मिलते-जुलते लेख mwb20 दिसंबर पेज 8 ऐसा खज़ाना जो कभी न हो पुराना! पत्रिकाओं की पेशकश को अपनी सेवा का अहम हिस्सा बनाइए हमारी राज-सेवा—2005 हमारी पत्रिकाओं का सर्वोत्तम प्रयोग कीजिए हमारी राज-सेवा—1996 पत्रिकाएँ राज्य की घोषणा करती हैं हमारी राज-सेवा—1998 पत्रिका कार्य के लिए समय अलग रखिए हमारी राज-सेवा—1993 हर सम्भव अवसर पर पत्रिकाओं की भेंट करो हमारी राज-सेवा—1990 उत्कृष्ट पत्रिकाएं प्रस्तुत हमारी राज-सेवा—1990 ऐसे लेख चुनिए जो लोगों को खास पसंद आएँ हमारी राज-सेवा—1998 सुसमाचार की भेंट—पत्रिकाओं के साथ हमारी राज-सेवा—1990 हमारी पत्रिकाएँ किन लोगों को दिलचस्प लगेंगी? हमारी राज-सेवा—2013 प्रहरीदुर्ग और अवेक! का अच्छा प्रयोग करना हमारी राज-सेवा—1993