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  • सुननेवालों का हौसला बढ़ाकर उन्हें मज़बूत कीजिए
    परमेश्‍वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए
    • यहोवा वाकई उनकी परवाह करता है और वह उनकी मदद करेगा, फिर चाहे वे कैसी भी परीक्षाओं से क्यों न गुज़रें।—यशा. 41:10, 13; 1 पत. 5:7.

      आज यहोवा जो कर रहा है, उसमें खुश होइए। अपने भाइयों का हौसला बढ़ाते वक्‍त, उनका ध्यान इस बात की तरफ दिलाइए कि आज यहोवा क्या कर रहा है। इस बारे में बात करते वक्‍त अगर आप अपनी खुशी ज़ाहिर करेंगे, तो आपकी खुशी देखकर सुननेवालों के दिल में भी ज़रूर उन कामों के लिए खुशी पैदा होगी।

      ध्यान दीजिए कि जीवन में आनेवाली समस्याओं को सहने और उनका अच्छी तरह सामना करने में यहोवा कैसे हमारी मदद करता है। वह हमें जीने का सबसे बेहतरीन तरीका सिखाता है। (यशा. 30:21) वह हमें समझाता है कि संसार में हो रहे अपराध, अन्याय, गरीबी, बीमारी और मौत की वजह क्या है। साथ ही, वह हमें यह भी बताता है कि वह कैसे इन सारे दुःखों को मिटा डालेगा। यहोवा ने हमें भाइयों की ऐसी बिरादरी दी है जिसमें सभी भाई-बहन एक-दूसरे से प्यार करते हैं। उसने हमें प्रार्थना का अनमोल वरदान दिया है। उसने हमें उसके साक्षी होने का गौरव दिया है। उसने हमारे मन की आँखें खोल दी हैं ताकि हम देख सकें कि मसीह, स्वर्ग में विराजमान है और इस पुराने संसार के अंतिम दिन बस खत्म होनेवाले हैं।—प्रका. 12:1-12.

      इन सारी आशीषों के अलावा, यहोवा ने हमारे लिए कलीसिया की सभाओं, सम्मेलनों और अधिवेशनों का भी इंतज़ाम किया है। यहोवा के इन इंतज़ामों के बारे में दूसरों से बात करते वक्‍त, उनके लिए सच्ची कदरदानी ज़ाहिर कीजिए। तब आप दूसरों का यह इरादा मज़बूत कर पाएँगे कि उन्हें अपने भाइयों के साथ इकट्ठा होने की बात को कभी-भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।—इब्रा. 10:23-25.

      यहोवा ने हमारे प्रचार काम पर जो आशीषें दी हैं, उनके बारे में अच्छी रिपोर्ट बताकर भी दूसरों का हौसला बढ़ाया जा सकता है। पहली सदी में, जब पौलुस और बरनबास, यरूशलेम की तरफ जा रहे थे, तब उन्होंने सब भाइयों को पूरी जानकारी दी कि अन्यजाति के लोग कैसे मसीही बने हैं। ये रिपोर्टें बताकर उन्होंने “भाइयों को बहुत आनन्दित किया।” (प्रेरि. 15:3) आप भी अपने भाइयों को अच्छे अनुभव बताकर उनको आनंदित कर सकते हैं।

      इसके अलावा, अगर आप दूसरों को बताएँगे कि वे जो कर रहे हैं, वह क्या मायने रखता है, तो उन्हें काफी हिम्मत मिलेगी। वे मसीही सेवा में जितना भाग लेते हैं, उसके लिए उनकी सराहना कीजिए। जो लोग बुढ़ापे और बीमारी की वजह से बहुत कम सेवा कर पाते हैं, फिर भी पूरी वफादारी के साथ धीरज धर रहे हैं, उनकी तारीफ कीजिए। उन्हें याद दिलाइए कि उन्होंने यहोवा के नाम की खातिर जो मेहनत की है, उसे यहोवा कभी नहीं भूलेगा। (इब्रा. 6:10) हमारे भाइयों को इस बात की याद दिलाने की ज़रूरत है कि परीक्षाओं में भी टिकनेवाला विश्‍वास, एक अनमोल धन है।—1 पत. 1:6, 7.

      भविष्य की आशा के बारे में यकीन के साथ बोलिए। परमेश्‍वर ने भविष्य के लिए जो वादे किए हैं, खासकर उनके ज़रिए परमेश्‍वर से प्रेम करनेवालों का हौसला मज़बूत होता है। आपके सुननेवालों में से ज़्यादातर ने इन वादों के बारे में शायद कई बार सुना होगा। फिर भी, इन वादों के बारे में बात करते वक्‍त, आप जो कदरदानी ज़ाहिर करेंगे उससे आप इनमें जान डाल सकते हैं, इनके पूरा होने का यकीन दिला सकते हैं, साथ ही इन वादों के लिए उनका दिल एहसानमंदी की भावना से भर सकता है। परमेश्‍वर की सेवा स्कूल से मिली तालीम को अमल में लाने से, आप इस तरीके से बात कर पाएँगे।

      अपने लोगों का हौसला बढ़ाने और उन्हें मज़बूत करने में यहोवा ने सबसे बेहतरीन मिसाल कायम की है। लेकिन आप भी उसके लोगों का हौसला बढ़ाने और उन्हें मज़बूत करने में हिस्सा ले सकते हैं। जब कभी आप, कलीसिया के सामने बात करते हैं, तो हौसला बढ़ाने के इस मौके का अच्छा इस्तेमाल कीजिए।

  • लगातार तरक्की करते रहिए
    परमेश्‍वर की सेवा स्कूल से फायदा उठाइए
    • लगातार तरक्की करते रहिए

      क्या आपने इस स्कूल में, सलाह पर्चे पर दिए हर मुद्दे पर काम किया है? क्या आपने हर अध्याय में दिए अभ्यास पूरे किए हैं? स्कूल या किसी और सभा में भाषण देते वक्‍त और प्रचार में, क्या आप सलाह के हर मुद्दे पर अमल कर रहे हैं?

      परमेश्‍वर की सेवा स्कूल से मिलनेवाली तालीम से लगातार फायदा उठाते रहिए। आप चाहे कितने ही सालों से भाषण दे रहे हों, कुछेक मामले ऐसे हैं जिनमें आप और भी तरक्की कर सकते हैं।

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