26 जो वफादार रहता है उसके साथ तू वफादारी निभाता है+
जो सीधा है उसके साथ तू सीधाई से पेश आता है,+
27 जो खुद को शुद्ध बनाए रखता है उसे तू दिखाएगा कि तू शुद्ध है,+
मगर जो टेढ़ी चाल चलता है उसके साथ तू होशियारी से काम लेता है।+
28 तू नम्र लोगों को बचाता है,+
लेकिन मगरूरों से तू अपनी आँखें फेर लेता है, उन्हें नीचे गिराता है।+
29 हे यहोवा, तू मेरा दीपक है,+
यहोवा ही मेरे अँधेरे को उजाला करता है।+
30 तेरी मदद से मैं लुटेरे-दल का मुकाबला कर सकता हूँ,
परमेश्वर की ताकत से मैं दीवार लाँघ सकता हूँ।+
31 सच्चे परमेश्वर का काम खरा है,+
यहोवा का वचन पूरी तरह शुद्ध है।+
वह उसकी पनाह लेनेवालों के लिए एक ढाल है।+