंने तुम्हारे लिए जो कड़ी मेहनत की है, वह बेकार तो नहीं गयी।

12 भाइयो, मैं भी पहले वैसा ही था जैसे आज तुम हो। मगर मैं अब वैसा नहीं हूँ और तुमसे बिनती करता हूँ कि तुम भी मेरे जैसे बनो।+ तुमने मेरे साथ कुछ बुरा नहीं किया था। 13 मगर तुम जानते हो कि अपनी बीमारी की वजह से मुझे पहली बार तुम्हें खुशखबरी सुनाने का मौका मिला था। 14 और हालाँकि मेरी बीमारी तुम्हारे लिए एक परीक्षा थी फिर भी तुमने मुझे तुच्छ नहीं समझा, न ही मुझसे घिन की।* मगर तुमने मुझे परमेश्‍वर के एक स्वर्गदूत की तरह बल्कि मसीह यीशु की तरह स्वीकार किया। 15 अब तुम्हारी वह खुशी कहाँ चली गयी? मैं इस बात का गवाह हूँ कि अगर मुमकिन होता तो तुमने अपनी आँखें निकालकर मुझे दे दी होतीं।+ 16 क्या अब मैं तुम्हारा दुश्‍मन बन गया हूँ क्योंकि मैं सच बोल रहा हूँ? 17 वे तुम्हारा दिल जीतने की पूरी कोशिश कर रहे हैं मगर उनके इरादे नेक नहीं हैं। वे तुम्हें मुझसे दूर करना चाहते हैं ताकि तुम बड़े जोश के साथ उनके पीछे हो जाओ। 18 अगर कोई नेक इरादे से तुम्हारा दिल जीतने की कोशिश करे तो यह अच्छी बात है। वे ऐसा न सिर्फ उस समय करें जब मैं तुम्हारे बीच होता हूँ बल्कि हमेशा करें। 19 मेरे प्यारे बच्चो,+ जब तक मसीह तुम्हारे अंदर तैयार नहीं हो जाता,* तब तक मुझे तुम्हारे लिए फिर से प्रसव-पीड़ा होती रहेगी। 20 काश! मैं अभी तुम्हारे पास होता और तुमसे प्यार से बात करता क्योंकि मैं तुम्हारी वजह से बड़ी उलझन में हूँ।

21 तुम जो कानून के अधीन होना चाहते हो, मुझे बताओ कि क्या तुमने नहीं सुना कि कानून क्या कहता है? 22 मिसाल के लिए, लिखा है कि अब्राहम के दो बेटे हुए थे, एक दासी से+ और दूसरा आज़ाद औरत से।+ 23 मगर जो दासी से था वह स्वाभाविक तौर पर पैदा हुआ+ और दूसरा आज़ाद औरत से वादे के मुताबिक पैदा हुआ।+ 24 इन बातों के पीछे एक मतलब छिपा है।* इन दो औरतों का मतलब दो करार हैं। एक सीनै पहाड़+ पर किया गया था जो गुलामी करने के लिए बच्चे पैदा करता है और यह हाजिरा है। 25 हाजिरा मानो अरब का सीनै पहाड़ है+ और आज की यरूशलेम के समान है क्योंकि यरूशलेम अपने बच्चों समेत गुलाम है। 26 मगर ऊपर की यरूशलेम आज़ाद है और वह हमारी माँ है।

27 क्योंकि लिखा है, “हे बाँझ औरत, तू जिसके बच्चे नहीं होते, खुशियाँ मना। तू जिसे बच्चा जनने की पीड़ा नहीं हुई, खुशी से जयजयकार कर। क्योंकि छोड़ी हुई औरत के बच्चे उस औरत के बच्चों से ज़्यादा हैं, जिसका पति उसके साथ है।”+ 28 भाइयो, तुम भी इसहाक की तरह वे बच्चे हो जो वादे के मुताबिक पैदा हुए हैं।+ 29 मगर जिस तरह स्वाभाविक तरीके से पैदा होनेवाला, पवित्र शक्‍ति से पैदा होनेवाले पर ज़ुल्म करने लगा,+ वैसा ही आज है।+ 30 मगर शास्त्र क्या कहता है? “इस दासी और इसके लड़के को घर से निकाल दे क्योंकि दासी का लड़का आज़ाद औरत के बेटे के साथ वारिस हरगिज़ नहीं बनेगा।”+ 31 इसलिए भाइयो, हम दासी के नहीं बल्कि आज़ाद औरत के बच्चे हैं।

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