परमेश्वर की सेवा स्कूल में सीखी बातों पर चर्चा
27 अगस्त, 2012 से शुरू होनेवाले हफ्ते में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी। हर सवाल के आगे वह तारीख दी गयी है जिस हफ्ते में उस सवाल पर स्कूल में चर्चा की जाएगी।
1. यहेजकेल ने धर्मत्यागी इसराएलियों के बारे में जो दर्शन देखा, उसका क्या मतलब है? इससे हमें कौन-सा ज़रूरी सबक मिलता है? (यहे. 8:15-17) [ 2 जुला., प्रहरीदुर्ग 07 7/1 पेज 13 पैरा. 6; प्रहरीदुर्ग 93 4/1 पेज 29-30 पैरा. 7, 12]
2. आज के ज़्यादातर धर्म-गुरु किस तरह यहेजकेल के दिनों के झूठे भविष्यवक्ताओं की तरह हैं? (यहे. 13:3, 7) [9 जुला., प्रहरीदुर्ग 99 10/1 पेज 13 पैरा. 14-15]
3. यहेजकेल 17:22-24 में दर्ज़ भविष्यवाणी के मुताबिक “कोमल कनखा” कौन है, ‘एक अति ऊंचा पर्वत’ क्या है जहाँ उसे लगाया गया और वह कनखा किस मायने में एक “बलवन्त और उत्तम देवदार” बन जाएगा? [16 जुला., प्रहरीदुर्ग 07 7/1 पेज 12-13 पैरा. 7]
4. यहेजकेल 18:2 में बताए नीतिवचन के मुताबिक, यहेजकेल के संगी बंधुओं ने अपने दुखों के लिए किसे ज़िम्मेदार ठहराया? इससे हम कौन-सा अनमोल सबक सीखते हैं? [23 जुला., प्रहरीदुर्ग 88 11/1 पेज 17-18 पैरा. 10]
5. यहेजकेल 21:18-22 में दर्ज़ घटना कैसे दिखाती है कि कोई भी इंसान या दुष्ट स्वर्गदूत यहोवा के मकसद को पूरा होने से नहीं रोक सकता? [30 जुला., प्रहरीदुर्ग 07 7/1 पेज 14 पैरा. 4]
6. यहेजकेल 24:6, 11, 12 में दर्ज़ शब्दों के मुताबिक, हण्डे में लगा मोर्चा या ज़ंग क्या दर्शाता है? और आयत 14 में कौन-सा सिद्धांत दिया गया है? [6 अग., प्रहरीदुर्ग 07 7/1 पेज 14 पैरा. 2]
7. सोर नगर के खिलाफ की गयी भविष्यवाणी कैसे पूरी हुई? [6 अग., सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र (यिर्म-मला) पेज 7 पैरा. 4]
8. यहेजकेल 28:2, 12-17 में ऐसे कौन-से शब्द इस्तेमाल किए गए हैं जो “सोर के राजा” और सबसे पहले गद्दार शैतान, दोनों पर लागू होते हैं? [13 अग., प्रहरीदुर्ग 05 10/15 पेज 23-24 पैरा. 10-14]
9. मिस्र 40 सालों के लिए कब उजाड़ पड़ा रहा और हम क्यों यकीन के साथ कह सकते हैं कि ऐसा ज़रूर हुआ होगा? (यहे. 29:8-12) [13 अग., प्रहरीदुर्ग 07 8/1 पेज 8 पैरा. 5]
10. यहेजकेल ने क्या किया जब लोगों ने उसके संदेश में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी, उसकी बात अनसुनी कर दी और उसका मज़ाक उड़ाया? यहोवा ने उसे क्या यकीन दिलाया? (यहे. 33:31-33) [20 अग., प्रहरीदुर्ग 92 1/1 पेज 16 पैरा. 16-17]