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1 राजा 12:28-30पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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28 इसलिए राजा ने सलाह-मशविरा करने के बाद दो सोने के बछड़े बनवाए+ और लोगों से कहा, “तुम यरूशलेम जाने की तकलीफ क्यों उठाते हो। हे इसराएलियो देखो, तुम्हारा परमेश्वर यही है। यही तुम्हें मिस्र देश से निकाल लाया था।”+ 29 फिर यारोबाम ने एक बछड़ा बेतेल+ में खड़ा करवाया और दूसरा दान+ में। 30 इस वजह से लोगों ने पाप किया+ और वे दान में रखे बछड़े को पूजने के लिए वहाँ तक का लंबा सफर तय करने लगे।
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1 राजा 13:33, 34पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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33 इतना सब होने के बाद भी यारोबाम ने बुराई का रास्ता नहीं छोड़ा। वह ऊँची जगहों पर सेवा करने के लिए आम लोगों में से याजक ठहराता रहा।+ जो कोई याजक बनना चाहता उसे यारोबाम याजकपद सौंपता था।* वह कहता, “उसे याजक बनना है तो बनने दो।”+ 34 यारोबाम के घराने के इस पाप+ की वजह से ही उनका विनाश हुआ और धरती से उनका नामो-निशान मिट गया।+
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