वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • उत्पत्ति 44
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

उत्पत्ति का सारांश

      • यूसुफ का चाँदी का प्याला (1-17)

      • बिन्यामीन के लिए मिन्‍नत (18-34)

उत्पत्ति 44:1

संबंधित आयतें

  • +उत 42:25

उत्पत्ति 44:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2006, पेज 31

    1/15/2004, पेज 29

उत्पत्ति 44:8

संबंधित आयतें

  • +उत 43:12

उत्पत्ति 44:12

संबंधित आयतें

  • +उत 44:2

उत्पत्ति 44:14

संबंधित आयतें

  • +उत 43:8; 44:32
  • +उत 37:7, 9

उत्पत्ति 44:15

संबंधित आयतें

  • +उत 44:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2006, पेज 31

उत्पत्ति 44:16

संबंधित आयतें

  • +उत 37:18, 28; 42:21, 22

उत्पत्ति 44:17

संबंधित आयतें

  • +उत 44:9

उत्पत्ति 44:18

संबंधित आयतें

  • +उत 41:44; 45:8

उत्पत्ति 44:20

संबंधित आयतें

  • +उत 42:13; 43:7
  • +उत 37:31-34
  • +उत 35:18, 19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    6/2020, पेज 1

उत्पत्ति 44:21

संबंधित आयतें

  • +उत 42:15; 43:29

उत्पत्ति 44:22

संबंधित आयतें

  • +उत 42:38

उत्पत्ति 44:23

संबंधित आयतें

  • +उत 42:20

उत्पत्ति 44:25

संबंधित आयतें

  • +उत 43:2

उत्पत्ति 44:26

संबंधित आयतें

  • +उत 43:5

उत्पत्ति 44:27

संबंधित आयतें

  • +उत 29:18; 30:22-24; 35:18, 19; 46:19

उत्पत्ति 44:28

संबंधित आयतें

  • +उत 37:33

उत्पत्ति 44:29

संबंधित आयतें

  • +भज 16:10; सभ 9:10; हो 13:14; प्रेष 2:27; प्रक 20:13
  • +उत 37:34, 35; 42:38; भज 88:3

उत्पत्ति 44:32

संबंधित आयतें

  • +उत 43:9

उत्पत्ति 44:34

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    6/2020, पेज 1

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

उत्प. 44:1उत 42:25
उत्प. 44:8उत 43:12
उत्प. 44:12उत 44:2
उत्प. 44:14उत 43:8; 44:32
उत्प. 44:14उत 37:7, 9
उत्प. 44:15उत 44:5
उत्प. 44:16उत 37:18, 28; 42:21, 22
उत्प. 44:17उत 44:9
उत्प. 44:18उत 41:44; 45:8
उत्प. 44:20उत 42:13; 43:7
उत्प. 44:20उत 37:31-34
उत्प. 44:20उत 35:18, 19
उत्प. 44:21उत 42:15; 43:29
उत्प. 44:22उत 42:38
उत्प. 44:23उत 42:20
उत्प. 44:25उत 43:2
उत्प. 44:26उत 43:5
उत्प. 44:27उत 29:18; 30:22-24; 35:18, 19; 46:19
उत्प. 44:28उत 37:33
उत्प. 44:29भज 16:10; सभ 9:10; हो 13:14; प्रेष 2:27; प्रक 20:13
उत्प. 44:29उत 37:34, 35; 42:38; भज 88:3
उत्प. 44:32उत 43:9
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
  • 28
  • 29
  • 30
  • 31
  • 32
  • 33
  • 34
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
उत्पत्ति 44:1-34

उत्पत्ति

44 बाद में यूसुफ ने अपने घर के अधिकारी को हुक्म दिया, “इन आदमियों की बोरियों में उतना अनाज भर दे जितना वे ले जा सकते हैं। और हरेक का दिया पैसा भी उसकी बोरी में रख दे।+ 2 और सबसे छोटे भाई की बोरी में पैसे के साथ-साथ मेरा चाँदी का प्याला भी रख दे।” यूसुफ ने जैसा कहा उस आदमी ने वैसा ही किया।

3 अगले दिन जब सुबह हुई, तो उन आदमियों को विदा कर दिया गया और वे अपने गधों को लेकर निकल पड़े। 4 मगर वे शहर से कुछ ही दूर पहुँचे थे कि यहाँ यूसुफ ने अपने घर के अधिकारी से कहा, “तू जल्दी से जा, उन आदमियों का पीछा करके उन्हें रोक ले! और उनसे कह, ‘तुमने मेरे मालिक की भलाई का बदला बुराई से क्यों दिया? 5 क्यों तुमने उसका वह प्याला चुरा लिया जिससे वह पीता है और शकुन विचारता है? तुम लोगों ने कैसा दुष्ट काम किया है!’”

6 तब वह अधिकारी गया और उसने जाकर उन सबको रोक लिया और यूसुफ ने उसे जो बताया था वही उन सबसे कहा। 7 मगर उन्होंने उस आदमी से कहा, “मालिक, यह तू क्या कह रहा है? तेरे ये दास ऐसा काम करने की सोच भी नहीं सकते। 8 पिछली बार हमें बोरियों में जो पैसा मिला था, वह हम तुझे लौटाने के लिए कनान से वापस ले आए थे।+ जब हमने वह पैसा अपने पास नहीं रखा, तो हम तेरे मालिक के घर से सोना-चाँदी कैसे चुरा सकते हैं? 9 अगर तेरे दासों में से किसी के पास वह प्याला मिला, तो वह जान से मार डाला जाए और बाकी हम सब मालिक के गुलाम बन जाएँगे।” 10 उस आदमी ने कहा, “ठीक है, जैसा तुम कहते हो वैसा ही करते हैं। मगर तुममें से सिर्फ वही मेरा गुलाम बनेगा जिसके पास वह प्याला मिलेगा और बाकी सब बेकसूर ठहरोगे।” 11 तब उन सबने फटाफट अपनी बोरियाँ ज़मीन पर उतारीं और उन्हें खोला। 12 उस आदमी ने सबकी बोरियों की तलाशी ली। उसने बड़े भाई से शुरू करते हुए एक-एक करके सबकी बोरियाँ ध्यान से देखीं। आखिर में जब उसने सबसे छोटे भाई बिन्यामीन की बोरी की तलाशी ली, तो प्याला उसकी बोरी में मिला।+

