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यशायाह 6:1-3पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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6 जिस साल राजा उज्जियाह की मौत हुई,+ मैंने एक दर्शन देखा। मैंने यहोवा को एक बहुत ही ऊँची राजगद्दी पर बैठे देखा।+ उसके कपड़े के घेरे से पूरा मंदिर भरा हुआ था। 2 उसके आस-पास साराप खड़े थे। उनके छ: पंख थे, दो से वे अपना चेहरा ढके हुए थे, दो से पाँव और दो से वे उड़ रहे थे।
सारी पृथ्वी उसकी महिमा से भर गयी है।”
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यहेजकेल 1:27, 28पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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27 जो उसकी कमर और ऊपर का हिस्सा लग रहा था वह सोने-चाँदी जैसा चमचमा रहा था।+ उसमें से आग जैसा कुछ निकल रहा था। कमर के नीचे का हिस्सा आग जैसा लग रहा था।+ उसके चारों तरफ ऐसी रौनक फैली हुई थी 28 जैसे बरसात के दिन बादल में निकलनेवाले मेघ-धनुष में होती है।+ उसके चारों तरफ फैली चकाचौंध रौशनी दिखने में ऐसी ही लग रही थी। वह यहोवा के महाप्रताप जैसा लग रहा था।+ जब मैंने यह देखा तो मैं मुँह के बल नीचे गिरा और मुझे किसी के बोलने की आवाज़ सुनायी देने लगी।
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