मिलते-जुलते लेख km 4/06 पेज 8 क्या आप अपने समय में फेरबदल कर सकते हैं? क्या आप शाम के समय गवाही देने में हिस्सा ले सकते हैं? हमारी राज-सेवा—2012 क्या आपने संध्या गवाही कार्य करने की कोशिश की है? हमारी राज-सेवा—1996 सुसमाचार की भेंट—शाम के वक़्त में हमारी राज-सेवा—1991 योग्य लोगों को ढूँढ़ना हमारी राज-सेवा—2003 प्रचार के दौरान समय का अच्छा इस्तेमाल कीजिए हमारी राज-सेवा—2015 “सब कुछ सुसमाचार के लिये” कीजिए हमारी राज-सेवा—2009 स्मारक का मौसम—अपनी सेवा को बढ़ाने का समय हमारी राज-सेवा—2005 सरेआम गवाही देने का नया इंतज़ाम हमारी राज-सेवा—2014 क्या आप हालात के मुताबिक फेरबदल करने के लिए तैयार रहते हैं? हमारी राज-सेवा—2013 समय का सदुपयोग कीजिए हमारी राज-सेवा—1999