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  • भजन 88:उपरिलेख-18
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • कोरह के वंशजों का सुरीला गीत।+ निर्देशक के लिए हिदायत: यह गीत बारी-बारी से महलत की शैली* में गाया जाए। जेरह के वंशज हेमान+ का मश्‍कील।*

      88 हे यहोवा, मेरे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर,+

      दिन को मैं तुझे पुकारता हूँ,

      रात को भी मैं तेरे सामने आता हूँ।+

       2 मेरी प्रार्थना तेरे पास पहुँचे,+

      मेरी मदद की पुकार पर कान लगा।*+

       3 क्योंकि मैं पीड़ा से भरा हुआ हूँ,+

      मैं कब्र की दहलीज़ तक पहुँच गया हूँ।+

       4 मुझे अभी से उनमें गिना जा रहा है जो जल्द ही गड्‌ढे* में जानेवाले हैं,+

      मैं बिलकुल लाचार हो गया हूँ,*+

       5 मुझे मुरदों के बीच छोड़ दिया गया है,

      मैं उनके जैसा हो गया हूँ जो घात होकर कब्र में पड़े हैं,

      जिन्हें अब तू याद नहीं करता,

      जिन पर अब तेरा साया* नहीं रहा।

       6 तूने मुझे गहरी खाई में फेंक दिया है,

      उस बड़े अथाह-कुंड में, जहाँ अँधेरा ही अँधेरा है।

       7 तेरे क्रोध के बोझ से मैं दबा जा रहा हूँ,+

      तूने अपनी विनाशकारी लहरों से मुझे घेर लिया है। (सेला )

       8 तूने मेरे जान-पहचानवालों को मुझसे दूर भगा दिया है,+

      मुझे उनकी नज़र में घिनौना बना दिया है।

      मैं फँस गया हूँ, निकलने का कोई रास्ता नहीं।

       9 पीड़ा से मेरी आँखें धुँधली पड़ गयी हैं।+

      हे यहोवा, मैं सारा दिन तुझे पुकारता रहता हूँ,+

      हाथ फैलाकर दुआ करता हूँ।

      10 क्या तू मरे हुओं की खातिर करिश्‍मे करेगा?

      क्या मुरदे उठकर तेरी तारीफ कर सकते हैं?+ (सेला )

      11 क्या कब्र में तेरे अटल प्यार का

      और विनाश की जगह* तेरी वफादारी का बखान किया जाएगा?

      12 क्या तेरे आश्‍चर्य के काम, अंधकार की जगह

      या तेरी नेकी अज्ञानता की जगह जानी जाएगी?+

      13 फिर भी हे यहोवा, मैं मदद के लिए तुझे पुकारता हूँ,+

      हर सुबह अपनी प्रार्थना तेरे सामने रखता हूँ।+

      14 हे यहोवा, तू क्यों मुझे ठुकरा देता है?+

      क्यों मुझसे अपना मुँह फेर लेता है?+

      15 बचपन से ही मैं दुख झेलता आया हूँ, मौत से जूझता रहा हूँ,+

      तू मुझ पर भयानक विपत्तियाँ आने देता है,

      उन्हें सहते-सहते मैं बेजान हो गया हूँ।

      16 तेरे क्रोध की लपटों ने मुझे घेर लिया है।+

      तेरा खौफ मुझे खाए जा रहा है।

      17 तेरा खौफ मुझे सारा दिन समुंदर की लहरों की तरह घेरे रहता है,

      चारों तरफ से* मुझ पर हावी हो जाता है।

      18 तूने मेरे दोस्तों और साथियों को मुझसे बहुत दूर भगा दिया है,+

      अब अँधेरा ही मेरा साथी है।

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