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सुझाव 1 सोच-समझकर खाइए

“अपनी खुराक सीमित रखिए और ज़्यादातर हरी सब्ज़ियाँ खाइए।” इन चंद शब्दों में लेखक माइकल पॉलन ने खान-पान के मामले में आज़माया हुआ और एक आसान-सा नुस्खा दिया। आखिर उनके कहने का मतलब क्या है?

❍ ताज़ा खाना खाइए। आजकल बाज़ार में डिब्बाबंद खाना आसानी से उपलब्ध है, उसके बजाय “असल” खाने पर ज़ोर दीजिए, यानी ताज़ा और पौष्टिक खाना, जिसका लोग सदियों से मज़ा लेते आए हैं। डिब्बाबंद खाने और रेस्तराँ के फास्ट-फूड में अकसर चीनी, नमक और चिकनाई बहुत ज़्यादा होती है, जिससे दिल की बीमारी, स्ट्रोक, कैंसर और दूसरी गंभीर बीमारियाँ होने का खतरा रहता है। अच्छा होगा कि तलने के बजाय आप खाना भाप या तंदूर में, या सेककर पकाएँ। नमक कम करने के लिए मसाले या धनिए-पुदीने जैसी पत्तियों का इस्तेमाल कीजिए। माँस-मछली को अच्छी तरह पकाकर खाइए और खराब हो चुका खाना कभी मत खाइए।

❍ हद-से-ज़्यादा मत खाइए। विश्‍व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट बताती है कि पूरी दुनिया में मोटे और ऐसे लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है, जिनका वज़न ज़रूरत से ज़्यादा है। अकसर ऐसा हद-से-ज़्यादा खाना खाने की वजह से होता है। एक अध्ययन में पता चला कि अफ्रीका की कुछ जगहों में “बच्चों में कुपोषण की बीमारी इतनी नहीं है, जितनी कि हद-से-ज़्यादा वज़न की।” मोटे बच्चों को कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे कि डायबिटीज़ (मधुमेह)। माता-पिताओ, खाने के मामले में काबू रखकर अपने बच्चों के लिए एक अच्छी मिसाल रखिए।

❍ हरी सब्ज़ियाँ खूब खाइए। माँस-मछली और स्टार्चवाली चीज़ों के बजाय संतुलित आहार खाइए जिसमें फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज होता है। हफ्ते में एक या दो बार माँस की जगह मछली खाइए। पास्ता, ब्रेड (डबल रोटी) और सफेद चावल जैसी चीज़ों का कम सेवन कीजिए, क्योंकि इनके ज़्यादातर पौष्टिक तत्व नष्ट हो चुके होते हैं। और ऐसी चीज़ों से तो बिलकुल दूर रहिए जो खाने में बड़ी स्वादिष्ट लगती हैं लेकिन सेहत के लिए नुकसानदेह होती हैं। माता-पिताओ, अपने बच्चों में सेहतमंद चीज़ों का स्वाद पैदा कीजिए, इस तरह आप अपने बच्चों की सेहत का खयाल रख रहे होंगे। जैसे उन्हें चिप्स या मिठाइयों की बजाए सूखे मेवे और अच्छी तरह धुले ताज़ा फल और सब्ज़ियाँ खिलाइए।

❍ तरल पदार्थ खूब पीजिए। बच्चों और बड़ों को हर दिन पानी या ऐसे तरल पदार्थ खूब पीने चाहिए, जिनमें शक्कर नहीं होती। गर्मी के मौसम में, मेहनतवाला काम करते वक्‍त और कसरत करते वक्‍त और भी ज़्यादा तरल पदार्थ पीना चाहिए। इससे भोजन आसानी से पच जाता है, शरीर से ज़हरीले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, त्वचा स्वस्थ रहती है और वज़न कम करने में मदद मिलती है। खूब सारा पानी पीने से आपको अपने आपमें अच्छा महसूस होगा। हद-से-ज़्यादा शराब और मीठे तरल पदार्थ मत पीजिए। अगर आप हर दिन सिर्फ एक गिलास सॉफ्ट ड्रिंक भी पीते हैं, तो एक साल में आपका वज़न करीब 7 किलो बढ़ सकता है।

कुछ देशों में साफ पानी मुश्‍किल से मिलता है और मिलता भी है तो बहुत महँगा होता है। फिर भी, पानी पीना बेहद ज़रूरी है। अगर पानी साफ नहीं है तो दवाई डालकर या उबालकर ही पानी पीना चाहिए। कहा जाता है कि युद्ध या भूकंप में इतने ज़्यादा लोगों की मौत नहीं होती जितनी दूषित पानी पीने से होती है। गंदे पानी की वजह से हर दिन लगभग 4,000 बच्चे मर जाते हैं। विश्‍व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि नवजात शिशुओं को शुरूआती छ: महीने तक केवल माँ का दूध पिलाना चाहिए। इसके बाद कम-से-कम दो साल तक माँ के दूध के साथ कुछ ठोस आहार भी खिलाना चाहिए। (g11-E 03)

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