13 जब उन भाइयों ने यह देखा तो उन्होंने मारे दुख के अपने कपड़े फाड़े। फिर उन्होंने अपने-अपने गधे पर बोरियाँ लादीं और वापस शहर गए। 14 तब यहूदा+ और उसके भाई यूसुफ के घर गए। यूसुफ अब भी वहीं था। वे सब उसके सामने ज़मीन पर गिर पड़े।+ 15 यूसुफ ने उनसे कहा, “यह तुमने क्या किया? क्या तुम्हें नहीं मालूम कि मुझ जैसा इंसान शकुन विचारकर सबकुछ पता लगा सकता है?”+ 16 तब यहूदा ने कहा, “अब हम क्या कहें मालिक? हम अपनी बेगुनाही कैसे साबित करें? हमने बरसों पहले जो गुनाह किया था, आज सच्चा परमेश्‍वर हमसे उसी का लेखा ले रहा है।+ अब हम तेरे गुलाम हैं मालिक! जिसके पास वह प्याला मिला वह और हम सब तेरे गुलाम हैं।” 17 मगर उसने कहा, “नहीं, मैं ऐसा करने की सोच भी नहीं सकता! सिर्फ वही मेरा गुलाम बनेगा जिसके पास वह प्याला मिला है।+ बाकी तुम सब अपने पिता के पास कुशल से वापस जा सकते हो।”

18 तब यहूदा उसके पास गया और उससे मिन्‍नत करने लगा, “मालिक, मैं कुछ कहना चाहता हूँ, मुझ पर भड़क मत जाना। मैं जानता हूँ, तेरी हस्ती फिरौन के समान है।+ 19 मालिक ने अपने दासों से पूछा था, ‘क्या तुम्हारा पिता है? क्या तुम्हारा कोई और भाई भी है?’ 20 हमने कहा, ‘हाँ, हमारा पिता है, वह बूढ़ा हो गया है और एक भाई भी है, सबसे छोटा।+ वह हमारे पिता के बुढ़ापे में पैदा हुआ था। उसका एक सगा भाई था जो मर गया है,+ इसलिए वह अब अपनी माँ का अकेला रह गया है।+ उसका पिता उससे बेहद प्यार करता है।’ 21 तब तूने अपने दासों से कहा, ‘अपने उस भाई को मेरे पास लाओ ताकि मैं उसे देखूँ।’+ 22 मगर हमने मालिक से कहा, ‘लड़का अपने पिता को छोड़कर नहीं आ सकता। अगर वह आया तो उसका पिता मर जाएगा।’+ 23 तब तूने अपने दासों से कहा, ‘जब तक तुम अपने छोटे भाई को नहीं लाते, मुझे अपना मुँह मत दिखाना।’+

24 घर लौटने पर हमने तेरे दास, अपने पिता को मालिक की सारी बातें बतायीं। 25 बाद में जब हमारे पिता ने कहा, ‘जाओ, हमारे लिए फिर से अनाज खरीद लाओ,’+ 26 तो हमने कहा, ‘हम ऐसे नहीं जा सकते। अगर हमारा सबसे छोटा भाई हमारे साथ चले तो ही हम जाएँगे। वरना हम उस आदमी को अपना मुँह नहीं दिखा सकते।’+ 27 तब हमारे पिता ने हमसे कहा, ‘तुम अच्छी तरह जानते हो कि मेरी पत्नी ने मुझे दो बेटे दिए थे।+ 28 एक को तो मैंने खो दिया और अब तक उसकी कोई खबर नहीं है, जैसे मैंने कहा था, “सचमुच किसी जंगली जानवर ने उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए होंगे।”+ 29 अब अगर तुम इस लड़के को भी मुझसे दूर ले जाओगे और उसके साथ कोई हादसा हो गया तो तुम्हारी वजह से यह बूढ़ा शोक में डूबा कब्र+ चला जाएगा।’+

30 इसलिए मैं इस लड़के के बगैर वापस नहीं जा सकता, क्योंकि इस लड़के में उसके पिता की जान बसी है। 31 अगर हम इसके बगैर गए, तो जैसे ही हमारा पिता देखेगा कि लड़का हमारे साथ नहीं है, वह मर जाएगा, शोक में डूबा कब्र चला जाएगा। और तेरे ये दास अपने बूढ़े पिता की मौत के दोषी ठहरेंगे। 32 इस लड़के को मैं अपनी ज़िम्मेदारी पर यहाँ लाया था और मैंने अपने पिता से कहा था, ‘अगर मैंने तेरा बेटा तुझे नहीं लौटाया, तो मैं ज़िंदगी-भर तेरा गुनहगार रहूँगा।’+ 33 इसलिए मालिक, मैं तुझसे बिनती करता हूँ, इस लड़के के बदले मुझे अपना गुलाम बना ले और इसे छोड़ दे ताकि यह अपने भाइयों के साथ लौट जाए। 34 मैं इस लड़के के बगैर अपने पिता के पास नहीं जा सकता। मैं अपनी आँखों से अपने पिता को तड़पते हुए नहीं देख सकता!”

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें